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सावधान! यहां स्निफर डॉग कर रहे हैं कोरोना संक्रमितों की पहचान, हुई तैनाती
फिनलैंड के हेलसिंकी एयरपोर्ट पर अब इस नए तरीके से कोरोना संक्रमण व्यक्ति की जांच होने वाली हैं। जिसके लिए एयरपोर्ट पर कोरोना स्निफर डॉग्स तैनात किए गए हैं।
कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया इससे जूझ रही हैं। लोग अपने घरों में बैठने पर मजबूर हो गए है। लेकिन अब जब लोग घरों से बहार निकल काम पर जाने लगे हैं तो उस स्थिति में लोगों की सुरक्षा के लिए हर जगह कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। अब तक मशीनो के ज़रिए या डॉक्टर्स के जांच के ज़रिए कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की पहचान की जाती थी। इसे पहचानने के लिए न जाने कितने तरीके खोजे गए, बनाए गए लेकिन अब कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान करने के लिए एकदम नायाब तरीका निकाला गया है।
डॉग करेंगे कोरोना की जांच
फिनलैंड के हेलसिंकी एयरपोर्ट पर अब इस नए तरीके से कोरोना संक्रमण व्यक्ति की जांच होने वाली हैं। जिसके लिए एयरपोर्ट पर कोरोना स्निफर डॉग्स तैनात किए गए हैं। खास बात यह है कि विशेष रूप से प्रशिक्षित स्निफर डॉग 10 मिनट में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों का पता लगा लेंगे। ऐसे ही चार डॉग्स एयरपोर्ट पर तैनात हैं।
अब नहीं पड़ेगी मशीनों की ज़रूरत
आपको बता दें, कि इन डॉग्स की कोरोना संक्रमित लोगों को पहचानने की क्षमता 94 से 100 फीसदी रही है। खास बात यह हैं कि उनकी तैनाती के कारण अब किसी को भी किसी तरह का टेस्ट कराने या स्कैनिंग से गुजरने की जरूरत नहीं है। यह डॉग्स ही उन संक्रमित लोगों की पहचान कर उनपर भौकने लगेंगे या फिर उसकी तरफ आगे बढ़ जाते हैं।
मेडिकल जांच को छोड़ा पीछे
सुसान्ना ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण कुत्तों को कम होता है क्योंकि इनके जीन में वो रिसेप्टर नहीं हैं जो कोविड-19 के वायरस को आकर्षित कर सकें। इससे इनके बचे रहने की उम्मीद बढ़ जाती है। इन डॉग्स की ख़ास बात ये हैं कि इनसे कम संक्रमित व्यक्ति भी बच कर नहीं निकल पाएगा। उनकी भी पहचान करने में यह डॉग्स माहिर हैं। ये डॉग्स किसी भी तरह के मेडिकल जांच से ज्यादा तेजी से रिजल्ट दे रहे हैं। इसलिए हेलसिंकी एयरपोर्ट पर इनकी काफी ज्यादा तारीफ भी हो रही है।
ऐसे करेंगे डॉग संक्रमित का टेस्ट
आपको बता दें, जो भी उस एअरपोर्ट पर आता हैं उन्हें एक खास तरह के केबिन से गुजरना होता है जहां पर ये कुत्ते पहले से मौजूद रहते हैं। वो दूर से ही सूंघ कर बता देते हैं कि शख्स को कोरोना है या नहीं। यही नहीं कई बार तो इन डॉग्स को स्किन को पोंछकर या लार या स्वैब का सैंपल निकालकर इन कुत्तों को सुंघाना पड़ता है, जिससे ये पता करके बता देते हैं कि उस व्यक्ति को कोरोना है या नहीं। इन कुत्तों को हेलसिंकी यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के साइंटिस्ट और प्रशासन ने मिलकर प्रशिक्षित किया है। यह बात तो सभी को पता हैं कि कुत्तों की सूंघने की क्षमता बहुत तेज होती है। उनके ओलफैक्ट्री ऑर्गन काफी संवेदनशील होते हैं इसलिए वे काफी चीजों को सूंघ कर उनमें अंतर कर लेते हैं। जैसे बीमारी, संक्रमण, बारूद, विस्फोटक या फिर ड्रग्स।
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हेलसिंकी एयरपोर्ट के वोर्रियर
हेलसिंकी एयरपोर्ट पर कोरोना स्निफर डॉग्स की तैनाती एक पायलट प्रोजेक्ट है। हालांकि, इसकी सफलता का दर बहुत ज्यादा है। इसलिए अब फिनलैंड की सरकार इसे अन्य स्थानों पर तैनात करने की योजना बना रही है। इन कुत्तों की तैनाती नर्सिंग होम्स, रिटायरमेंट होम्स, कस्टम्स और बॉर्डर चेक पोस्ट पर करने की भी तैयारी है। सुसान्ना ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण कुत्तों को कम होता है क्योंकि इनके जीन में वो रिसेप्टर नहीं हैं जो कोविड-19 के वायरस को आकर्षित कर सकें। इससे इनके बचे रहने की उम्मीद बढ़ जाती है।दुनिया में जो एकाध मामले आए हैं वो बेहद दुर्लभ केस हैं।
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