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World News : स्पेस एक्स का अंतरिक्ष पर कब्जा

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Published on: 22 Nov 2019 6:55 AM GMT
World News : स्पेस एक्स का अंतरिक्ष पर कब्जा
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न्यूयार्क। स्पेस एक्स ने फाल्कन रॉकेट के जरिए 60 और उपग्रह अंतरिक्ष में पहुंचाए हैं। कॉम्पैक्ट फ्लैट पैनल वाले इन छोटे छोटे उपग्रहों का वजन महज 260 किलोग्राम है। वैसे, इसके पहले इसी साल मई में 60 उपग्रह भेजे जा चुके हैं। ये उपग्रह भी अंतरिक्ष में जा कर उनसे जुड़ जाएंगे। स्पेस एक्स के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा में हजारों ऐसे उपग्रहों को भेजना चाहते हैं। इसके जरिए उनका इरादा पूरी दुनिया में तेज गति वाली इंटरनेट सेवा मुहैया कराना है। अगले साल उत्तरी अमेरिका और कनाडा में उन्होंने सेवा शुरू करने की योजना बनाई है। दुनिया भर में आबादी वाले इलाकों तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए इस तरह 24 बार उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

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कंपनी रॉकेट के ऐसे बूस्टर इस्तेमाल कर रही है जिन्हें बार बार उपयोग में लाया जा सकता है। इस बार के रॉकेट में लगा पहले चरण का बूस्टर चौथी बार उड़ान पर गया था जो अभूतपूर्व है। इन बूस्टरों को इस तरह से बनाया गया है कि इन्हें 10 बार इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बार की उड़ान में स्पेस एक्स ने पहली बार इस्तेमाल किए हुए नोज कोन (रॉकेट का ऊपरी हिस्सा) का भी दोबारा इस्तेमाल किया। कैलिफोर्निया की यह कंपनी रॉकेट के इस्तेमाल हुए पुर्जों का इस्तेमाल खर्च घटाने के लिए करती है।

रॉकेट के ऊपरी हिस्से में भीतर रखे नए उपग्रह अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद और ज्यादा ऊंचाई पर चक्कर लगाएंगे। इसके लिए क्रिप्टॉन की ऊर्जा वाले प्रक्षेपकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्पेस एक्स का कहना है कि 60 में से एक उपग्रह के साथ समस्या हो सकती है कि वह 280 किलोमीटर ऊंची कक्षा के पार न जा सके। ऐसी स्थिति में उस खराब उपग्रह को वापस पृथ्वी के वातावरण में आने के निर्देश दिए जाएंगे और फिर यह बिना नुकसान पहुंचाए खुद ही जल कर खत्म हो जाएगा। हर उपग्रह में एक स्वचालित तंत्र है जिससे कि वह अंतरिक्ष के कचरे से खुद को बचा सके।

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स्पेस एक्स और दूसरी कई कंपनियां पूरी दुनिया में ब्रॉडबैंड इंटरनेट का कवरेज देना चाहती हैं। खासतौर से उन इलाकों में जहां यह बहुत खर्चीला है या फिर भरोसेमंद नहीं है। इन कंपनियों में वनवेब और जेफ बेजोस की अमेजॉन प्रमुख हैं। इलॉन मस्क के मुताबिक स्टारलिंक से होने वाली कमाई से स्पेसएक्स ऐसे रॉकेट और अंतरिक्षयान बनाएगा जिनसे मंगल ग्रह की यात्रा हो सकेगी। इलॉन मस्क बहुत दिनों से मंगल यात्रा का सपना देख रहे हैं।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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