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अंतिम संस्कार में चमत्कार: मरी महिला 10 दिन बाद जिंदा, आंखे खुली की खुली रह गई

रोजेलिया ब्लैंको जिनकी उम्र 85 साल उनको कोरोना से संक्रमित होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वही एक महिला की मौत हो गई। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने परिवार के लोगों को इस बारे में जानकारी दी। फिर महिला के शव का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया।

Vidushi Mishra
Published on: 25 Jan 2021 12:59 PM GMT
अंतिम संस्कार में चमत्कार: मरी महिला 10 दिन बाद जिंदा, आंखे खुली की खुली रह गई
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स्पेन के अस्पताल में कुछ ऐसा हुआ, जिसे देखकर पूरा परिवार हैरान रह गया। क्योंकि वही मर चुकी बुजुर्ग महिला फिर सबके सामने आकर खड़ी हो गईं।

मैड्रिड: स्पेन में कोरोना से एक महिला की मौत हो गई। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने परिवार के लोगों को इस बारे में जानकारी दी। फिर महिला के शव का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन इसके बाद कुछ ऐसा हुआ, जिसे देखकर पूरा परिवार हैरान रह गया। क्योंकि वही मर चुकी बुजुर्ग महिला फिर सबके सामने आकर खड़ी हो गईं। जिसे देखकर सभी की आंखे खुली की खुली रह गई। आस-पास खड़े लोग अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं कर पा रहे थे।

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अस्पताल में भर्ती कराया

दरअसल रोजेलिया ब्लैंको जिनकी उम्र 85 साल उनको कोरोना से संक्रमित होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रोजेलिया के साथ एक और महिला भी थी। लेकिन कुछ दिनों पहले उन्हें अस्पताल से और स्थानीय प्रशासन ने जानकारी दी कि 13 जनवरी को उनकी मौत हो गई।

जिसके बाद उनका कोरोना प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया। और इसमें परिवार के लोगों को शामिल होने की मंजूरी नहीं दी गई। ऐसे में परिवार को भी कोई आशंका नहीं हुई। पर फिर अंतिम संस्कार के 10 दिनों बाद रोजेलिया ब्लैंको अपने घर पहुंच गई।

corona फोटो-सोशल मीडिया

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देखा तो खुद को रोक नहीं पाया

वैसे तो रोजेलिया ब्लैंको जोव शहर में रहती थी और एक केयर होम में रह रही थी। जिसके चलते उनके परिवार को सिर्फ कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी गई थी और पूरे देश में लॉकडाउन लगा होने की वजह से परिवार को उसने मुलाकात भी नहीं करने दी गई थी। फिर उनके पति ने कहा कि मैंने जब रोजेलिया को वापस आए हुए देखा तो खुद को रोक नहीं पाया। मैं रोने लगा था।

इस बारे में ब्लैंको ने बताया कि उनके रूम में साथ रहने वाली महिला की मौत हुई थी। हालाकिं अधिकारियों ने गलत पहचान के चलते उन्हें मृत घोषित कर दिया था। फिर स्थानीय प्रशासन को जब ब्लैंको के लौटने की जानकारी मिली, तो उसने खेद प्रकट किया और माना किया कि पहचान की गलती के चलते ऐसा हुआ था।

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