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बुरे फंसा चीन: इस फैसले के बाद जिनपिंग के खिलाफ हुए लोग, जल उठा इनर मंगोलिया

पड़ोसियों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाने वाला चीन ने अब नई आफत मोल ले लिया है। हांगकांग के बाद इनर मंगोलिया में ड्रैगन के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गया है। चीन के मंदारिन भाषा थोपने की वजह से इनर मंगोलिया में जनता सड़कों पर उतर आई है।

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Published on: 3 Sept 2020 9:21 PM IST
बुरे फंसा चीन: इस फैसले के बाद जिनपिंग के खिलाफ हुए लोग, जल उठा इनर मंगोलिया
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हांगकांग के बाद इनर मंगोलिया में ड्रैगन के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गया है। चीन के मंदारिन भाषा थोपने की वजह से इनर मंगोलिया में जनता सड़कों पर उतर आई है।

नई दिल्ली: पड़ोसियों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाने वाला चीन ने अब नई आफत मोल ले लिया है। हांगकांग के बाद इनर मंगोलिया में ड्रैगन के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गया है। चीन के मंदारिन भाषा थोपने की वजह से इनर मंगोलिया में जनता सड़कों पर उतर आई है। लोगों को पता है कि प्रदर्शन करने पर इसका अंजाम भुगतना होगा, लेकिन इसके बावजूद लोगों ने शी चिनपिंग सरकार के तानाशाही फैसले के खिलाफ हल्ला बोल दिया है।

इनर मंगोलिया में लोग सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं और फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं। चीन अब आंदोलन को कुचलने के लिए बल का प्रयोग कर रहा है। चीन के स्वायत्त क्षेत्र इनर मंगोलिया में शी जिनपिंग सरकार ने मंदारिन भाषा को लागू करने का निर्णय लिया। चीन ने फरमान जारी किया है कि इनर मंगोलिया में स्कूली बच्चों को मुख्य विषयों को स्थानीय भाषा की बजाय मंदारिन में पढ़ाया जाए।

उत्तरी चीन के इनर मंगोलिया में क्षेत्रीय सरकार अब इस नई नीति को लागू करने पर अड़ी हुई है। पुलिस प्रदर्शनकारियों के आवाज को दबाने में लगी हुई है।

Xi Jinping

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बताया राजनीतिक मिशन

इस क्षेत्र की चेयरवूमन बू शाओलिन का कहना है कि नई नीति महत्वपूर्ण राजनीतिक मिशन है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को इस आदेश को लागून कराने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके वे राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कम्युनिस्ट पार्टी नेतृत्व के प्रति अपनी वफादारी जाहिर करें। स्थानीय सरकार ने बीते सप्ताह एलान किया था कि प्राइमरी और सेकेंड्री स्कूलों में अब साहित्य, नीति शास्त्र और इतिहास स्थानीय मंगोलियन भाषा की बजाय मंदारिन भाषा में पढ़ाया जाएगा।

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संस्कृति और पहचान करने की साजिश

वहां की जनता डर रही है कि नई नीति से मंगोलियन भाषा धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी। उनका कहना है कि यह उनकी संस्कृति और पहचान को खत्म करने की साजिश है। नई नीति के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिभावक इस बात पर अड़े हैं कि जब तक नई नीति को सरकार वापस नहीं लेती है वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।

Protest in Inner Mongolia

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अनुशासन निरीक्षण आयोग ने नोटिस जारी किया है। आयोग ने स्थानीय काडर से लोगों पर नजर बनाए रखने के लिए कहा है। इसमें कहा गया है कि पार्टी पदाधिकारी लोगों की निगरानी करें और इस बात की पहचान करें कि कोई अतिवादी कदम तो नहीं उठा रहा है।

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