TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

जिसे देश नहीं मानती दुनिया, उसने दी कोरोना को सबसे बड़ी टक्कर

चीन से भौगोलिग और व्यापारिक संबंधों में नजदीकी के चलते सबसे ज्यादा खतरे में ताइवान था लेकिन वहां की सरकार के प्रयासों से वह सुरक्षित देशों में शामिल हो गया।

Shivani Awasthi
Published on: 6 April 2020 11:28 PM IST
जिसे देश नहीं मानती दुनिया, उसने दी कोरोना को सबसे बड़ी टक्कर
X

नई दिल्ली: चीन से पनपे कोरोना वायरस से दुनिया के तमाम देश प्रभावित हैं। कई देशों में तो कोरोना वायरस से संक्रमितों के बढ़ते मामले भयावर हो गए हैं। ऐसे में एक ऐसा देश जहां चीन के बाद सबसे पहले कोरोना वायरस पहुंचा, अन्य देशों की तुलना में कोरोना को रोकने में सबसे सक्षम देश बन कर उभरा। हैरान करने वाली बात ये हैं कि इस देश के अस्तित्व को दुनिया एक अलग राष्ट्र के तौर पर मानती ही नहीं।

चीन के बाद सबसे पहले ताइवान में पहुंचा कोरोनावायरस का संक्रमण

हम बात कर रहे हैं ताइवान की। दरअसल, चीन के बाहर सबसे पहले सिर्फ दो देशों में कोरोना वायरस के मामले सामने आये थे। ये देश थे ऑस्ट्रेलिया और ताइवान। तब तक अन्य देशों तक कोरोना नहीं पहुंचा था, लेकिन आज जब सभी देश कोरोना से ग्रसित है तो ताइवान में कोरोना संक्रमितों की संख्या 400 से भी कम है।

ये भी पढेंः मोहम्मद कैफ के मोमबत्ती जलाने पर आगबबूला हुए मौलना, कहा- मुसलमानों को मत करो बदनाम

अन्य देशों की तुलना में कोरोना से ताइवान ने जीती जंग

बता दे कि ऑस्ट्रेलिया और ताइवान की आबादी लगभग बराबर ही है। करीब 2.4 करोड़ की आबादी वाले दोनों देशों में एक साथ ही कोरोनावायरस का हमला हुआ था लेकिन वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 5000 हो चुकी है, वहीं ताइवान में 400 से भी कम मामले अब तक सामने आये हैं।

ये भी पढेंःकोरोना के खिलाफ जंग में यह हफ्ता महत्वपूर्ण, केस देखकर तय होगी आगे की रणनीति

दुनिया नहीं मानती ताइवान को अलग देश

गौरतलब ये हैं कि जो ताइवान कोरोनावायरस को अपने देश में बढ़ने से रोकने में इतना सक्षम है, उसे दुनिया में एक अलग देश के तौर पर देखा ही नहीं जाता। चीन समेत दुनिया के ज्यादातर देश 'वन चाइना पॉलिसी' के तहत ताइवान को चीन का ही अंग मानते हैं, हालाँकि ताइवान खुद को संप्रभु देश मानता है।

ताइवान ऐसे जीत रहा कोरोना से जंग

अन्य देशों की तुलना में ताइवान सरकार और आम नागरिकों ने कोरोना वायरस को शुरुआत से ही गंभीरता से लिया। चीन में जब कोरोना वायरस से लोगों की मौत हो रही थी, तभी ताइवान ने इससे लड़ने की तैयारियां शुरू कर दी थी। जनवरी में सरकार ने ताइवान की सीमाएं बंद कर दी और लोगों से मास्क पहने को कहा। एक रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान में स्वास्थ्य सुविधाएँ भी विश्वस्तरीय है।

ये भी पढेंःचीन का होगा बायकॉट: दुनियाभर के देशों ने उठाई अपनी आवाज

मार्स और सार्स की महामारी से ताइवान ने लिया सबक:

जब कोरोना ने दुनिया में दस्तक की तो, ताइवान को अपने देश की पुरानी महामारी याद आ गयी। मार्स और सार्स की महामारी भले ही कोरोना के सामने इतनी भयावर नहीं थीं लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए कारगर साबित हुईं। ताइवान में सार्स से निपटने के लिए बनाए गए नेशनल हेल्थ कमांड सेंटर (एनएचसीसी) के अधिकारी कोरोना को लेकर सक्रिय हो गए। कमांड सेंट्रल की वजह से मेडिकल अधिकारियों को कोरोना वायरस से संबंधित डेटा इकठ्ठा करने, संसाधनों के वितरण करना आदि आसान हो गया।

ताइवान का 124 सूत्रीय ऐक्शन प्लान

जानकारी के मुताबिक, ताइवान सरकार ने कोरोना के मद्देनजर पिछले पांच हफ्तों में 124 सूत्रीय ऐक्शन प्लान तैयार किया। रिपोर्ट की माने तो चीन से भौगोलिग और व्यापारिक संबंधों में नजदीकी के चलते सबसे ज्यादा खतरे में ताइवान था लेकिन वहां की सरकार के प्रयासों से वह सुरक्षित देशों में शामिल हो गया।

ये भी पढ़ेंः कोरोना की चपेट में अब ये देश, इमरजेंसी लागू करने पर विचार

कोरोना के मद्देनजर ताइवान के बड़े फैसले:

ताइवान से खुद को सुरक्षित करने के लिए बड़े फैसले लिए। सीमाएं सील करने के अलावा चीन से यात्रियों के आने पर पाबंदी लगा दी। क्वारंटीन के उल्लंघन पर सख्त सजा का आदेश जारी किया। वहीं ताइवान के अधिकारियों ने घरेलू स्तर पर मास्क का उत्पादन बढ़ा दिया। संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए बड़े कदम उठाये, जैसे व्यापक स्तर पर टेस्टिंग, दोबारा टेस्टिंग आदि। सार्वजनिक इमारतों में हैंड सैनिटाइजर और फीवर चेक अनिवार्य कर दिया ।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story