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सेना की जेल से फरार हुआ ये खूंखार आतंकी, 132 स्कूली बच्चों की मौत का है गुनहगार
पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के खोखलेपन का नया मामला सामने आया है। दरअसल, पाकिस्तान में सेना की जेल से एक खूंखार आतंकी फरार हो गया है।
दिल्ली: पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के खोखलेपन का नया मामला सामने आया है। दरअसल, पाकिस्तान में सेना की जेल से एक खूंखार आतंकी फरार हो गया है। इस घटना के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया, वहीं सेना की सुरक्षा व्यवस्था कटघरे के घेरे में आ गयी। बता दें कि ये वही आतंकी है, जिसने साल 2012 में नोबल पुरस्कार विजेता मलाल युसूफजई (Malala yousafzai) पर हमला किया था, वहीं साल 2014 में पेशावर (Peshawar) में सैन्य स्कूल में जानलेवा हमला किया था। इस हमले में स्कूल के 132 बच्चे मारे गये थे।
फरार आतंकी ने ऑडियो जारी कर पाकिस्तानी सेना की नाकाबलियत की दी जानकारी:
खूंखार आतंकी एहसानुल्लाह एहसान का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस ऑडियो में एहसान ने बताया कि वह पाकिस्तानी सिक्योरिटी एजेंसियों की कैद से 11 जनवरी को भाग निकला है। इसके अलावा उसने पाकिस्तानी सेना की पोल भी खोल दी। एहसान ने दावा किया कि उसके सरेंडर के समय पाक सेना ने जो वादा किया था वह नहीं निभाया।
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आतंकी का आरोप: समझौते का सेना ने किया उल्लंघन
दरअसल, एहसान का कहना है कि पाक सेना के साथ हुए एक समझौते के तहत उसने 5 फरवरी 2017 को सरेंडर किया था। उसने बताया, मैंने समझौते का तीन साल तक पालन किया लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने समझौते का उल्लंघन करते हुए मेरे बच्चों के साथ मुझे कैद कर दिया, जिसके बाद में सुरक्षा एजेंसियों के चुंगल से फरार होने का फैसला किया। इसी कड़ी में वह 11 जनवरी को सेना को चखमा देकर कैद से भागने में कामयाब हो गया। उसने ये भी कहा कि अपनी कैद को लेकर वह जल्द ही के विस्तृत बयान जारी करेगा।
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आतंकी के इस बयान वाला ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। सेना ने इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया। हालाँकि सूत्रों के मुताबिक़ वह आतंकी की तलाश में जुट गयी है।
कौन है एहसानुल्ला एहसान :
बता दें कि फरार आतंकी एहसान-उल्ला-एहसान पाकिस्तान तालिबान (Taliban) का पूर्व प्रवक्ता है। उसने ने साल 2012 में नोबल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई को गोली मारी थी। उस पर यह हमला पाकिस्तान की स्वात घाटी में लड़कियों के लिए शिक्षा अभियान से जुड़ने की वजह से हुआ था। वहीं एहसानुल्ला एहसान नाम का नाम पेशावर स्कूल हमले में भी शामिल था। इस हमले में पेशावर स्कूल के 132 बच्चे मारे गए थे।