तिब्बती PM का भारत को समर्थन: हिंसा के दम पर चीन का कब्जा, ऐसे सिखाएं सबक

तिब्बत की निर्वासित सरकार के पीएम लोबसंग सांगेय ने भारत-चीन विवाद मामले में अपने विचार रखते हुए कहा कि LAC सीमा पर स्थित गलवान वैली पर चीन का अधिकार नहीं है।

Shivani Awasthi
Published on: 18 Jun 2020 3:21 PM GMT
तिब्बती PM का भारत को समर्थन: हिंसा के दम पर चीन का कब्जा, ऐसे सिखाएं सबक
X

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच LAC में विवाद पर कई देश भारत के समर्थन में आ गए हैं और वहीं गलवान वैली पर अपना अधिकार जताने को लेकर चीन की निंदा कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब तिब्बत ने भारत के समर्थन में बयान जारी किया है। तिब्बत के प्रधानमंत्री लोबसंग सांगेय ने कहा कि अहिंसा भारत की परंपरा है, जिसका वह पालन करता है लेकिन चीन ऐसा नहीं करता।

तिब्बत के पीएम लोबसंग सांगेय ने किया भारत का समर्थन

तिब्बत की निर्वासित सरकार के पीएम लोबसंग सांगेय ने भारत-चीन विवाद मामले में अपने विचार रखते हुए कहा कि LAC सीमा पर स्थित गलवान वैली पर चीन का अधिकार नहीं है। उन्होंने चीन के दावों को गलत बताते हुए कहा कि गलवान नाम ही लद्दाख का दिया हुआ है। ऐसे में चीन के दावों का कोई मतलब नहीं बनता।

गलवान वैली पर चीन का अधिकार नहीं, दावे बेमतलब

पीएम लोबसंग सांगेय ने भारत की तारीफ़ करते हुए कहा कि अहिंसा भारत की परंपरा है और वह इसका पालन भी करता है लेकिन चीन सिर्फ अहिंसा की बाते ही करता है, पालन नहीं करता।काम वो हिंसा वाले करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन की हिंसा का एक उदाहरण खुद तिब्बत हैं, जिस पर चीन ने हिंसा के दम पर कब्जा किया।

ये भी पढ़ेंः चीन सीमा पर तनाव: रूस से लड़ाकू विमान खरीदेगा भारत, वायुसेना की बड़ी तैयारी

चीन ने हिंसा के दम पर तिब्बत पर किया कब्जा

उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच तिब्बत हैं और अगर विवादों को निपटाना है तो तिब्बत को 'जोन ऑफ पीस' बनाया जाए। वहीं पहले तिब्बत का मुद्दा हल हो, सभी शांति के हालात बन सकेंगे। उन्होंने सलाह दी कि दोनों सीमाएं सेना मुक्त होनी चाहिए, वरना तनाव बना रहेगा।

एशिया का नंबर 1 देश बनने के लिए चीन दूसरे देशो के क्षेत्रों पर कर रहा काबू

चीन के लिए उन्होंने कहा कि वह एशिया में नंबर 1 बनने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए उसका मुकाबला भारत, जापान और इंडोनेशिया से है। ऐसे में वह आसपास के क्षेत्रों पर काबू करना चाहता है, इनमे लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नेपाल, भूटान का नाम शामिल है। अपनी मंशा को पूरा करने के लिए चीन ने पहले डोकलाम पर कब्ज़ा करने की कोशिश की और अब लद्दाख पर गतिविधियों को बढ़ा रहा है।

ये भी पढ़ेंः सीमा पर तनाव: भारतीय विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान, चीन ने साजिश की थी हिंसा

आर्थिक स्तर पर चीन को सबक सीखा सकते हैं

चीन पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने सलाह की कि आर्थिक स्तर पर चीन को सबक सीखा सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत और चीन के बीच जो भी व्यापर चल रहे हैं, उससे चीन को दोगुना-तीन गुना फायदा हो रहा है। ऐसे में व्यापार पर नियंन्त्र लगाकर चीन को झटका दिया जा सकता है। पीएम मोदी ने चीन के साथ कुछ करार को रद्द करके जवाब दिया है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story