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अमेरिकी हिंसा में तिरंगा लहराने वाला शख्स, अब आया सबके सामने
सोशल मीडिया पर तिरंगा लहराने वाले शख्स का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। अब इस शख्स की पहचान केरल में कोच्चि के विन्सेंट जेवियर पालाथिंगल के तौर पर हुई है।
नई दिल्ली: बुधवार को अमेरिकी संसद भवन में हुए ट्रंप समर्थकों के हंगामे की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है। छह जनवरी को हुई इस हिंसा में माहौल तब और गर्मा गया जब उसमें एक व्यक्ति भारत का राष्ट्र-ध्वज तिरंगा लहराते हुए दिखा। इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस चल पड़ी कि ट्रंप समर्थकों के उपद्रव में भारतीय तिरंगे की क्या जरूरत थी। यही नहीं बीजेपी सासंद वरुण गांधी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बीच भी ट्विटर पर ‘जंग’ भी शुरू हो गई।
तिरंगा लहराने वाले शख्स की हुई पहचान
सोशल मीडिया पर तिरंगा लहराने वाले शख्स का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। अब इस शख्स की पहचान केरल में कोच्चि के विन्सेंट जेवियर पालाथिंगल के तौर पर हुई है। एक अंग्रेजी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जेवियर ने अपने फेसबुक पोस्ट में इस घटना को लेकर विस्तार से जानकारी दी है। उनका कहना है कि वे किसी हिंसा में शामिल होने के लिए नहीं गए थे। बल्कि वे सिर्फ चुनाव में धोखाधड़ी के खिलाफ प्रदर्शन करने गए थे।
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क्या कहा जेवियर ने?
जेवियर ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि डोनाल्ड ट्रंप की रैली हमेशा ही बहुत मजेदार होती है और आज भी कोई अपवाद नहीं था। उन्होंने कहा कि करीब 50 या उससे भी कम लोग यूएस कैपिटल की सिक्योरिटी को तोड़ते हुए और दीवार फांदकर कैंपस में घुस गए थे। उन लोगों ने खिड़कियां तोड़ दीं और वहां मौजूद पुलिस फोर्स पर हमला बोला। लेकिन इसका कारण ये नहीं हो सकता है कि आप लाखों शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को उठाकर फेंक दें।
कुछ अपराधियों द्वारा खराब किया गया इवेंट
तिरंगा फहराने वाले जेवियर आगे लिखते हैं कि कुछ अपराधियों द्वारा इस इवेंट को खराब कर दिया गया और हिंसा भड़काई गई। वह केवल एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन था। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का बिल्कुल अफसोस नहीं है कि मैं वहां तिरंगा लेकर गया। जेवियर का कहना है कि मैं एक गौरवान्वित भारतीय अमेरिकी हूं जो डोनाल्ड ट्रंप का समर्थक है। रिपोर्ट के मुताबिक, जेवियर 1992 से ही अमेरिका में रह रहे हैं और पेशे से एक इंजीनियर हैं।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
लोगों का आरोप जेवियर ने किया तिरंगे का अपमान
जेवियर ने बताया कि इससे पहले वो डेमोक्रैटिक पार्टी के समर्थक थे और दो बार बराक ओबामा को वोट दे चुके हैं। जेवियर का कहना है कि ट्रंप के समर्थकों को लगा था कि दबाव बनाए जाने पर चुनावी धोखाधड़ी पर अमेरिकी संसद में कम से कम दस घंटे तक तो बहस होगी ही, लेकिन वहां हुई हिंसा के चलते सब कुछ बेकार हो गया। बता दें कि सोशल मीडिया पर जेवियर को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा रहा है। लोगों का कहना है कि उन्होंने हिंसा में रंगा लहराकर भारत का अपमान किया है। केरल में भी उनकी खूब आलोचना हुई है।
(फोटो- सोशल मीडिया)
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि ट्रंप का आरोप है कि चुनाव में धांधली हुई है और इसी वजह से जो बाइडेन ने जीत हासिल की है। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा था कि उन्हें अमेरिकी चुनाव के नतीजे स्वीकार नहीं हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा था। बुधवार को ट्रंप के हजारों समर्थक अमेरिकी संसद भवन में घुस गए थे। इन सबने संसद के संयुक्त सत्र को रोकने की कोशिश की थी।
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बता दें कि संवैधानिक प्रक्रिया के तहत उस समय संसद के संयुक्त सत्र में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत की पुष्टि होनी थी। ट्रंप समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इस घटना में चार लोगों की मौत भी हो गई। जो लोग कैपिटल बिल्डिंग में घुसे थे ट्रंप ने उन्हें ट्विटर पर देशभक्त कहा था। इसके बाद हिंसा भड़काने के आरोप में फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर ने ट्रंप के अकाउंट पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
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