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अमेरिकी चुनावः जो बिडेन को भारी पड़ रही हैं कमला हैरिस
अमेरिका का भारतीय समुदाय कमला हैरिस के राजनीतिक झुकाव और उनके एजेंडा से बेहद नाखुश है। ओकलाहोमा यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर पद्मश्री, सुभाष काक साफ़ कहते हैं कि कमला हैरिस का राजनीतिक स्टैंड भारत विरोधी है। वह धुर वामपंथी विचार की हैं।
योगेश मिश्र
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव भारत के भरोसे लड़ा जा रहा है। यह बात शायद आपको आश्चर्य में डाल दें। पर यह हक़ीक़त भरोसा करने लायक़ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारा मैदान में हैं। अमरीकी संविधान के मुताबिक़ कोई भी केवल दो बार ही इस पद पर रह सकता है।
इनके सामने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन हैं। जो बिडेन ने उप राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस को उतारा है। जबकि ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निक्की हेली को अपने पद से इस्तीफा दिला कर मैदान में इसी पद के लिए उतार दिया है।
दोनों के बारे में यह प्रचार किया जा रहा है कि वे भारतीय मूल की हैं। ट्रंप और बिडेन के लिए उप राष्ट्रपति पद के लिए भारतीय मूल के उम्मीदवार उतारने की मजबूरी भारतीय मूल के वोटरों को रिझाना है। अब यह देखना ज़रूरी हो जाता है कि आख़िर हैरिस व हेली में भारतीय मूल के मतदाताओं की पसंद कौन है।
कौन हैं कमला हैरिस
जानते हैं कमला हैरिस के बारे में, इनका जन्म 1964 में ओकलैंड, कैलिफ़ोर्निया में हुआ था। कमला हैरिस के पिता का नाम डोनाल्ड हैरिस और मां का नाम श्यामला हैरिस था।
डोनाल्ड हैरिस जमैका से अमेरिका आये थे । जबकि श्यामला चेन्नई, भारत से आयीं थीं। डोनाल्ड हैरिस अमेरिका में कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले में पढ़ाई करने के लिए आये थे । जबकि श्यामला दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद इसी यूनिवर्सिटी में डॉक्टरेट करने आयीं थीं। डोनाल्ड और श्यामला एक्टिविस्ट थे। सिविल राइट्स आंदोलनों में हिस्सा लिया करते थे। इन दोनों ने शादी कर ली । लेकिन जब कमला 5 साल की थीं तब दोनों अलग हो गए। कुछ साल बाद तलाक ले लिया।
कैलिफ़ोर्निया, मोंट्रियल, वाशिंगटन डीसी से पढ़ाई करते हुए अंत में कमला ने 1989 में कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की। कमला हैरिस एक ईसाई हैं।
बदलता रहता है मूल वंश
अपने आप को ‘ब्लैक बैप्टिस्ट’ मानती हैं। कमला हैरिस ने एक यहूदी डगलस एम्होफ से शादी की है,जो एक वकील हैं। कमला इस पद की ‘पहली अश्वेत महिला कैंडिडेट’ हैं।
कमला हैरिस ने अपने आप को समय समय पर कभी अश्वेत और कभी अफ्रीकी-अमेरिकी बताया है। कहा जाता है कि कमला हैरिस अवसर के हिसाब से अपना मूल वंश बताती हैं।
जब यह तय हो गया कि जो बिडेन कमला हैरिस को अपने उपराष्ट्रपति के तौर पर सामने लायेंगे तब कमला हैरिस अचानक अपने आपको भारतीय मूल का बताने लगीं। चूँकि कमला हैरिस की माँ भारत में पैदा हुईं थीं ।
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इसलिए कमला हैरिस को भारत का ‘अपना’ बताने के तमाम प्रयास किये जा रहे हैं। सच्चाई तो यह है कि कमला हैरिस की माँ स्वेच्छा से अमेरिकी नागरिक बनी थीं। कमला अमेरिका में पैदा होने के कारण वहां की स्वाभाविक नागरिक हैं।
खुद को प्राउड अमेरिकी मानती हैं
वह स्वयं अपने आपको एक प्राउड अमेरिकी बताती हैं। अमेरिका के जनगणना फॉर्म में कमला हैरिस ने अपने आप को एशियाई अमेरिकी के बजाये अफ्रीकन अमेरिका लिखा है।
पोलिटोफैक्ट’ ने कमला हैरिस के पिता के बारे में बताया है कि वो जमैका के उन परिवारों के थे, जो गुलाम रखते थे। डोनाल्ड हैरिस ने खुद लिखा है कि वे जमैका के हैमिलटन ब्राउन परिवार के थे, जो जमैका में गुलामों के सबसे बड़े मालिक थे।
यानी कमला हैरिस गुलाम प्रथा के सरमायेदारों के वंश की हैं। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि जमैका में भी कमला हैरिस की वंशबेल अफ्रीका से मिलती है।
भारत की हैं धुर विरोधी
कमला हैरिस कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किये जाने की मुखर विरोधी हैं। कश्मीर के अलगाववादियों के बारे में कमला हैरिस का कहना रहा है कि ‘वे दुनिया में अकेले नहीं हैं।‘ कमला समेत डेमोक्रेटिक पार्टी के कई भारतीय वंशावली वाले सांसदों ने ‘सीएए’ के खिलाफ खूब जहर उगला था। उनकी सहयोगी प्रमिला जयपाल तो बाकायदा सीनेट में इस मसले पर एक प्रस्ताव ले आयीं थीं। के. हैरिस से जब भी पाक प्रायोजित आतंकवाद और भारतीय सीमा में चीन के अतिक्रमण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई कमेन्ट नहीं किया है।
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अमेरिका का भारतीय समुदाय कमला हैरिस के राजनीतिक झुकाव और उनके एजेंडा से बेहद नाखुश है। ओकलाहोमा यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर पद्मश्री, सुभाष काक साफ़ कहते हैं कि कमला हैरिस का राजनीतिक स्टैंड भारत विरोधी है।
वह धुर वामपंथी विचार की हैं। इसीलिए कमला हैरिस की जो बिडेन से पटरी खा रही है क्योंकि जो बिडेन अमेरिका और भारत के बीच प्रगाढ़ और ख़ास रिश्तों के पक्षधर नहीं हैं।
डेमोक्रेट्स की है ये साजिश
अमेरिकन फॉर हिन्दूज़ संगठन के संस्थापक आदित्य सत्संगी का मानना है कि कमला को डेमोक्रेट्स ने एक योजना के तहत प्लांट किया है ताकि भारतीय मूल के लोगों के वोट बंट जाएँ। सत्संगी का कहना है कि कमला ने अपने आपको भारतीय की बजाय अफ्रीकी मूल का बताया है।
उनका कैलिफ़ोर्निया में बतौर अटॉर्नी कामकाज का रिकार्ड संदिग्ध है। लिविंग प्लेनेट फाउंडेशन की संस्थापक कुसुम व्यास का कहना है कि कमला हैरिस पाकिस्तान समर्थक हैं। कमला हैरिस अवैध इमीग्रेशन का समर्थन करती हैं जो बहुत खतरनाक बात है।
अमेरिका में जब एक अश्वेत जॉर्ज फ्लोयेड की पुलिस के हाथों मौत हो गयी तो जगह जगह दंगे भड़क उठे थे। इसी समय ‘ब्लैक लाइव मैटर’ आन्दोलन शुरू हो गया। इसी दौरान कमला हैरिस ने मिनेसोटा फ्रीडम फण्ड को प्रमोट किया। इस फण्ड में 35 मिलियन डालर से ज्यादा धन एकत्र हुआ।
ये है एजेंडा
आरोप हैं की इस फण्ड से उपद्रवियों और बवालियों की जमानतें कराने का काम किया गया। आरोप है कि हत्या और रेप के आरोपितों की भी जमानत इसी फंड से कराई गयी। हैरिस के एजेंडे में है कि वैध इमीग्रेशन की व्यवस्था समाप्त कर दी जाएगी।
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प्रवासियों के मनमाने प्रवेश को खोल दिया जाएगा। किसी भी अवस्था के गर्भपात को कानूनी मान्यता दी जायेगी। टैक्स सुधारों को तत्काल खत्म कर दिया जाएगा। इससे सभी वर्गों पर टैक्स की दरें बढ़ जायेंगी।
अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों को भी हेल्थ केयर कवरेज दिया जाएगा। फॉसिल फ्यूल यानी जीवाश्म ईंधन का उपयोग समाप्त कर दिया जाएगा। गांजे के उपभोग को कानूनी तौर पर वैध कर दिया जाएगा। सजा का प्रावधान खत्म कर दिया जाएगा।
निक्की हेली
हेली को लेकर अचानक लिए गए फैसले से व्हाइट हाउस में अधिकतर लोग हैरान हैं। क्योंकि उनके पद छोड़ने की योजना का कोई संकेत नहीं था। निक्की हेली सिख परिवार में जन्मीं 'निक्की' रंधावा को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने अमरीका की ओर से संयुक्त राष्ट्र का राजदूत नियुक्त किया था।
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वह इस उपलब्धि को हासिल करने वाली पहली भारतीय मूल की महिला रही हैं। उन्हें अमरीका में कैबिनेट मंत्री का दर्जा है। हेली प्राइमरी चुनाव में ट्रंप के बजाय सीनेटर मार्को रुबियो के पक्ष में थीं। हालांकि आम चुनाव से पहले ही वह खुलकर ट्रंप के पक्ष में आ गई थीं।
उनकी शादी माइकल हेली से हुई है। उनके दो बच्चे रेना और नलिन हैं। हेली ओरेंजबर्ग प्रीपरेटरी स्कूल, इंक से स्नातक और क्लेमसन विश्वविद्यालय से लेखा स्नातक (बीएस) हैं। उन्होंने शादी की रस्म चर्च और गुरुद्वारा दोनों में आयोजित की थी। निक्की व हेली की दौड़ में हाल फ़िलहाल हेली आगे हैं। भारतीय मूल के लोगों की वह अकेली पसंद बन कर उभर रही हैं। हैरिस ट्रंप के लिए भी रास्ता आसान कर रही हैं।