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इराक में US दूतावास पर हमले के बाद, अमेरिका ने उठाया ये बड़ा कदम..
न्यू ईयर से एक दिन पहले मंगलवार 31 दिसंबर को यहां उच्च सुरक्षा वाले अमेरिकी दूतावास परिसर की बाहरी दीवार को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। प्रदर्शनकारी सप्ताह के अंत में हुए हवाई हमलों के दौरान ईरान समर्थक लड़ाकों के मारे जाने से गुस्से में थे। अमेरिकी सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए परिसर के अंदर आंसू गैस छोड़े।
बगदाद: न्यू ईयर से एक दिन पहले मंगलवार 31 दिसंबर को यहां उच्च सुरक्षा वाले अमेरिकी दूतावास परिसर की बाहरी दीवार को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। प्रदर्शनकारी सप्ताह के अंत में हुए हवाई हमलों के दौरान ईरान समर्थक लड़ाकों के मारे जाने से गुस्से में थे। अमेरिकी सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए परिसर के अंदर आंसू गैस छोड़े। अपने दूतावास की रक्षा के लिए अमेरिका ने अतिरिक्त सैनिकों को भेजने का फैसला किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने इसकी जानकारी दी है। यह फैसला अमेरिकी दूतावास पर मंगलवार के हमले के बाद लिया गया है। इराक में मौजूद अमेरिकी नागरिकों, सैन्यकर्मियों और राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका ने वहां अतिरिक्त सैनिकों को भेजने का फैसला किया है।
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प्रदर्शनकारी रविवार (29 दिसंबर) को अमेरिकी हवाई हमलों का विरोध कर रहे थे, जिसमें कटाईब हिजबुल्लाह (हिजबुल्ला ब्रिगेड) के कट्टरपंथी गुट के कम से कम 25 लड़ाके मारे गए थे। अमेरिका ने इस गुट पर अमेरिकी ठेकेदार की हत्या का आरोप लगाया है। इस बीच सऊदी अरब ने इराक में अमेरिकी बलों पर हुए हमले की निंदा की है और इस पर “गंभीर चिंता” जताई है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बगदाद में अमेरिका के दूतावास पर हुए हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इराक में अमेरिकी दूतावास पर ईरान हमले करवा रहा है।
सऊदी अरब की प्रेस एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा, सऊदी अरब इराक के अंदर आतंकवादी हमलों के बढ़ने से बेहद चिंतित है। जिनमें हालिया हमलों के तहत इराक में मौजूद अमेरिकी सेनाओं के खिलाफ ईरानी शासन द्वारा समर्थित आतंकवादी मिलिशिया द्वारा हमले किए गए थे।
इसमें सऊदी अरब इन आतंकवादी हमलों की निंदा करता है। आतंकवादी मिलिशिया द्वारा किए गए ये हमले इराक की संप्रभुता का उल्लंघन करते हैं और इसकी सुरक्षा और स्थिरता को प्रभावित करते हैं।
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