×

अमेरिका में 20 जनवरी को ही क्यों होता इनॉगरेशन डे, जानिए क्या है इतिहास

नवंबर में अमेरिका में जिस तारीख को राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होती है उसको अमेरिका का इलेक्‍शन डे कहा जाता है। अमेरिका में नवंबर के महीने में चुनाव होता है और यह 1 नवंबर और 8 नवंबर के बीच कराया जता है।

Dharmendra kumar
Published on: 19 Jan 2021 8:30 AM GMT
अमेरिका में 20 जनवरी को ही क्यों होता इनॉगरेशन डे, जानिए क्या है इतिहास
X
बाइडेन ने जोरदार बहुमत से जीत हासिल की है। वह 20 जनवरी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं। बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे।

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन ने जोरदार बहुमत से जीत हासिल की है। वह 20 जनवरी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं। बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे।

बाइडेन के साथ उप राष्ट्रपति कमला हैरिस भी शपथ लेंगी। ​बाइडेन के शपथ ग्रहण से पहले सुरक्षा चाक चौबंद कर दी गई है। अमेरिका में नए राष्ट्रपति आधिकारिक रूप से 20 जनवरी को शपथ ग्रहण होता है। अमेरिका में इस दिन को इनॉगरेशन डे कहते हैं।

जानिए क्या है इनॉगरेशन डे

नवंबर में अमेरिका में जिस तारीख को राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होती है उसको अमेरिका का इलेक्‍शन डे कहा जाता है। अमेरिका में नवंबर के महीने में चुनाव होता है और यह 1 नवंबर और 8 नवंबर के बीच कराया जता है। इन चुनाव नतीजें के बाद 20 जनवरी को नया राष्ट्रपति शपथ लेता है।

Joe Biden

अमेरिका में 20 जनवरी को क्यों होता है शपथ ग्रहण

अब यह सवाल है कि आखि‍र अमेरिकी राष्ट्रपति 20 जनवरी को ही राष्ट्रपति का क्यों शपथ ग्रहण होता है। अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव खत्‍म होने के लगभग ढाई महीने बाद शपथ ग्रहण समारोह होता है। यह इसलिए होता है, क्योंकि इस तारीख का उल्लेख अमेरिकी संविधान में 20वें संशोधन के तहत किया गया था। इसलिए अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति 20 जनवरी को ही शपथ ग्रहण करते हैं। इससे पहले अमेरिका में शपथ ग्रहण चार मार्च को होता था।

ये भी पढ़ें...खौफ में दाऊद इब्राहिम: पाकिस्तान से तोड़े सभी नाते, मजबूर हुए इमरान

अमेरिका में राष्ट्रपति पद का निर्वाचन प्रत्येक लीप ईयर यानी जब फरवरी उन्तीस दिन की होती है, उसी साल होता है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए मध्यावधि चुनाव नहीं होता। अगर किसी कारण राष्ट्रपति पद खाली हो जाता है, तो तुरंत उपराष्ट्रपति ही राष्ट्रपति बन जाता है। अपने पूर्ववर्ती के चार सालों में जितना समय बचता है वह उतने समय तक के लिए राष्ट्रपति रहता है। अगला चुनाव लीप ईयर में ही होता है।

ये भी पढ़ें...ट्रंप की मुठ्ठी में 100 लोगों की जान, कार्यकाल के आखिरी दिन कर सकते हैं ये बड़ा एलान

US

पहले 5 मार्च को होता था शपथ ग्रहण

अमेरिका में 1937 से पहले तक राष्‍ट्रपति का शपथ ग्रहण 5 मार्च को होता था। 30 अप्रैल 1789 को जॉर्ज वॉशिंगटन का शपथ ग्रहण समारोह हुआ था। उन्होंने फेडरल हॉल की बॉलकनी में शपथ ली थी। इसके बाद जब जॉर्ज वॉशिंगटन दूसरी बार राष्ट्रपति बने तो उन्होंने 4 मार्च 1793 को शपथ ली थी। तो वहीं जेम्‍स मोनरो जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति बने तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्‍यायाधीशों से विचार विमर्श किया। इसके बाद उन्होंने 5 मार्च 1821 को अपना शपथ ग्रहण समारोह रखा था।

इसके बाद अमेरिकी संविधान में 20वां संशोधन किया गया और राष्‍ट्रपति की इनॉग्रेशन का दिन 20 जनवरी तय हुआ। इसके बाद से ही 20 जनवरी को शपथ ग्रहण होने लगा। फ्रेंकलीन डी रूजवेल्‍ट ने सबसे पहले 20 जनवरी 1937 को शपथ ली थी।

US

ये भी पढ़ें...ओटोमन साम्राज्य का अंतिम चिराग भी बुझ गया, जानिए इनके बारे में

रविवार के लिए अलग नियम

अगर 20 जनवरी को रविवार पड़ता है, तो उसके अलग नियम है। अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शपथ दिलाते हैं, संविधान में मुख्य न्यायाधीश के लिए ऐसा करना अनिवार्य नहीं है। अगर 20 जनवरी की तारीख रविवार को पड़ती है, तो राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति निजी समारोह में शपथ होती है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story