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वैक्सीन पर बड़ी कामयाबी: ट्रायल में टीका पास, ये प्रसिद्द कंपनी कर रही तैयार

अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन भी कोविड 19 की वैक्सीन को विकसित कर रही है। इसे लेकर अब कंपनी ने दावा किया है कि इसका ट्रायल सफल रहा।

Shivani
Published on: 4 Sep 2020 2:19 PM GMT
वैक्सीन पर बड़ी कामयाबी: ट्रायल में टीका पास, ये प्रसिद्द कंपनी कर रही तैयार
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अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन भी कोविड 19 की वैक्सीन को विकसित कर रही है। इसे लेकर अब कंपनी ने दावा किया है कि इसका ट्रायल सफल रहा।

नई दिल्ली: दुनियाभर के तमाम देश कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं। ऐसे में इसके रोकथाम के लिए दवाओं और वैक्सीन पर तेजी से कई देश काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में जहां रूस में कोरोना की वैक्सीन आ गयी है तो वहीं अब अमेरिका भी कोरोना के टीके के काफी करीब पहुँच गया है। अमेरिका की एक कम्पनी जो कोरोना की वैक्सीन बना रही है, ने दावा किया है कि उन्हें इसके ट्रायल में सफलता मिली है।

US की जॉनसन एंड जॉनसन कोविड-19 वैक्सीन विकसित कर रही

दरअसल, अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन भी कोविड 19 की वैक्सीन को विकसित कर रही है। इसे लेकर अब कंपनी ने दावा किया है कि इसका ट्रायल सफल रहा। ट्रायल के दौरान पाया गया कि टीके से ऐसे एंटीबॉडी बने जिन्होंने चूहों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा लिया।

US johnson and johnson company developed covid-19 vaccine mouse trial pass

सीरियाई सुनहरे चूहों पर वैक्सीन का ट्रायल सफल

कहा जा रहा है कि अमेरिकी कम्पनी की इस वैक्सीन ने सीरियाई सुनहरे चूहों में इम्यून को बढ़ाया जिससे उन्हें निमोनिया जैसे अनेक रोगों और मौत से बचाया जा सका।

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बर्थ इजराइल डीकोनेस मेडिकल सेंटर के साथ मिलकर वैक्सीन निर्माण

बता दें कि अमेरिकी की प्रसिद्द जॉनसन एंड जॉनसन के साथ बर्थ इजराइल डीकोनेस मेडिकल सेंटर (BIDMC) संयुक्त रूप से इस टीके को विकसित कर रही है। इस वैक्सीन में सामान्य सर्दी जुखाम के वायरस ‘एडिनोवायरस सीरोटाइप 26’ (AD26) का इस्तेमाल किया गया है।

US johnson and johnson company developed covid-19 vaccine mouse trial pass

वैक्सीन ने चूहों को गंभीर निमोनिया और मौत से बचा

वैक्सीन को लेकर BIDMC के निदेशक डैन बरूच ने जानकारी दी कि एडी26 आधारित सार्स-सीओवी-2 टीके ने बंदरों के अंदर मजबूत सुरक्षा प्रणाली विकसित की और अब इसका परीक्षण मनुष्यों पर किया जा रहा है।

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उन्होंने ये भी साफ़ किया कि बंदरों में सामान्य तौर पर ज्यादा गंभीरबीमारियां नहीं होती है इसलिए इस टीके का अध्ययन चूहों पर किया गया। पता चला कि टीके के इस्तेमाल से चूहों को गंभीर निमोनिया और मौत से बचाया जा सकता है।

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