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US के राष्ट्रपति बनने से पहले ही बाइडन हुए भारत विरोधी, कर रहे ये काम

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन ने कश्मीर मुद्दे और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भारत विरोधी बयान दिए हैं।

Shivani Awasthi
Published on: 26 Jun 2020 10:22 PM IST
US के राष्ट्रपति बनने से पहले ही बाइडन हुए भारत विरोधी, कर रहे ये काम
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नई दिल्ली: अमेरिका में राष्ट्रपति पड़ के लिए नवम्बर में चुनाव होने हैं। डोनाल्ड ट्रम्प के सामने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से जो बाइडन मैदान में हैं। हालांकि चुनाव से पहले ही बाइडन भारत विरोधी बयान देते नजर आ रहे हैं। इन बयानों में वह कश्मीर और सीएए को भारत को सलाह दे रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडन ने दिए भारत विरोधी बयान

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन ने कश्मीर मुद्दे और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भारत विरोधी बयान दिए हैं। उन्होंने अपनी कैंपेन वेबसाइट पर प्रकाशित 'मुस्लिम अमेरिकी समुदाय के लिए एजेंडा' शीर्षक से प्रकाशित पॉलिसी पेपर में कहा कि कश्मीरियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए भारत को जरूरी कदम उठाने चाहिए।

सीएए और कश्मीर मुद्दे को अपने कैम्पेन में उठाया

इतना ही नहीं जो बाइडन ने नागरिकता (संशोधन) कानून और असम में एनआरसी लागू करने को लेकर निराशा जताते हुए पॉलिसी पेपर में कहा कि ऐसे कदम भारतीय लोकतंत्र की बहुसंस्कृतिवाद और धर्मनिरपेक्षता की परंपरा के खिलाफ हैं।

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हिन्दू अमेरिकियों ने बाइडन के भारत विरोधी बयानों का किया विरोध

हालांकि बाइडन के कैंपेन में भारत विरोधी बाते कहे जाने को लेकर हिन्दू अमेरिकियों के एक समूह ने नाराजगी जताते हुए विरोध जाहिर किया। उन्होंने बाइडन को इसपर दोबारा विचार करने को कहा। वहीं मुस्लिम अमेरिकियों के लिए पॉलिसी पेपर लाये जाने को लेकर उन्होंने मांग की कि इसी तरह की पॉलिसी पेपर हिंदू-अमेरिकियों के लिए भी लाइ जाएँ।

मुस्लिम अमेरिकियों के लिए बाइडन के पॉलिसी पेपर में कहा गया-

बता दें कि इस पॉलिसी पेपर में कहा गया कि बाइडन मुस्लिम देशों और मुस्लिम आबादी वाले देशों में हो रहे घटनाक्रमों को लेकर मुस्लिम-अमेरिकियों के दर्द को समझते हैं। इसमें उन्होंने चीन के वीगर मुसलमानों को डिटेंशन कैंप में रखे जाने, कश्मीर और असम के मुस्लिमों का भी जिक्र किया गया। वहीं म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों के साथ भेदभाव और उत्पीड़न के बारे में भी लिखा गया।

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CAA और कश्मीर को भारत बता चुका आंतरिक मामला

गौरतलब है कि जिन दो मुद्दों (CAA और कश्मीर) को बाइडन ने अपने पॉलिसी पेपर में उठाया उन्हें भारत सरकार पहले ही अपना आंतरिक मामला करार देते हुए बाहरी संगठनों और दूसरे देशों के हस्तक्षेप को खारिज कर चुका है। सरकार ने घोषणा की थी कि नागरिकता कानून का उद्देश्य पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करना है। वहीं, असम में लागू एनआरसी को भी सरकार ने पूरी तरीके से भारत का आंतरिक मामला बताया।

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