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सरकार का बड़ा फैसला: जारी करने जा रही एक लाख का नोट, इसलिए कर रही ऐसा

वेनेजुएला की सरकार अब एक लाख बोलिवर का नोट जारी करने जा रही है। हालांकि एक लाख बोलिवर के नोट की कीमत केवल 0.23 डॉलर के समान ही रहेगी।

Shreya
Published on: 7 Oct 2020 2:02 PM GMT
सरकार का बड़ा फैसला: जारी करने जा रही एक लाख का नोट, इसलिए कर रही ऐसा
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वेनेजुएला की सरकार छापने जा रही एक लाख बोलिवर का नोट

वेनेजुएला: वेनेजुएला की सरकार अब एक लाख बोलिवर का नोट जारी करने जा रही है। बता दें कि ये अब तक का सबसे बड़े मूल्य का नोट होगा। हालांकि एक लाख बोलिवर के नोट की कीमत केवल 0.23 डॉलर के समान ही रहेगी। यानी एक लाख बोलिवर में भी केवल दो किलो ही आलू आ सकेंगे। वेनेजुएला कभी अमीश देशों में शामिल था, लेकिन आज इस देश की करेंसी की कीमत रद्दी के बराबर हो चुकी है।

इसलिए इतने बड़े मूल्य की नोट छापने जा रही सरकार

बता दें कि वेनेजुएला में महंगाई दर काफी ज्यादा है। यहां के नागरिकों को एक कप कॉफी के लिए भी बैग भरकर नोट ले जानी पड़ती है। इसी समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने ये रास्ता खोज निकाला है। अब सरकार एक लाख बोलिवर का नोट जारी करने जा रही है। ताकि लोगों को कैश में दिक्कत ना हो। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कैश की कमी के कारण वेनेजुएला बैंकनोट पेपर भी बाहर से ही मंगा रहा है।

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Venezuela currency Venezuela जारी करने जा रहा एक लाख का नोट (फोटो- सोशल मीडिया)

लगातार 7वें साल मंदी का सामना कर रही अर्थव्यवस्था

वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था काफी सुस्त पड़ी हुई है। इस देश की इकोनॉमी लगातार सातवें साल मंदी का सामना कर रही है। वहीं इस साल कोरोना वायरस महामारी के कारण और तेल से होने वाले राजस्व में कमी की वजह से वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था और ज्यादा सुस्त हो गई है। साल 2017 से ही यहां पर मंहगाई लगातार बढ़ती जा रही है। ज्यादातर लोग जरूरत का सामान भी नहीं खरीद पा रहे हैं।

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ओपेक देशों के प्रतिबंधों के चलते हुई देश की ऐसी हालत?

बता दें कि वित्तीय संकट के कारण सरकार लगातार नोट छापती रही है, जिससे हाइपर मुद्रास्फीति की स्थिति पैदा हो गई और वहां की मुद्रा की कीमत घटती रही। वहीं वेनेजुएला के राष्ट्रपति मदुरो देश की आर्थिक बदहाली के लिए ओपेक देशों के प्रतिबंधों को जिम्मेदार बताते हैं। मदुरो के आलोचकों का कहना है कि दो दशकों तक मदुरो के शासनकाल में फैली अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के चलते देश की आर्थिक हालत ऐसी हो गई है।

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