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भगौड़े माल्या की बढ़ी चिंता: कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ खारिज की याचिका

विजय माल्या के प्रत्यर्पण के खिलाफ दाखिल की गई उसकी याचिका को इंग्लैंड और वेल्स की हाई कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया है।

Shreya
Published on: 20 April 2020 12:19 PM GMT
भगौड़े माल्या की बढ़ी चिंता: कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ खारिज की याचिका
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भगौड़े माल्या की बढ़ी चिंता: कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ खारिज को किया याचिका

नई दिल्ली: भारत में भगोड़े घोषित कारोबारी विजय माल्या की याचिका को ब्रिटिश हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।विजय माल्या के प्रत्यर्पण के खिलाफ दाखिल की गई उसकी याचिका को इंग्लैंड और वेल्स की हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। माल्या पर 9000 करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने का और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है।

फरवरी में दाखिल याचिका को अदालत ने किया खारिज

आपको बता दें कि विजय माल्या ने इस साल फरवरी में इंग्लैंड और वेल्स की हाई कोर्ट में खुद को भारत प्रत्‍यर्पित किए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। माल्या साल मार्च 2016 से ही भारत से भागा फीर रहा है।

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लंदन की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस की दो सदस्यीय पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत का मानना है कि भारत में माल्या के खिलाफ कई गंभीर और बड़े आरोप लगे हैं।

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माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी के कई ठोस सबूत

वहीं पिछले दिनों प्रत्यपर्ण के आदेश को चुनौती देने वाली माल्या की याचिका पर अदालत ने सुनवाई करते हुए इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि भगोड़े माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी के कई ठोस सबूत हैं।

ब्रिटिश सरकार के अधिवक्ता मार्क समर्स ने अदालत के समक्ष कहा था कि प्रत्यर्पण समझौते के मुताबिक, भगोड़े शराबी कारोबारी को भारत को सौंपने के लिए करीब 32 हजार पेज के सबूत पेश किए गए हैं। उक्त सभी सबूतों में सभी चीजें साफतौर पर जाहिर हो रही हैं। उन्होंने कहा था कि निचली अदालत ने भी इन सबूतों को सही करार दिया है।

ऐसे में बिना देरी के माल्या को भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाए। ताकि उसके खिलाफ जो मामले दर्ज हैं उसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। वहीं माल्या की दलीलों में भारत सरकार की नीतियों को किंगफिशर एयरलाइंस के विफल होने के पीछे की वजह बताई गई थी।

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माल्या ने क्या किया था ट्वीट

वहीं 31 मार्च को ट्वीट करते हुए माल्या ने कर्ज वापस लौटाने की मांग की। माल्या ने ट्वीट किया, ‘मैंने बार बार बैंकों को केएफए द्वारा ली गई कर्ज की राशि का 100% भुगतान करने का प्रस्ताव दिया हैं। लेकिन न तो बैंक पैसे लेने को तैयार हैं और न ही ईडी अपने अटैचमेंट को जारी करने को तैयार है, जो उन्होंने बैंकों के इशारे पर किया था।’

लॉकडाउन पर काम ठप्प होने की शिकायत, मांगी सरकार की मदद

इतना ही नहीं माल्या ने भारत में कोरोना वायरस के संकट की वजह से जारी लॉकडाउन को लेकर भी शिकायत की। उन्होंने लिखा, ‘भारत सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन कर के वो कर दिखाया, जो किसी ने सोचा नहीं था। हम इसका सम्मान करते हैं, लेकिन इसकी वजह से मेरी सभी कंपनियों का काम ठप हो गया है। सभी तरह की मैन्युफैक्चरिंग भी बंद है। इसके बावजूद हम अपने कर्मचारियों को घर नहीं भेज रहे हैं और उनका भुगतान कर रहे हैं। सरकार को हमारी मदद करनी होगी।’

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