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इस खूबसूरत बिल्डिंग में खाड़ी देश सुलझाएंगे मुद्दे, केवल ढाई महीने में हुई थी तैयार

मराया कॉन्सर्ट हॉल अल-उला शहर से 22 किमी दूर वर्ल्ड हेरिटेज साइट अल-हिजरा पर स्थित है। 5000 वर्ग मीटर में फैले इस इमारत का उद्घाटन साल 2019 में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा किया गया था।

Shreya
Published on: 6 Jan 2021 1:10 PM GMT
इस खूबसूरत बिल्डिंग में खाड़ी देश सुलझाएंगे मुद्दे, केवल ढाई महीने में हुई थी तैयार
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इस खूबसूरत बिल्डिंग में खाड़ी देश सुलझाएंगे मुद्दे, केवल ढाई महीने में हुई थी तैयार

नई दिल्ली: खाड़ी देशों के संगठन गल्फ कॉपरेशन काउंसिल (जीसीसी) का 41वां शिखर सम्मेलन सऊदी अरब के शहर अल-उला में हो रहा है। इसमें खाड़ी देश मिलकर आपसी और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को हल करेंगे। बता दें कि यह सम्मेलन दुनिया की सबसे बड़ी मिरर बिल्डिंग में हो रही है। जिसमें चारों ओर से अल-उला की पहाड़ियों का प्रतिबिंब नजर आता है। इस बिल्डिंग का नाम मराया कॉन्सर्ट हॉल (Maraya Concert Hall) है। तो चलिए जानतें हैं इसके बारे में-

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 2019 में किया था उद्घाटन

मराया कॉन्सर्ट हॉल अल-उला शहर से 22 किमी दूर वर्ल्ड हेरिटेज साइट अल-हिजरा पर स्थित है। 5000 वर्ग मीटर में फैले इस इमारत का उद्घाटन साल 2019 में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा किया गया था। इसके उद्घाटन के बाद पहला इवेंट विंटर एट तंतोरा का आयोजन किया गया था। जिसमें अरब के मशहूर संगीतकार ओमर खैरात ने अपनी परफॉर्मेंस से चार चांद लगाए थे। इस खूबसूरत बिल्डिंग को मशहूर डिजाइनर जीन नोवेल ने डिजाइन किया है।

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Maraya Concert Hall (फोटो- सोशल मीडिया)

हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों की भी हुई है शूटिंग

इसमें बेहद सुंदर रिजॉर्ट भी है। मराया कॉन्सर्ट हॉल में इमर्सिव थियेटर है। इसमें इंटरेक्टिव एग्जीबिशन भी लगाया जा सकता है। खूबसूरत Maraya Concert Hall में एक साथ 500 से भी ज्यादा लोगों के बैठने की व्यवस्था है। बता दें कि वर्ल्ड हेरिटेज साइट अल-हिजरा पर हॉलीवुड फिल्म ममी की शूटिंग भी हुई है। इसके अलावा बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी यहां की झलक देखने को मिली है।

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केवल ढाई महीने में तैयार की गई थी बिल्डिंग

बता दें कि इस बिल्डिंग को केवल ढाई महीने में ही तैयार कर लिया गया था। इसमें लगा हर एक कांच गार्जियन ग्लास है। इस बिल्डिंग में तीन हजार से भी ज्यादा प्री-टेंपर्ड ग्लास लगाए गए हैं। ये हर तरह के मौसम में टिक सकते हैं। साथ ही इनमें ज्यादा से ज्यादा और कम से कम तापमान सहने की भी क्षमता होती है। बिल्डिंग में लगे ग्लास की वजह से यहां पर रात में भी रोशनी की कमी नहीं होती है।

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