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गिरा सबसे बड़ा एंटीना: अब एलियन्स का नहीं चल सकेगा पता, विज्ञानिकों को झटका

इस एंटीना को जब बनाया गया था तब इसका मकसद रक्षा प्रणाली को मजबूत करना था। इसके जरिए प्यूर्टो रिको एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना चाहता था। बाद में इसका उपयोग वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाने लगा।

Newstrack
Published on: 3 Dec 2020 12:05 PM IST
गिरा सबसे बड़ा एंटीना: अब एलियन्स का नहीं चल सकेगा पता, विज्ञानिकों को झटका
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गिरा सबसे बड़ा एंटीना: अब एलियन्स का नहीं चल सकेगा पता, विज्ञानिकों को झटका

नई दिल्ली: विज्ञान की दुनिया बहुत बड़ी है। आज जो हम आधुनिक चीजें इस्तेमाल करते हैं या प्राचीन चीजों की जानकारी हमारे पास है वो विज्ञान की ही देन है। कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। एक ऐसा ही आविष्कार जो हमें दूसरी दुनिया की जानकारी देता था मंगलवार देर रात एक हादसे में दुनिया का सबसे ताकतवर टेलीस्कोप पूरी तरह से नष्ट हो गया। यह पूरा एंटीना 450 फीट नीचे गिरकर टूट गया।

एलियन ग्रहों और एस्टेरॉयड्स की खबरें आनी बंद हो गई

इस एंटीना के नष्ट होने की वजह से दुनिया को एलियन ग्रहों और एस्टेरॉयड्स की खबरें देने वाली ऑब्जरवेटरी ने पूरी तरह काम करना बंद कर दिया है। मंगलवार को एंटीना के ऊपर पूरा का पूरा एक टावर और बाकी केबल गिर पड़े। इसकी वजह से डिश एंटीना जमीन पर गिर गया। पिछले महीने ही इसका एक केबल टूटने से एंटीना क्षतिग्रस्त हुआ था। बता दें कि इस एंटीना के ऊपर जेम्स बॉन्ड सीरीज की मूवी गोल्डन आई की शूटिंग भी हुई थी।

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ऑब्जरवेटरी को बनने में तीन साल लगे थे

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्यूर्टो रिको आर्सीबो ऑब्जरवेटरी (Arecibo Observatory) में ये एंटीना लगा हुआ था। यह एंटीना अंतरिक्ष की गहराइयों से आने वाले खतरों जैसे एस्टेरॉयड्स, मीटियॉर्स और एलियन दुनिया आदि की जानकारी दुनिया भर के वैज्ञानिकों को देता था। इस ऑब्जरवेटरी का संचालन एना जी मेंडेज यूनिवर्सिटी, नेशनल साइंस फाउंडेशन ( US National Science Foundation-NSF) और यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा मिलकर करते हैं।

इस ऑब्जरवेटरी को बनने में तीन साल लगे। इसका निर्माण कार्य 1960 में शुरू हुआ था। जो 1963 में पूरा हुआ। इस ऑब्जरवेटरी के जो केबल टूटे हैं उन पर 5.44 लाख किलोग्राम वजन था।

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खगोलीय वस्तुओं के बारे में जानकारी देता था ये एंटीना

बता दें कि इस ऑब्जरवेटरी में एक 1007 फीट तीन इंच व्यास का बड़ा गोलाकार एंटीना है। जो सुदूर अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों को पकड़ता है। इसका मुख्य काम धरती की तरफ आ रही खगोलीय वस्तुओं के बारे में जानकारी देना है। 1007 फीट व्यास वाले एंटीना में 40 हजार एल्यूमिनियम के पैनल्स लगे हैं जो सिग्नल रिसीव करने में मदद करते हैं। इस एंटीना को आर्सीबो राडार कहते हैं। आर्सीबो ऑब्जरवेटरी को बनाने का आइडिया कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विलियम ई गॉर्डन को आया था।

Puerto Rico Arcebo Observatory-3

बांधने के लिए 3.25 इंच मोटे स्टील के तारों का उपयोग

इस एंटीना के बीचो-बीच एक रिफलेक्टर है जो ब्रिज के जरिए लटका हुआ है। यहां ऐसे दो रिफलेक्टर्स है। पहला 365 फीट की ऊंचाई पर और दूसरा 265 फीट की ऊंचाई पर। सभी रिफलेक्टर्स को तीन ऊंचे और मजबूत कॉन्क्रीट से बने टावर से बांधा गया है। बांधने के लिए 3.25 इंच मोटे स्टील के तारों का उपयोग किया गया है। ऑर्सीबो राडार यानी एंटीना कुल 20 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है।

इसकी गहराई 167 फीट है। इनमें से कुछ केबल टूट गए। जो केबल टूटे हैं उनपर 2.83 लाख किलोग्राम का वजन था। इसकी वजह से एंटीना के 100 फीट के हिस्से में छेद हो गया है। एल्यूमिनियम से बने एंटीना का बड़ा हिस्सा टूटकर जमीन पर गिर चुका है। आपको बता दें कि इस एंटीना की मदद से दुनिया भर के करीब 250 साइंटिस्ट अंतरिक्ष पर नजर रखते हैं।

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हालीवुड की मशहूर फिल्म जेम्स बॉन्ड फिल्म की भी शूटिंग हुई थी

आपको बता दें कि इस ऑब्जरवेटरी में जेम्स बॉन्ड सीरीज की मशहूर फिल्म "गोल्डन आई" का क्लाइमैक्स सीन फिल्माया गया था। इस फिल्म में पियर्स ब्रॉसनन जेम्स बॉन्ड का किरदार निभा रहे थे। इसके अलावा इस ऑब्जरवेटरी में कई फिल्में, वेबसीरीज और डॉक्यूमेंट्रीज बन चुकी हैं। इसके अलावा जोडी फॉस्टर की फिल्म कॉन्टैक्ट की शूटिंग भी यहीं हुई थी।

मंगलवार की रात इसके सारे केबल टूट गए और यह डिश एंटीना पर गिर पड़े, जिसकी वजह से पूरा का पूरा डिश एंटीना क्षतिग्रस्त हो गया। एंटीना के ऊपर लटका हुआ ढांचा भी गिर गया। जिससे काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। ऑर्सीबो ऑब्जरवेटरी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि विज्ञान की दुनिया के एक युग का अंत। ऑर्सीबो टेलीस्कोप टूट गया लेकिन इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

Puerto Rico Arcebo Observatory-5

एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मजबूत के लिए बनाया गया था

इस एंटीना को जब बनाया गया था तब इसका मकसद रक्षा प्रणाली को मजबूत करना था। इसके जरिए प्यूर्टो रिको एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना चाहता था। बाद में इसका उपयोग वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाने लगा। इस एंटीना ने सिर्फ अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की ही जानकारी नहीं दी है। बल्कि आसपास के देशों को कई प्राकृतिक आपदाओं की सूचनाएं भी मुहैया कराई हैं।

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Puerto Rico Arcebo Observatory-2

900 टन का यह ढांचा कुछ ही केबल्स पर टिका था

इस एंटीना ने पिछले 50 सालों में कई चक्रवातों, भूकंपों और हरिकेन्स की जानकारियां भी दी हैं। अब साइंटिस्ट हैरान है कि करीब 900 टन का यह ढांचा कुछ ही केबल्स पर टिका है। इसे तत्काल रिपेयरिंग की जरूरत है। अगर जल्द ही इसकी मरम्मत नहीं की गई तो पूरा का पूरा ढांचा गिर सकता है। अगर यह ढांचा गिर गया तो इसे वापस बनाने में काफी समय लग जाएगा। साइंटिस्ट ने टूट-फूट का आकलन किया था तो पता चला कि करीब 89।46 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। अगले महीने तक नए केबल आने की उम्मीद है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ऑब्जरवेटरी के प्रमुख ने नेशनल साइंस फाउंडेशन से मरम्मत के लिए नुकसान हुए रकम की मांग की थी।

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