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पलक झपकते दुनिया तबाह! सिर्फ एक तीली से मचेगा तांडव, इतने घातक हैं ये हथियार
सभी लोग जानते हैं कि पहले लड़ाइयों के लिए तलवारों और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया जाता था,लेकिन अब हमारे देश में लड़ाई के लिए बारूद से बने बम का इस्तेमाल किया जाता है, बम एक ऐसा हथियार है जो पूरे देश को नष्ट कर सकता है,
लखनऊ: सभी लोग जानते हैं कि पहले लड़ाइयों के लिए तलवारों और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया जाता था,लेकिन अब हमारे देश में लड़ाई के लिए बारूद से बने बम का इस्तेमाल किया जाता है, बम एक ऐसा हथियार है जो पूरे देश को नष्ट कर सकता है, तो चलिए आज हम आपको बताएंगे सबसे खतरनाक हथियारों के बारे में...
दुनिया के सबसे ज्यादा खतरनाक हथियार
परमाणु बम:
यह घातक बम, मनुष्य द्वारा बनाये गए सबसे खतरनाक हथियारों में से एक है। दुनिया को इस खतरनाक हथियार की ताकत का पता 1945 के बाद ही चला था। जब परमाणु बम को जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी में गिराया गया था। जिसमें 200,000 से अधिक लोग मारे गए थे। सबसे पहले परमाणु बम का प्रयोग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुआ था।
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इन हथियारों को काफी विनाशकारी माना जाता है क्योंकि एक ही बम लाखों लोगों को मारने और पूरे शहर को नष्ट करने की क्षमता रखता है। बता दें कि पहला परमाणु बम का उपनाम था 'लिटिल बॉय' और दूसरे का 'फैट मैन'था।
हाइड्रोजन बम:
सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा शक्तिशाली थर्मो परमाणु हथियार RDS-220 हाइड्रोजन बम है। हाइड्रोजन बम, परमाणु से भी अधिक शक्तिशाली है। 30 अक्टूबर 1961 को, सोवियत संघ ने रूसी आर्कटिक सागर में नोवाया ज़म्ल्या द्वीप पर एक आरडीएस -220 का विस्फोट किया। इसमें 50 मेगाटन का विस्फोटक बल था, जो 3,800 परमाणु बम के बराबर है जो हिरोशिमा पर गिराया गया था।एक मार्च 1954 को अमेरिका ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया और यह मानव इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा विस्फोट था। भारत ने हाइड्रोजन बम टेस्ट सन 1998 में किया था।
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पहला हाइड्रोजन बम Marshall Island पर टेस्ट किया गया था जिसने आइलैंड और आसपास के पूरे क्षेत्र में सभी प्रकार के जीवन को खत्म कर दिया था। हाइड्रोजन बम के अब तक 5 आधिकारिक परीक्षण किए जा चुके हैं। हाइड्रोजन बम को एच-बम भी कहा जाता है। आधिकारिक तौर पर सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और भारत के पास ही हाइड्रोजन बम है। हाइड्रोजन बम का एक छोटा सा डिवाइस भी किसी शहर को तबाह करने के लिए काफी है।
हाइड्रोजन एक्सप्लोजन के दौरान निकलने वाली रोशनी अंधा बनाने के लिए काफी है। माना जाता है की जितने परमाणु हथियार इस समय धरती पर ऐक्टिव हैं वे सभी मानवजाति का नाश करने के लिए काफी है।
जैविक हथियार:
जैविक हथियार, जिसमें शामिल विष या संक्रामक एजेंट मारने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसमें नुकसान की संभावना एच-बम से भी अधिक होती है। संक्रमण एक लक्षित आबादी में तेजी से फैल सकता है। 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैविक हथियारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और आधुनिक युद्ध में तैनात नहीं किया गया था। इसकी चपेट में आने से पूरा इलाका काल का ग्रास बन जाता है।
बम या मिसाइल के हमले में तो लोग एक ही बार मरते हैं अथवा उसमें बच भी जाते हैं लेकिन जैविक हथियारों के हमलें से बचना लगभग नामुमकिन होता है। क्योंकि जैविक हमले के दौरान छोड़े गये खतरनाक वायरस व संक्रामक बैक्टीरिया एक ही झटके में पूरे इलाके को बीमार करने की ताकत रखते हैं।
यह ऐसे हथियार होते हैं जिनमें घातक और जानलेवा बैक्टीरिया व वायरस होते हैं, जो हवा, पानी खाने के साथ व्यक्ति के शरीर अंदर पहुंचकर विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियों का रूप ले लेते हैं।