कुंडली में मौजूद ये ग्रह, जातक को बनाते हैं कंगाल, घर में होता है हरदम विवाद

 कुंडली में कहीं भी सूर्य और चन्द्र की युति राहु- केतु से हो तो इस दोष का निर्माण होता है। चन्द्र ग्रहण योग होने पर जातक के स्वभाव में घबराहट  और  चिड़चिड़ापन होता  है।

Update: 2021-01-19 03:13 GMT
आज हम आपको बताएंगे कि कैसे कुंडली में पापग्रह  कलह का कारण बनते है।

लखनऊ: अक्सर कुछ घर, ऑफिस और अन्य कार्यक्षेत्र में तनाव का माहौल रहता है। घर के सदस्यों में लड़ाई-झगड़े के होते रहते है। इसे ज्यादातर लोग मामूली तनाव समझते है, लेकिन ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कोई तनाव ऐसे नहीं होता हैं। इसके पीछे ग्रहों की स्थिति जिम्मेदार होती है। यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा पाप ग्रह से युक्त हो तो ये योग आपके घर-परिवार में कलह का कारण बनता है। ये योग आपके मन को आपके वश में नहीं रखता है, और आपके निर्णय लेने की क्षमता को कम कर देता है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे कुंडली में पापग्रह कलह का कारण बनते है।

 

कब होते है कुंडली में पापग्रह?

ज्योतिष के मुताबिक इन परिस्थितियों में कुंडली पापग्रह से युक्त होती है।

* यदि चंद्रमा पाप ग्रह के साथ राहु से युक्त है, और12 वें 5वें या 8 वें स्थान में हो तो कलह योग माना गया है। ऐसे जातक को सारे जीवन किसी न किसी बात पर कलह होती रहती है।

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कलह योग

* चंद्रमा में जब शनि, मंगल और राहु एक साथ आ जाता है तो कलह योग बनता है। के मुताबिक कुडंली के ग्रहों की स्थिति ही राजयोग या पापयोग के कारक है। चंद्रमा के साथ शनि- राहु बैठ गया तो जातक पीड़ित होता है, जिस कारण मन दुखी रहता है। ऐसे जातक में निर्णय लेने की क्षमता कम रहती है। इनका जीवन में विवादों से घिरा होता है।

* ये योग बना जातक को दरिद्र बनाती है,इसलिए कुंडली को अच्छे ज्योतिष से दिखाना चाहिए । जब कुंडली में लग्न चंद्रमा से चारों स्थान खाली है तो ये दरिद्र योग होता है।

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इसके लिए जिम्मेदार स्थिति

 

ज्योतिष अनुसार ये सब ग्रहण योग कुंडली की स्थिति जिम्मेदार होती है।

* कुंडली में कहीं भी सूर्य और चन्द्र की युति राहु- केतु से हो तो इस दोष का निर्माण होता है। चन्द्र ग्रहण योग होने पर जातक के स्वभाव में घबराहट और चिड़चिड़ापन होता है।

* मां के सुख में कमी आती है, कोई भी काम पूरा नहीं होतो है। ग्रहों की स्थिति से ही मानसिक बीमारी जैसे डिप्रेशन ,सिर्जेफेनिया के योग बनते है।

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