Automobile News: शीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर बेचने पर अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों पर केंद्र का एक्शन

Action on e-Commerce Companies: केंद्र सरकार की ओर से सेंट्रल कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन अथारिटी की ओर से सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर को बेचने के मामले में सख्त कार्रवाई की है। केंद्र सरकार ने सारी ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियों को ऑर्डर जारी किया गया है जो इस तरह की क्लिप की बिक्री कर रहीं थीं।

Update:2023-05-13 13:33 IST
शीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर बेचने पर अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों पर केंद्र का एक्शन: Photo- Social Media

Action on e-Commerce Companies: भारत देश में लगातार बढ़ते सड़क हादसों के आंकड़ों में दिन प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है। इन आंकड़ों में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। NCRB की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में यातायात दुर्घटनाओं की संख्या 2020 में 368828 से बढ़कर 2021 में 422659 हो गई। साल 2021 में 1,405 सड़क दुर्घटनाएं और 820 मौतें हुई थी।

वहीं साल 2022 नवंबर तक 1516 सड़क दुर्घटनाएं और 1022 मौतें हुई हैं जो कि पिछले सालों की तुलना में बढ़ती ही जा रहीं हैं। हर साल जहां सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की बात होती है, लेकिन साल दर साल ये बढ़ते हुए आंकड़े एक गंभीर चिंता का विषय बन चुके हैं। सबसे ज्यादा हैरान कर देने वाली बात है कि आमतौर पर सड़क हादसों में मौत से ज्यादा लोग घायल होते हैं, लेकिन मिजोरम, पंजाब, झारखंड और उत्तर प्रदेश ये ऐसे राज्य हैं जहां सड़क हादसों में लोगों के घायल होने की तुलना में कहीं ज्यादा मौतें होती हैं।

इस विषय पर सरकार ने परिचालन विभाग द्वारा सख्त से सख्त नियम लागू कराने के साथ ऑटोमेकर कंपनियों के लिए भी गाड़ियों में सुरक्षा मानकों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए भी नियम जारी किए हैं। बावजूद इन सारे सरकारी प्रयासों के सड़क दुर्घटनाएं कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं। इस बाबत गौर किया गया तो पाया गया कि बहुत सी ईकॉमर्स कंपनियां चार पहिया गाड़ियों से जुड़ी कुछ ऐसी एसेसरीज की बिक्री कर रहीं हैं जो सड़क दुर्घटनाओं का सबब बन रहीं हैं। भारत सरकार में इन वस्तुओं की तत्काल प्रभाव से बिक्री रोकने के लिए ईकॉमर्स कंपनियों को आदेश जारी कर दिया है। इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि सरकार ने इसी क्रम में क्या प्रभावी कदम उठाया है....

सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर की बिक्री पर प्रतिबंध

केंद्र सरकार की ओर से सेंट्रल कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन अथारिटी की ओर से सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर को बेचने के मामले में सख्त कार्रवाई की है। केंद्र सरकार ने सारी ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियों को ऑर्डर जारी किया गया है जो इस तरह की क्लिप की बिक्री कर रहीं थीं। ईकॉमर्स साइट पर मिल रही ये पिन किफायती होने के साथ सीट बेल्ट के झंझट से भी निजात दिलाने जैसे लुभावने वादे करती है, वाहन चालकों की यह छोटी सी भूल एक बड़े हादसे का सबब बन जाती हैं।

क्लिप किस तरह होती है खतरनाक

ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मिलने वाली क्लिप का प्रयोग बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। बल्कि इसका प्रयोग चालक की जान की सुरक्षा से समझौता होता है। ये क्लिप ऑनलाइन आराम से मंगवाई जा सकती हैं। वाहन चालक कार चलाते समय क्लिप को सीट बेल्ट की जगह लगा देता है, इस पिन के लगने के बाद सीट बेल्ट वार्निंग अलार्म बजना बंद हो जाता है। हाई स्पीड से चल रहे वाहन में अचानक से ब्रेक लगाने पर या टकरा जानें पर गंभीर नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे हादसे ज्यादातर हाईवे पर होते देखे जा रहें हैं, जिनमें सीट बेल्ट का न लगा होना एक बड़ी वजह निकल कर सामने आई है।

क्या है केंद्र सरकार का आदेश

ई कॉमर्स कंपनियों में अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, शॉपक्लूज और मीशो आदि सभी को वॉयलेशन ऑफ कन्ज्यूमर राइट्स और अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस के लिए ऑर्डर जारी किया गया है। सीसीपीए की चीफ कमिश्नर निधि खरे की ओर से इन पांच मुख्य ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ ऑर्डर जारी किया गया है।

क्या कहता है मंत्रालय का पत्र

केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के रूल नंबर 138 के मुताबिक चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है। लेकिन ऑनलाइन मिलने वाली ऐसी चीजों के कारण यात्रियों की जीवन की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

सीसीपीए को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए पत्र में इस बात की जानकारी दी गई थी कि ऑनलाइन प्लेफॉर्म पर ऐसे सामान की बिक्री हो रही है जिससे कार में सीट बेल्ट ना लगाने पर भी अलार्म बंद हो जाता है। पत्र में ऐसे प्लेटफॉर्म और वेंडर्स के खिलाफ त्वरित एक्शन लिए जाने की बात कही गई है।

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