Ev Charging Station : भारत में ईवी बूम : चाहिए होंगे 13 लाख चार्जिंग स्टेशन

Ev Charging Station : नई दिल्ली : भारत में जिस तरह इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बढ़ रही है और सरकार इसे पुश कर रही है उसे देखते हुए अगले साथ साल में कम से कम 13 लाख चार्जिंग स्टेशनों की जरूरत होगी।

Update:2023-07-26 18:42 IST

Ev Charging Station : नई दिल्ली : भारत में जिस तरह इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बढ़ रही है और सरकार इसे पुश कर रही है उसे देखते हुए अगले साथ साल में कम से कम 13 लाख चार्जिंग स्टेशनों की जरूरत होगी। ये व्यवसाय का का एक बढ़िया अवसर भी है जिसे पहचानने की आवश्यकता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार जिस तरह इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बढ़ रहे हैं उसे सपोर्ट करने के लिए भारत को 2030 तक कम से कम 13 लाख चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में एलेक्ट्रिक वाहनों में पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना वृद्धि देखी गई। साल-दर-साल लगभग 40 फीसदी की वृद्धि को देखते हुए 2030 तक हर साल लगभग 1.6 करोड़ ईवी बेची जाएंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बढ़ती मांग को पूरा करने और ईवी में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का 1:40 अनुपात हासिल करने के लिए, भारत को 2030 तक कुल 13.20 लाख चार्जर के साथ सालाना 4 लाख से अधिक चार्जर स्थापित करने की आवश्यकता होगी।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर

भारत में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी शुरुआती चरण में है। 2023 की शुरुआत तक भारत में लगभग 5,300 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन थे। जबकि सड़क पर लगभग 22 लाख ईवी के साथ, भारत में ईवी और सार्वजनिक चार्जर का अनुपात लगभग 1:400 है। यानी 400 वाहनों पर एक चार्जिंग स्टेशन है। यह चीन और अमेरिका सहित अन्य देशों से बहुत कम है, जहां ईवी को अधिक अपनाया गया है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के ग्लोबल ईवी आउटलुक 2022 के अनुसार, चीन में सार्वजनिक चार्जर से वाहनों का अनुपात 7 और अमेरिका में 20 है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईवी में बदलाव के प्रति उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाने के लिए सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना जरूरी है।

ईवी को तेजी से अपनाने की जरूरत

सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन फ्यूचर मोबिलिटी 2022-23 के चेयरपर्सन और अशोक लीलैंड और जेसीबी इंडिया के पूर्व एमडी और सीईओ, विपिन सोंधी कहते हैं कि भारत सरकार ने 2030 तक निजी कारों के लिए 30 फीसदी, वाणिज्यिक वाहनों के लिए 70 फीसदी और दो और तीन-पहिया वाहनों के लिए 80 फीसदी की बिक्री पहुंच हासिल करने का लक्ष्य रखते हुए ईवी को तेजी से अपनाने की शुरुआत की है। इसकी नींव मजबूत चार्जिंग बुनियादी ढांचे के निर्माण से रखी जाएगी। भारत में जिस बड़े पैमाने पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने की आवश्यकता होगी, वह देश को चार्जिंग स्टेशनों के लिए वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने के लिए आवश्यक पैमाने की अर्थव्यवस्था प्रदान करता है, जिससे रोजगार सृजन और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। चार्जिंग स्टेशन इन्फ्रा के लिए जमीन, बिजली कनेक्शन आदि के साथ-साथ चल रही रखरखाव लागत सहित महत्वपूर्ण अग्रिम लागत की आवश्यकता होती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरण (ईवीएसई) के हिस्सों के आयात पर अत्यधिक निर्भरता है। ईवी के डेवलपमेंट और इसी चार्जिंग आवश्यकताओं को देखते हुए उद्योग में एक प्रमुख रोजगार जनरेटर बनने की क्षमता है। आने वाले दशक में घरेलू और साथ ही वैश्विक बाजारों से अनुमानित मांग भारत के लिए ईवीएसई और इसकी आपूर्ति श्रृंखला के लिए वैश्विक केंद्र बनने का नेतृत्व करने का अवसर प्रदान करती है।
भारत में ईवी की बिक्री में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जो बिक्री के आशावादी पूर्वानुमानों से भी अधिक है। भारत मंी विभिन्न श्रेणियों में सभी ऑटो बिक्री में ईवी की बिक्री लगभग 5 फीसदी है। जबकि बढ़ती पसंद के परिणामस्वरूप ईवी व्यक्तिगत चारपहिया वाहनों की अधिक बिक्री हो रही है, अधिकांश ईवी बिक्री दुपहिया श्रेणी के नेतृत्व में है।

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