Hydrogen Car: किसान के बेटे ने बनाई हाइड्रोजन कार, सिर्फ 50 पैसे में किया जा सकेगा 1 किमी का सफर
Powered Hydrogen Car: महाराष्ट्र के एक किसान के बेटे ने कमाल कर दिखाया है और उसने एक ऐसी हाइड्रोजन कर बनाई है जो 50 पैसे में 1 किलोमीटर चलेगी। इस कर की महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी तारीफ की है।
Powered Hydrogen Car: लोगों को डीजल पेट्रोल के वाहनों के आप्शन उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा तो लगातार कोशिश की ही जा रही है इसके अलावा निजी तौर पर भी लोग कुछ ना कुछ करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इलेक्ट्रिक से लेकर फ्लेक्स फ्यूल पावर्ड और हाइब्रिड कारों के साथ अब ग्रीन हाइड्रोजन कारों पर भी जोर-शोर से बात की जा रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को कई मौके पर हाइड्रोजन कर के सपने को हकीकत में बदलने की बात करते हुए देखा जा चुका है।इन सभी बातों के बीच महाराष्ट्र के किस के बेटे ने ऐसा कमाल कर दिखाया है जो आने वाले समय में बहुत बदलाव ला सकता है। इस शख्स ने अपने घर पर हाइड्रोजन कर बनाई है जो दिखने में भी बहुत खूबसूरत है और इसके फीचर्स भी शानदार हैं। इसी के साथ इसे चलाने की कास्ट भी काफी कम है।
कम आएगा खर्चा
इस कार को महाराष्ट्र के चंद्रपुर में रहने वाले हर्षल नकशाने तैयार किया है। उन्होंने एआई पावर्ड हाइड्रोजन कार तैयार की है और इसका प्रोटोटाइप टेस्टिंग किया जा चुका है। सोनिक 1 नाम की इस कर के दरवाजे लैंबॉर्गिनी जैसे खुलते हैं और इसका फ्रंट और रियर लोक कमाल का है। सिर्फ डेढ़ सौ रुपए में हाइड्रोजन डलवाने के बाद इसे 300 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। अगर कर का यह मॉडल काम आता है और यह सड़कों पर लॉन्च होती है तो सिर्फ 50 पैसे में 1 किलोमीटर की यात्रा की जा सकेगी। इसमें सेल्फ ड्राइविंग के कुछ फीचर्स भी है जो ड्राइव को आसान बनाएंगे।
इतना आया खर्च
अगर इस कार के प्रोडक्शन रेडी वर्जन को स्वीकृति मिल जाती है तो हाइड्रोजन कर के रूप में यातायात के शानदार साधन उपलब्ध करवाएगी। फिलहाल हर्ष ने जो कर तैयार की है उसकी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने काफी सराहना की है। इस कर को बनाने में हर्षल के 25 लख रुपए खर्च हुए हैं और इसकी प्री बुकिंग भी हो रही है।
लंबे समय से हो रही कोशिश
बता दें कि हाइड्रोजन कार के लिए लंबे समय से माहौल बनाकर सरकारी और निजी कोशिशें की जा रही है। फिलहाल जितने भी प्रोटोटाइप तैयार हुए हैं उन्हें सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं दी गई है। लेकिन आने वाले समय के लिए जो भी प्रयास किया जा रहे हैं उन पर जनता की लगातार निगाहें टिकी हुई है।