Tesla Plant Closed: लाल सागर पर हूती विद्रोहियों के हमले के चलते पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव, टेस्ला ने लिया बड़ा फैसला

Tesla Plant Closed: साथ ही लाल सागर में व्यापारिक वस्तुओं को लाने ले जाने का काम कर रहे जहाजों को अपना शिकार बना रहें हैं। इस बीच टेस्ला पहली ऐसी कंपनी उभर कर सामने आई है।

Written By :  Jyotsna Singh
Update:2024-01-14 07:00 IST

Tesla Plant Closed  (PHOTO: Social media )

Tesla Plant Closed: पिछले कई दिनों से लाल सागर में एक दूसरे देशों के बीच व्यापार के तहत सामान ढोने वाले जहाजों को नेस्तनाबूत करने के लिए हूती विद्रोहियों के लगातार हमले जारी हैं। यही वजह है कि एक दूसरे देशों के बीच हुए अनुबंध के तहत जरूरी वस्तुओं के आदान प्रदान में बिलंब हो रहा है। इसी क्रम में अब अमेरिका की दिग्गज कंपनी टेस्ला ने भी स्थिति को भांपते हुए ये कहा है कि वह जर्मनी के बर्लिन के पास स्थित उसके संयंत्र में 29 जनवरी से 11 फरवरी तक अधिकतर उत्पादन बंद कर देगी। कारण हूती विद्रोहियों के जहाजों पर हमलों के चलते कंपनी के पास जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है। ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोही इजरायल के खिलाफ युद्ध में गाजा का समर्थन कर रहे हैं। वो अब तक इजरायल का समर्थन करने वाले देशों के कई जहाजों को अपना निशाना बना कर ध्वस्त कर चुके हैं। वहीं

अपनी जवाबी कार्रवाई में अमेरिका ने ब्रिटेन के साथ मिलकर यमन में हूती विद्रोहियों के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए जा रहे हैं। इन हमलों में अमेरिका की टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों और लड़ाकू विमानों ने यमन की राजधानी सना और अल-हुदायदाह के बंदरगाहों सहित हूतियों के 12 से अधिक ठिकानों पर हमला बोल दिया है।इस तरह के हमले लगातार जारी है और इसका असर भारत समेत पूरी दुनिया पर पड़ रहा है।

इन कंपनियों पर इस युद्ध का पड़ रहा प्रतिकूल असर

ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोही इजरायल के खिलाफ युद्ध में गाजा का समर्थन कर रहे है। साथ ही लाल सागर में व्यापारिक वस्तुओं को लाने ले जाने का काम कर रहे जहाजों को अपना शिकार बना रहें हैं। इस बीच टेस्ला पहली ऐसी कंपनी उभर कर सामने आई है, जिसने लाल सागर में जारी युद्ध के संकट के बीच बुरी तरह प्रभावित होने की जानकारी दी है। टेस्ला कंपनी ने बताया कि लाल सागर में जारी संघर्ष के कारण यूरोप और एशिया के बीच परिवहन सेवा पर बुरा असर पड़ रहा है। जिससे उनके उत्पादन गति प्रभावित हो रही है। इससे पहले स्वीडिश कंपनी आइकिया और चीन की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी गीली ने भी हमलों के कारण उनके उत्पादों की डिलीवरी में देरी होने की समस्या को लेकर अपनी आवाज उठाई है।

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