कुछ भी नहीं असंभव: लिट्टी चोखा बेचने वाला बना भोजपुरी सुपरस्टार, पापड़ बेचने वाला और ऑटो रिक्शा वाला बने देश के प्रसिद्ध शिक्षक
पापड़ बेचने वाला आनंद कुमार और ऑटो रिक्शा वाला आरके श्रीवास्तव कैसे बने देश के प्रसिद्ध शिक्षक। आइए जानते हैं इनके संघर्ष के बारे में...
कभी सड़क पर लिट्टी चोखा बेचने वाला आज अपनी मेहनत के बल पर भोजपुरी का सुपरस्टार अभिनेता बन चुका है। आए दिन उनके गाने रिलीज होते हैं और आते ही तेजी से वायरल होने लगते हैं। जिन पर मिलियन में व्यूज देखने को मिलते हैं। लेकिन उनकी इस सक्सेस के पीछे बेहद स्ट्रगल रहा है।
आज हम आपको उसी के बारे में बताने जा रहे हैं। बेहद ही कम लोग जानते हैं कि भोजपुरी इंडस्ट्री और अपने फैंस के बीच अपनी दमदार पहचान बनाने वाले खेसारी लाल एक समय दिल्ली के सड़कों पर लिट्टी चोखा बना कर बेचा करते थे। खेसारी लाल यादव को शुरूआत से ही अभिनय और गायकी करना बेहद पसंद था।
भोजपुरी इंडस्ट्री और अपने फैंस के बीच अपनी जबरदस्त पहचान बनाने वाले सुपरस्टार और सिंगर खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) आज के समय में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, इस बात का अंदाजा आप उनकी हर दिन बढ़ती फैन फॉलोइंग से लगा सकते हैं।
खेसारी लाल (Khesari Lal Yadav) को आज देश के साथ-साथ विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है। वो एक दमदार अभिनेता होने के साथ-साथ एक शानदार सिंगर भी हैं, इसके अलावा उनको भोजपुरी इंडस्ट्री का कॉमेडी किंग भी कहा जाता है।
वैसे तो खेसारी लाल के करियर की शुरूआत साल 2011 में हो गई थी, लेकिन साल 2012 में उन्होंने भोजपुरी फिल्म 'साजन चले ससुराल' से डेब्यू किया। खास बात ये रही कि उनकी ये पहली फिल्म सुपर-डुपर हिट साबित हुई और वो रातों रात भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार बन गए।
अगर उनके करियर को देखा जाए तो अनेकों वैसे भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके हैं, जो लगभग सभी हिट हो चुके हैं। इसके अलावा कई म्यूजिक एल्बम निकाल चुके हैं। इसके अलावा आने वाले समय में भी उनकी कई बड़ी फिल्में और गाने रिलीज होने जा रहे हैं, जिनका फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
पापड़ बेचने वाले आनंद कुमार से लेकर सुपर 30 तक का सफर
पापड़ बेचने वाले से सुपर 30 फैन बनने तक का सफर आनंद कुमार ने तय किया। आनंद कुमार सुपर 30 के संस्थापक हैं ,आनंद कुमार (Anand Kumar) गरीब छात्रों को IIT की फ्री में कोचिंग क्लास देते हैं, आनंद कुमार एक गणितज्ञ होने के साथ-साथ एक अच्छे शिक्षक भी हैं।
आनंद कुमार एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने गरीब छात्रों को मुफ्त में शिक्षा देकर उनकी काबिलियत को समझा है, इनका मुख्य उद्देश्य है कि गरीब छात्रों को IIT JEE में प्रवेश के लिए तैयारी कराना ,खासकर ऐसे गरीब स्टूडेंट्स जो पैसे की कमी के बावजूद IIT में प्रवेश पाने का सपने देखता है , इसी वजह से इनके जीवन पर न सिर्फ एक फिल्म बनी है बल्कि इनको कई सारे राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय सम्मान से भी सम्मानित किया गया है।
ऑटो रिक्शा वाले से लेकर मैथमेटिक्स गुरु बनने तक का सफर
ऑटो रिक्शा के होने वाले इनकम से कभी चलता था परिवार, ऑटो रिक्शा वाला से लेकर मैथमेटिक्स गुरु बनने तक का सफर आरके श्रीवास्तव ने तय किया, आज देश के राष्ट्रपति सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री के अलावा कई सेलिब्रिटी आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली के दीवाने हैं।
एक रुपया में पढ़ाते हैं आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava), सिर्फ ₹1 में पढ़ाकर 540 गरीब स्टूडेंट्स को बना चुके हैं इंजीनियर, देश के सारे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं और अखबारों में उनके शैक्षणिक कार्यशैली की खबरें हमेशा छपते रहता है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स एवं इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी आरके श्रीवास्तव का नाम है दर्ज।
बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले आरके श्रीवास्तव देश में मैथेमैटिक्स गुरु के नाम से मशहूर हैं। खेल-खेल में जादुई तरीके से गणित पढ़ाने का उनका तरीका लाजवाब है। कबाड़ की जुगाड़ से प्रैक्टिकल कर गणित सिखाते हैं। सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं। आर्थिक रूप से सैकड़ों गरीब स्टूडेंट्स को आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में पहुँचाकर उनके सपने को पंख लगा चुके हैं।
आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava) के शैक्षणिक कार्यशैली की प्रशंसा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कर चुके हैं। इनके द्वारा चलाया जा रहा नाइट क्लासेज अभियान अद्भुत, अकल्पनीय है। स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी के प्रति जागरूक करने लिये 450 क्लास से अधिक बार पूरी रात लगातार 12 घंटे गणित पढ़ा चुके हैं। इनकी शैक्षणिक कार्यशैली की खबरें देश के प्रतिष्ठित अखबारों में छप चुकी हैं, विश्व प्रसिद्ध गूगल ब्वाय कौटिल्य के गुरु के रूप में भी देश इन्हें जानता है