वैक्सीन की दोनों डोज भी नहीं बचा पाई 187 स्वास्थ्यकर्मियों को, सब कोरोना संक्रमित
बिहार में स्वास्थ्य कर्मियों ने एक महीने पहले वैैक्सीन की दूसरी डोज ली थी मगर इसके बावजूद भी वे कोरोना संक्रमित हो गए।
नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन लेने के बाद लापरवाह रवैया अपनाने वालों को इसका बुरा नतीजा भी भुगतना पड़ रहा है। बिहार की राजधानी पटना से एक ऐसी खबर आई है जो ऐसे लोगों की आंख खोलने वाली है। पटना में कोरोना वैैक्सीन की दोनों डोज ले चुके 187 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
इन स्वास्थ्य कर्मियों ने पहले चरण में ही वैक्सीन की पहली डोज ली थी। करीब एक महीने पहले उन्होंने वैैक्सीन की दूसरी डोज भी ले ली थी मगर इसके बावजूद वे कोरोना के संक्रमित पाए गए हैं।
कई जगहों से मिलीं खबरें
जानकारों का कहना है कि नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के तीन डॉक्टर और दो नर्सों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ये सभी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं। पटना मेडिकल कॉलेज में भी वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित होने का पता चला है। इससे पहले नालंदा मेडिकल कॉलेज के ही दो मेडिकल स्टूडेंट्स भी कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बावजूद जिला स्वास्थ्य समिति से जुड़ी एक महिला कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित पाई गई है।
किसी भी स्वास्थ्यकर्मी की हालत गंभीर नहीं
पटना में सरकारी अफसरों ने इस बारे में जांच पड़ताल की है और इसमें पाया गया है कि ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या 187 है जो वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद भी पॉजिटिव पाए गए हैं।
वैसे वैक्सीन लेने का यह असर जरूर पड़ा है कि किसी भी स्वास्थ्य कर्मी की हालत गंभीर नहीं है। जानकारों के मुताबिक कोरोना संक्रमित होने के बाद सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया है।
वैक्सीन लेने के बाद भी सतर्कता जरूरी
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वैक्सीन लेने के बाद भी आदमी को सतर्क रहना होगा क्योंकि उसके बाद भी संक्रमण का खतरा बना रहता है। वैक्सीन लेने से इतना फायदा जरूर है कि हालत गंभीर होने की संभावना 80 फ़ीसदी कम हो जाती है। इसके साथ ही इंफेक्शन से मौत का खतरा भी नहीं रहता।
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित होने के बाद वैक्सीन लेने वालों को भी सतर्क किया गया है और उन्हें मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने वैैक्सीन नहीं लगवाई है उन्हें और ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए।
कोरोना के केस बढ़ने पर सरकार की सख्ती
बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण अब सरकार की ओर से भी सख्ती की जा रही है। सार्वजनिक समारोहों को लेकर भी तमाम तरीके के प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं और शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है।
सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न जिलों की स्थिति पर पैनी नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और नियमित बैठकें करके हालात की समीक्षा कर रहे हैं।