Bihar Bridge Collapses: बिहार के भागलपुर में बड़ा हादसा, भरभराकर गिरा निर्माणाधीन पुल
Bihar Bridge Collapses: भागलपुर में एक निर्माणाधीन पुल भरभरा कर गिर गया। इस पुल का निर्माण गंगा नदी पर हो रहा था।
Bihar Bridge Collapses: बिहार के भागलपुर जनपद में करीब 1700 करोड़ रुपए के बजट के साथ बनाया जा रहा खगड़िया-सुल्तानगंज गंगा पुल रविवार को शाम करीब सात बजे भरभराकर नदी में गिर पड़ा। इसके साथ ही पुल निर्माण की गुणवत्ता पर बड़ा सवालिया निशान लग गया है। चूंकि यह निर्माणाधीन पुल पहले भी 2022 के अप्रैल महीने में धराशाई हो चुका था। इस बार पुल करीब 100 फिट का हिस्सा गंगा नदी में समां गया। ये देख वहां के लोगों में अचरज और सनसनी फैल गई। लोगों ने गिरते हुए पुल की तस्वीरें अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लीं, ये भयावह तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।
बाल-बाल बचे पुल के निर्माण में लगे कामगार
गनीमत थी कि जिस वक्त ये हादसा हुआ वहां निर्माणकार्य बंद हो चुका था। शाम का समय था इसलिए वहां कोई कामगार मौजूद नहीं था। इस बड़ी घटना से बिहार की ब्यूरोक्रेसी से लेकर राजनीति तक में हड़कंप मच गया है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है। जैसे ही पुल का बड़ा हिस्सा गंगा में गिरा, नदी के पानी की ऊंची लहरें उठती देखी गईं। इस हादसे की जानकारी होते ही आसपास के हजारों लोगों की मौके पर भीड़ जमा हो गई। वहां भारी पुलिस फोर्स के अलावा पूरा प्रशासनिक अमला हालात का जायजा लेने पहुंचा है। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक किसी के भी घायल होने या मरने की पुष्टि नहीं हो पाई है।
खगड़िया और भागलपुर को जोड़ने के लिए बन रहा है पुल
गंगा नदी पर यह विशाल पुल खगड़िया और भागलपुर जिलों को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। लेकिन एक साल से कुछ अधिक वक्त के दरम्यान दूसरी बार पुल के गिरने से यहां इसके निर्माणकार्य पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। पिछले साल अप्रैल में भी इस पुल का एक हिस्सा गिर गया था। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया पुल का निर्माण कार्य!
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गंगा नदी में इन दिनों काफी पानी है। ऊपर बृहद स्तर पर पुल का निर्माण कार्य चलता है। किसान व ग्रामीण नदी किनारे की आसपास के खेतों में अपना कामकाज निपटा रहे थे, अचानक उन्हें बादल गरजने जैसी बहुत तेज आवाज सुनाई दी, उन्होंने पुल की तरफ देखा तो वो भरभराकर गिर रहा था, कुछ सेकेंडों में ही पुल के तीन पिलर और करीब 100 मीटर का हिस्सा गंगा नदी में समां गया। हाल के दिनों में ये भागलपुर जिले का सबसे बड़ा हादसा माना जा रहा है। लोगों का कहना है कि इस पुल के निर्माण में जबरदस्त भ्रष्टाचार किया गया है। इसी का उदाहरण है कि तमाम इंजीनियरिंग और तकनीकों के बावजूद दूसरी बार यह पुल ढह गया।