बिहार में कोरोना विस्फोट: पटना एम्स में डॉक्टरों समेत स्वास्थ्यकर्मी समेत 600 से ज्यादा संक्रमित, प्रशासन अलर्ट
पटना एम्स में बीते 9 दिवस में कुल 200 से अधिक डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिसके चलते कुल कोरोना संक्रमित आए डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या का आंकड़ा 600 को पार कर गया है।
Bihar Corona Cases Today: देश में व्यापक रूप से पुनः फैल रहा कोरोना संक्रमण अब देश के शीर्ष अस्पतालों और डॉक्टरों तक जा पहुंचा है। शुक्रवार तक के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश में फैली कोरोना की तीसरी लहर में बिहार की राजधानी पटना स्थित AIIMS के अबतक कुल 610 डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।
प्रतिदिन इलाज हेतु अस्पताल जाने वालों की भारी संख्या के मद्देनजर पटना में यह संक्रमण और भी अधिक व्यापक रूप ले सकता है।
कोरोना संक्रमित हुए डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी
पटना एम्स में बीते 9 दिवस में कुल 200 से अधिक डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिसके चलते कुल कोरोना संक्रमित (corona patient in patna today) आए डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या का आंकड़ा 600 को पार कर गया है।
पटना एम्स में कुल 610 डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के कोरोना संक्रमित होने के चलते अस्पताल में बाह्य रोगी विभाग लगभग निष्क्रिय हो गया है। कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र अस्पताल के काम-काज पर व्यापक असर के चलते एम्स प्रशासन ने प्रतिदिन ओपीडी में देखे जाने वाले मरीजों की संख्या को कम कर 50 कर दिया है।
पटना एम्स के सभी संक्रमित स्वास्थ्यकर्मियों में सीनियर डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर, इंटर्न डॉक्टर, हाउस कीपिंग स्टाफ, नर्स, तकनीकी स्टाफ सहित कई अन्य शामिल हैं।
प्रशासन हाई अलर्ट
पटना एम्स के नोडल अधिकारी डॉक्टर संजीव ने मामले के बारे में सूचना देते हुए बताया कि सभी संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है तथा इलाज जारी है। कुल 64 संक्रमित मरीजों का पटना एम्स में इलाज हो रहा है।
इन मामलों की सूचना मिलते ही प्रशासन हाई अलर्ट की ओर आ गया है, इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा बीते कुछ दिनों में संक्रमित आए डॉक्टरों के संपर्क में आए लोगों की तलाश कर उनका कोरोना परीक्षण कराने का आदेश दिया जा चुका है।
ऐसे में अस्पताल के कर्मियों का इतनी भारी मात्रा में कोरोना संक्रमित आना आम जनता के मनोभाव पर भी बुरा असर डालता है। यकीनन एम्स देश के सबसे उन्नत चिकित्सा संस्थानों में से एक है तथा इसी के मद्देनज़र बड़ी संख्या में डॉक्टरों के कोरोना संक्रमित होने के बाद चिकित्सा सेवाओं में अनियमितता दर्ज हो सकती है।