नड्डा से मुलाकात के बाद चिराग के तेवर ठंडे, भाजपा ने दिया इतनी सीटों का ऑफर

एनडीए में विधानसभा की सीटों को लेकर लोजपा का तेवर अब ठंडा पड़ता नजर आ रहा है। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद उनके एनडीए में बने रहने की बात तय मानी जा रही है।

Update:2020-09-29 10:46 IST
नड्डा से मुलाकात के बाद चिराग के तेवर ठंडे, भाजपा ने दिया इतनी सीटों का ऑफर (social media)

नई दिल्ली: एनडीए में विधानसभा की सीटों को लेकर लोजपा का तेवर अब ठंडा पड़ता नजर आ रहा है। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद उनके एनडीए में बने रहने की बात तय मानी जा रही है। जानकार सूत्रों के अनुसार भाजपा की ओर से लोजपा को विधानसभा की 27, विधानपरिषद की दो सीटें और राज्यसभा की एक सीट का ऑफर दिया गया है।

ये भी पढ़ें:हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत पर बोलीं प्रियंका गांधी-UP में बिगड़ी कानून व्यवस्था

भाजपा के ऑफर से चिराग संतुष्ट

भाजपा की ओर से दिए गए इस ऑफर पर चिराग भी संतुष्ट बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी के संसदीय दल की बैठक के बाद चिराग की ओर से एनडीए में ही बने रहने की घोषणा की जा सकती है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी एनडीए छोड़ने के कदम से असहमति जताई थी।

जमुई विधानसभा सीट भी छोड़ने को तैयार

जानकार सूत्रों के मुताबिक चिराग और नड्डा की मुलाकात काफी अच्छे माहौल में हुई और चिराग भाजपा को बड़ा भाई मानते हुए जमुई विधानसभा सीट भी छोड़ने को तैयार हो गए।

भाजपा की ओर से इसके बदले में उन्हें कोई और मनपसंद सीट चुन लेने का प्रस्ताव दिया गया है। जमुई के बदले लोजपा की ओर से चकाई सीट पर दावेदारी की जा सकती है।

जमुई से श्रेयसी को उतारने की तैयारी

सूत्रों के मुताबिक जमुई सीट पर भाजपा की ओर से इंटरनेशनल शूटर श्रेयसी सिंह को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी है। चिराग पासवान भी इस प्रस्ताव से सहमत बताए जा रहे हैं। सियासी जानकारों के अनुसार लोजपा के सहमति के पीछे राजपूत वोट बैंक को साधने की कोशिश की मानी जा रही है।

हालांकि अभी तक श्रेयसी सिंह की ओर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है। उन्होंने सिर्फ अभी तक इतना ही कहा है कि वक्त का इंतजार करिए।

Bihar-Vidhansabha (social media)

चिराग ने दिखाए थे तीखे तेवर

लोजपा नेता चिराग पासवान ने हाल के दिनों में सीटों को लेकर काफी तीखा रवैया अपना रखा था। अब भाजपा अध्यक्ष से बातचीत के बाद उनके तेवर नरम पड़ते दिख रहे हैं। जानकारों के मुताबिक भाजपा ने उन्हें मनाने में कामयाबी हासिल कर ली है। चिराग पासवान मुख्य रूप से सीटों के सम्मानजनक बंटवारे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रुख को लेकर नाराज बताए जा रहे थे।

इसलिए नाराज थे चिराग

नीतीश कुमार की पार्टी जदयू पिछले विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन का हिस्सा थी और उसने लोजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इस बार जदयू के एनडीए में होने के कारण कई सीटों पर दोनों दलों के बीच पेंच फंसा हुआ था। लोजपा को पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 42 सीटें मिली थीं जिनमें उसे 2 सीटों पर विजय हासिल हुई थी।

पहले लोजपा पिछले चुनाव से कम सीटों पर समझौते के लिए तैयार नहीं दिख रही थी मगर अब पार्टी इसके लिए राजी बताई जा रही है।

वरिष्ठ नेताओं की राय से मजबूर हुए चिराग

जानकार सूत्रों के अनुसार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय ने भी चिराग को नरम रुख अपनाने को मजबूर किया। पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के छोटे भाई और सांसद पशुपति कुमार पारस मौजूदा सियासी हालात में एनडीए से अलग होने पर सहमत नहीं थे।

उनका कहना था कि मौजूदा सियासी समीकरणों को देखते हुए पार्टी को एनडीए के साथ ही चुनाव लड़ना चाहिए। उनकी यह भी राय थी कि एनडीए से अलग होकर लड़ना सियासी नजरिए से कतई फायदेमंद नहीं होगा।

ये भी पढ़ें:हो जाएं सावधान: नहीं तो अकाउंट हो जाएगा खाली, ऐसे करते हैं कांड, 10 गिरफ्तार

एनडीए में बने रहना ही फायदेमंद

पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने भी पारस के नजरिए का समर्थन किया था। उनकी भी राय थी कि एनडीए के साथ रहकर ही चुनाव लड़ना उचित होगा।

पार्टी के अन्य नेताओं के साथ भी चिराग की बातचीत हुई थी और उन सभी ने एनडीए में रहकर ही चुनाव लड़ने की वकालत की थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय ने भी चिराग को नरम रुख अपनाने पर मजबूर किया है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News