Bihar Politics: सारण में बड़ा सियासी उलटफेर, पीके के साथ मिलकर अफाक अहमद ने ध्वस्त कर दिया कम्युनिस्टों का गढ़

Bihar Politics: इस सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी का पार्टी का पिछले 35 वर्षों से कब्जा रहा है मगर अफाक अहमद ने इस बार कम्युनिस्टों का गढ़ ध्वस्त करते हुए जीत हासिल की है।

Update: 2023-04-06 15:09 GMT

Bihar Politics: बिहार विधानपरिषद की सारण शिक्षक निर्वाचन सीट पर हुए एमएलसी चुनाव में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर समर्थित अफाक अहमद ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के आनंद पुष्कर को हराकर सारण में बड़ा सियासी उलटफेर किया है। इस सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी का पार्टी का पिछले 35 वर्षों से कब्जा रहा है मगर अफाक अहमद ने इस बार कम्युनिस्टों का गढ़ ध्वस्त करते हुए जीत हासिल की है। अफाक अहमद को मिली यह काफी कामयाबी प्रशांत किशोर का भी हौसला बढ़ाने वाली है क्योंकि वे जन सुराज से जुड़े हुए हैं।

सारण सीट पर 35 वर्षों से कम्युनिस्टों का कब्जा

बिहार के बड़े शिक्षक नेता और कई बार एमएलसी रहे केदारनाथ पांडेयय की विरासत को संभालने के लिए इस बार उनके बेटे आनंद पुष्कर चुनाव मैदान में उतरे थे। पांडे के निधन के बाद ही यह सीट रिक्त हुई थी। पांडेय बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष भी थे। उनकी सारण इलाके में मजबूत पकड़ मानी जाती रही है।

पिछले करीब 35 वर्षों से इस सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी का कब्जा रहा है। इस कारण सियासी नजरिए से अफाक अहमद की यह जीत काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनकी जीत का श्रेय प्रशांत किशोर को दिया जा रहा है क्योंकि उन्होंने ही अफाक अहमद की चुनावी बिसात बिछाते हुए ऐसी रणनीति बनाई जिसमें आनंद पुष्कर को हार का मुंह देखना पड़ा।

इस बार अफाक अहमद को मिली जीत

सारण शिक्षक निर्वाचन अफाक अहमद को 3055 वोट हासिल हुए हैं जबकि आनंद पुष्कर को 2381 वोट ही हासिल हो सके। इस तरह महागठबंधन को इस चुनाव में 674 वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा। शिक्षक नेता जयराम यादव को 2080 वोट हासिल हुए हैं। निर्दलीय उम्मीदवार चंद्रमा सिंह ने 1255, रंजीत कुमार ने 1008 और नवल किशोर सिंह ने 552 मत पाने में कामयाबी हासिल की।

भाजपा को इस चुनाव में जबर्दस्त झटका लगा है क्योंकि पार्टी के उम्मीदवार धर्मेंद्र कुमार मात्र 495 मत पा सके। चुनाव मैदान में कई और उम्मीदवार भी उतरे थे और उन्होंने वोट काटने में बड़ी भूमिका निभाई। यदि बात चुनावी समीकरणों की जाए तो प्रशांत किशोर ने अफाक अहमद को जिताने में बड़ी भूमिका निभाई है।

जन सुराज से जुड़े हुए हैं अफाक अहमद

अफाक अहमद पिछले करीब एक वर्ष से चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। बेतिया में जन सुराज यात्रा के दौरान वे हर मोर्चे पर प्रशांत किशोर के साथ खड़े थे। प्रशांत किशोर ने पिछले साल 2 अक्टूबर को पश्चिम चंपारण स्थित गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरू की थी। जन सुराज यात्रा पश्चिम चंपारण के बाद शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान होते हुए लगभग 2500 किमी की दूरी तय कर चुकी है।

अब राजद-भाजपा को चुनौती देने की तैयारी

अफाक अहमद ने पश्चिम चंपारण में जन सुराज यात्रा के दौरान बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उन्होंने पश्चिम चंपारण में यात्रा में शामिल होने के बाद सारण तक की यात्रा की थी। चुनावी जीत हासिल करने के बाद अफाक अहमद का कहना है कि वे प्रशांत किशोर की सोच के मुताबिक बिहार में बदलाव लाना चाहते हैं।

अफाक की इस जीत के साथ ही सारण की राजनीति में जन सुराज की एंट्री हो गई है। सारण को राष्ट्रीय जनता दल का गढ़ माना जाता है और यहां से पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी सांसद रह चुके हैं। अब अफाक अहमद राजद और भाजपा दोनों प्रमुख सियासी दलों को चुनौती देने का की तैयारी कर रहे हैं।

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