जान जोखिम में डालकर कच्छे बनियान में ही छापा मारने पहुंच गई पुलिस, आगे हुआ ये

पुलिस टीम जिस जगह छापेमारी के लिए पहुंची थी वह इलाका चारों तरफ से नदी से घिरा हुआ है। बीच में सोन नदी पड़ती है। वहां पर लम्बी-लम्बी घास और घना जंगल है। इसलिए ऐसे जगहों पर पुलिस को अपने आपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने में काफी कठिनाई होती है। क्योंकि वहां पर दूर से कुछ भी नहीं दिखता।

Update:2020-10-19 13:50 IST
सोन नदी के बीचोबीच स्थित तारेगना टोक जगह कारोबारियों के लिए सेफ जोन है। वहां पर हर किसी के लिए पहुंचना आसान भी नहीं है। रविवार को भी पुलिस ने तारेगना में छापेमारी की और सैकड़ों लीटर अवैध देसी शराब को नदी में बहा दिया।

पटना: आज की बड़ी खबर बिहार से आ रही है। बिहार पुलिस ने तारेगना इलाके में अवैध शराब कारोबारियों के ठिकाने पर छापा मारकर भारी मात्रा में अवैध शराब जब्त किया है। शराब बनाने वाले उपकरणों को भी नष्ट कर दिया है।

इस बीच जानकारी ये भी निकलकर सामने आ रही है कि बिहार पुलिस को इन शराब कारोबारियों को पकड़ने के लिए कच्छे बनियान में उतरना पड़ा। तब जाकर उन्हें अपने काम में सफलता हासिल हुई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध शराब कारोबारियों ने बिहार पुलिस की नाक में दम करके रखा है। आये दिन किसी न किसी इलाके से अवैध शराब के बारें में पुलिस को जानकारी मिलती रहती है।

अभी तक जो जानकारी निकलकर सामने आ पाई है कि उसके मुताबिक बिहटा सोन नदी के बीच स्थित एक टापू में शराब कारोबारियों ने अपनी फैक्ट्री लगा रखी थी। ये पूरा इलाका पानी से घिरा हुआ है।

शराब की प्रतीकात्मक फोटो(सोशल मीडिया)

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घना जंगल और चारों तरह केवल पानी ही पानी है

वहां पर लम्बी-लम्बी घास और घना जंगल है। इसलिए ऐसे जगहों पर पुलिस को अपने आपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने में कठिनाई होती है।

क्योंकि वहां पर दूर से कुछ भी नहीं दिखता। ऐसे में अगर बिहार पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए नाव लेकर जाती तो उन्हें भनक लग जाती। इसलिए पुलिस ने अलग तरीका अपनाया।

पुलिस अपनी वर्दी उतारकर नदी में उतर गई। पटना पुलिस कच्छा-बनियान पहनकर टापू तक पहुंची लेकिन शराब कारोबारी उनके हाथ नहीं आ पाए। उन्हें पहले से ही इसकी भनक लग गई।

इसके बाद वे मौके से भाग निकले। इस दौरान बिहार पुलिस ने मौके पर अवैध शराब की भट्टियों तोड़ दी। ये पूरा वाकया बिहटा थाना क्षेत्र के तारेगना टोक इलाके है। यहां हर हफ्ते बिहटा पुलिस अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी करती है लेकिन पुलिस जैसे ही उनकी अवैध भट्टियों को तोड़कर जाती है।

शराब के कारोबारी फिर से उसी जगह भट्टी लगाकर शराब बनाना शुरू कर देते हैं। बता दें कि सोन नदी के तटीय गांवों में पुलिस की लगातार छापेमारी के बाद भी अवैध शराब का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर सोन नदी के बीचोबीच स्थित तारेगना टोक जगह कारोबारियों के लिए सेफ जोन है। वहां पर हर किसी के लिए पहुंचना आसान भी नहीं है।

शराब की प्रतीकात्मक फोटो(साभार-सोशल मीडिया)

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पुलिस के पहुंचने से पहले शराब कारोबारी फरार

चर्चा तो ऐसी भी है कि पटना पुलिस के पास न तो पर्याप्त संख्या है, न ही संसाधन। बिना नाव के पुलिस किसी तरह इन अवैध शराब कारोबारियों को पकड़ने पहुंचती है लेकिन उसके पहले कारोबारी फरार हो जाते हैं। जिसके कारण पुलिस के हाथ केवल कच्ची शराब ही आती है।

रविवार को भी पुलिस ने तारेगना में छापेमारी की और सैकड़ों लीटर अवैध देसी शराब को नदी में बहा दिया। वहीं शराब बनाने वाले उपकरण को नष्ट कर दिया। जानकारी के मुताबिक पुलिस टीम जिस जगह छापेमारी के लिए पहुंची थी वह इलाका चारों तरफ से नदी से घिरा है। बीच में सोन नदी पड़ती है।

उसी नदी को पार करने में पुलिस को अपनी वर्दी उतारनी पड़ी। पुलिस द्वारा इस तरह से जान जोखिम में डालकर अवैध शराब कारोबारियों को पकड़ने जाने के लिए नदी में उतरने की बात की बिहार में हर तरफ चर्चा है।

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