Bihar Politics : देवीलाल जयंती से नीतीश ने क्यों किया किनारा, व्यस्तता का बहाना मगर असली कारण कुछ और

Bihar Politics : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के जयंती समारोह में शामिल नहीं होंगे।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-09-12 06:57 GMT

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  (File Photo) pic(social media)

Bihar Politics : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के जयंती समारोह से किनारा कर लिया है। देवीलाल के पुत्र और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने 25 सितंबर को देवी लाल जयंती पर हरियाणा के जींद में एक बड़े समारोह का आयोजन किया है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने इस समारोह के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी न्योता भेजा था, मगर नीतीश कुमार इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह सिंह उर्फ ललन सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि बिहार से जुड़े विभिन्न मसलों में व्यस्तता के कारण नीतीश कुमार इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे।

दूसरी और जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार ने काफी सोच समझकर यह फैसला लिया है। दरअसल, इस जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे नेताओं का जमावड़ा लगने वाला है।

इस समारोह में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, एनसीपी के मुखिया शरद पवार, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल समेत विपक्ष के कई और नामचीन नेताओं के हिस्सा लेने की संभावना है। जानकारों का कहना है कि इसी कारण नीतीश कुमार ने इस जयंती समारोह में हिस्सेदारी न करने का फैसला किया है।

ललन सिंह ने बताई नीतीश की व्यस्तता

जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों बिहार बिहार की विभिन्न समस्याओं को लेकर काफी व्यस्त हैं। राज्य में कोरोना की संभावित तीसरी लहर, बच्चों में वायरल बुखार के प्रकोप और बाढ़ की समस्या के कारण मुख्यमंत्री की व्यस्तता काफी बढ़ गई है। इस कारण अभी मुख्यमंत्री के लिए बिहार से बाहर जाना संभव नहीं है।

आवश्यक होने पर वे अधिक से अधिक दिल्ली तक ही जा सकते हैं और कहीं नहीं। ऐसी स्थिति में उनके लिए जींद में आयोजित देवीलाल जयंती समारोह में हिस्सा लेना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय प्रधान सचिव केसी त्यागी इस समारोह में पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे।

देवीलाल के साथ थे आत्मीय रिश्ते

उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल के साथ नीतीश कुमार के आत्मीय रिश्ते रहे हैं। जब वे देश के कृषि मंत्री थे तो नीतीश कुमार उसी मंत्रालय में राज्य मंत्री थे। चौटाला ने इसी कारण नीतीश कुमार को जयंती समारोह के लिए आमंत्रण भेजा था मगर नीतीश कुमार इस समारोह में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती समारोह (फोटो- सोशल मीडिया)

उन्होंने कहा कि इस बाबत चौटाला को भी सूचना दे दी गई है। अभी कुछ समय पहले नीतीश कुमार चौटाला से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे। उस समय भी चौटाला ने नीतीश कुमार से इस समारोह में हिस्सा लेने का अनुरोध किया था।

समारोह में मोदी विरोधी नेताओं का जमावड़ा

दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं। उन्होंने भविष्य की राजनीति का ख्याल करके इस समारोह में हिस्सा न लेने का फैसला किया है। देश में इन दिनों भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ तीसरा मोर्चा खड़ा करने की कोशिशें चल रही हैं।

विपक्ष के कई महत्वपूर्ण नेता इस मुहिम में जुटे हुए हैं। देवीलाल की जयंती पर आयोजित समारोह को भी इसी मुहिम से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि इस समारोह में विपक्ष के कई बड़े नेताओं का जमावड़ा लगने वाला है।

जयंती समारोह में जिन नेताओं के हिस्सा लेने की चर्चा है उनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव, सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एनसीपी के मुखिया शरद पवार, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का नाम उल्लेखनीय है। इनमें से कई नेता 2024 की सियासी जंग में पीएम मोदी के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

नीतीश ने रखा भावी सियासत का ख्याल

सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार ने इसी कारण इस जयंती समारोह से किनारा कर लिया है क्योंकि वे खुद पर पीएम मोदी विरोधी गुट का लेबल नहीं चिपकने देना चाहते। इस समारोह के दौरान पीएम मोदी पर जोरदार हमले की उम्मीद जताई जा रही है।

नीतीश कुमार के समारोह में हिस्सा लेने से उनकी भविष्य की राजनीति के लिए बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। इसीलिए उन्होंने काफी सोच समझकर इस समारोह में हिस्सा न लेने का फैसला किया है।

ललन सिंह की ओर से नीतीश कुमार के हिस्सा न लेने के जो कारण बताए गए हैं वे किसी के गले के नीचे नहीं उतर रहे। बिहार में इन दिनों नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर रुख अपना रखा है। नीतीश कुमार इस बात को बखूबी जानते हैं कि इस समारोह में हिस्सा लेने से उनके भावी सियासी समीकरण गड़बड़ हो सकते हैं।

भाजपा ने जदयू से ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद अपने वादे पर अमल करते हुए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया है मगर पीएम मोदी विरोधी मंच में हिस्सेदारी करने पर नीतीश कुमार के लिए आगे मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं। यही कारण है कि नीतीश कुमार ने इस समारोह से अलग होकर बिहार में एनडीए की मजबूती बनाए रखने का फैसला किया है।

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