Bihar Politics: तेज प्रताप करेंगे कांग्रेस का प्रचार,पार्टी के बड़े नेता का दावा,तेजस्वी की और बढ़ेंगी मुश्किलें
बिहार के वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि तेज प्रताप कुशेश्वरस्थान सीट पर कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। कुशेश्वरस्थान सीट के संबंध में यह भी उल्लेखनीय है कि यह इलाका हसनपुर इलाके के बिल्कुल बगल में है।
Bihar Politics: राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के मुखिया लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बेटों तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बीच खिंची तलवार का असर विधानसभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भी दिख सकता है। बिहार में हो रहे उपचुनाव को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच पहले ही टकराव हो चुका है। दोनों दलों ने दोनों सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। इस बीच प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक राम ने तेज प्रताप से मुलाकात के बाद बड़ा दावा किया है।
बिहार के वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि तेज प्रताप कुशेश्वरस्थान सीट पर कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। कुशेश्वरस्थान सीट के संबंध में यह भी उल्लेखनीय है कि यह इलाका हसनपुर इलाके के बिल्कुल बगल में है। तेज प्रताप गत विधानसभा चुनाव में हसनपुर सीट से विधायक चुने गए हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि तेज प्रताप का यह कदम तेजस्वी और राजद के लिए मुसीबत बढ़ाने वाला साबित होगा। तेज प्रताप ने पहले ही राजद नेताओं के खिलाफ हमलावर रुख अपना रखा है।
प्रदेश अध्यक्ष ने की तेजप्रताप से मुलाकात
कुशेश्वरस्थान सीट से कांग्रेस ने अशोक राम के बेटे अतिरेक कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है । बेटे की जीत सुनिश्चित करने के लिए अशोक राम ने गुरुवार को तेज प्रताप से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने दावा किया कि तेज प्रताप के कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव प्रचार का पार्टी को जरूर फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब मैं मुलाकात करने के लिए तेज प्रताप के पास पहुंचा तो वे अपने संगठन से जुड़े लोगों की बैठक कर रहे थे। तेज प्रताप ने मुझे बताया कि वे अपने अगले सियासी कदम के बारे में संगठन से जुड़े लोगों से चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने जरूरत पड़ने पर कांग्रेस का चुनाव प्रचार करने की बात भी कही।
राजद प्रत्याशी की जगह कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करने के सवाल पर अशोक राम ने कहा कि तेजप्रताप अपना नया संगठन बना चुके हैं । इन दिनों वे अपने संगठन की ही गतिविधियों में ही व्यस्त हैं। वे युवाओं को अपने संगठन से जोड़ने की मुहिम में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि वे आने वाले दिनों में बिहार के पिछड़े वर्ग से जुड़े लोगों को आगे बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
राजद से तेज प्रताप का टकराव
तेज प्रताप का दो महीने पहले राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से जबर्दस्त टकराव हुआ था। इस टकराव के बाद तेज प्रताप ने जगदानंद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। मगर लालू यादव की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। जगदानंद सिंह को लालू प्रसाद यादव के साथ ही तेजस्वी का भी करीबी माना जाता है। बुधवार को राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने दावा किया था कि तेज प्रताप यादव को राजद से निष्कासित किया जा चुका है। शिवानंद तिवारी के सनसनीखेज दावे के बाद बिहार की सियासत में खलबली मची हुई है। तिवारी ने यह भी दावा किया था कि पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव अपनी राजनीतिक विरासत तेजस्वी यादव को सौंप चुके हैं। तेज प्रताप को राजद के चुनाव चिह्न लालटेन के इस्तेमाल से भी रोक दिया गया है। यह पहला मौका है जब राज्य के किसी नेता ने दावा किया है कि तेजप्रताप पार्टी से निष्कासित किए जा चुके हैं।
शिवानंद तिवारी के दावे में काफी दम
शिवानंद तिवारी को लालू यादव का काफी करीबी माना जाता रहा है। यही कारण है कि सियासी हलकों में उनकी बात को निराधार नहीं माना जा रहा है। शिवानंद तिवारी के मुताबिक तेज प्रताप ने खुद इस बात को क़ुबूल किया है कि उन्हें लालटेन चुनाव निशान के इस्तेमाल से रोक दिया गया है। इससे साफ हो जाता है कि अब वे राजद का हिस्सा नहीं है।
तेज प्रताप ने हाल में लालू यादव को दिल्ली में बंधक बनाए जाने का बड़ा आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। हालांकि उन्होंने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया था । मगर उनका इशारा साफ तौर पर तेजस्वी यादव की ओर ही था। बाद में तेजस्वी यादव और खुद लालू प्रसाद यादव ने इस बात का खंडन किया था। लालू यादव का कहना था कि मेरा एम्स के डॉक्टरों की देखरेख में इलाज चल रहा है।इसी कारण मैं डॉक्टरों की सलाह पर दिल्ली में रह रहा हूं।
बिहार की सियासत पर पड़ेगा बड़ा असर
लालू के परिवार में शुरू हुए घमासान का बिहार की सियासत पर असर पड़ना तय माना जा रहा है। राजद ही नहीं बल्कि दूसरे सियासी दल भी दोनों भाइयों की इस खींचतान पर नजर गड़ाए हुए हैं। दोनों भाइयों के बीच बढ़ रही खींचतान के कारण अब यह तय माना जा रहा है कि दोनों ओर से खुलकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जल्द ही शुरू हो सकता है।
बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव 30 अक्टूबर को होने हैं। उससे पहले दोनों भाइयों के बीच टकराव बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। कांग्रेस ने तेज प्रताप को लुभाने का प्रयास शुरू कर दिया है।अब यह देखने वाली बात होगी कि तेज प्रताप इस बाबत क्या फैसला लेते हैं।