तेज प्रताप के तीखे तेवर: पार्टी से कोई नहीं निकाल सकता, राबड़ी से नहीं की मुलाकात

Bihar News: तेजप्रताप अब पार्टी के चुनाव निशान का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-10-12 13:47 IST

Lalu Prasad Yadav Family War: राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav family war) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej pratap Yadav) के तीखे तेवरों में कोई कमी नहीं आई है। पार्टी से निष्कासित किए जाने की अटकलों के बीच तेज प्रताप (Tej pratap yadav) का कहना है कि उन्हें राजद से निकालने की हिम्मत किसी में भी नहीं है। राजद में इन दिनों लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav family problem) के दोनों बेटों के बीच सियासी वर्चस्व कायम करने की जंग छिड़ी हुई है। लालू प्रसाद यादव अपने बेटों के बीच छिड़ी सियासी जंग से परेशान हैं। उन्होंने राबड़ी देवी को इस जंग को समाप्त करने के लिए पटना भेजा है। हालांकि राबड़ी की अभी तक तेज प्रताप से मुलाकात नहीं हो सकी है।

तेज प्रताप (Tej pratap Yadav ka Janshakti yatra) यादव सोमवार को अपनी जनशक्ति यात्रा के दौरान पूरे तेवर में नजर आए। उनके तेवर से साफ था कि वे किसी भी रूप में झुकने को तैयार नहीं हैं। हालांकि इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) से किसी भी प्रकार का मतभेद होने का होने की खबरों का खंडन किया। वैसे हाल के घटनाक्रम से साफ है कि दोनों भाइयों के बीच शीतयुद्ध चल रहा है जिसके कारण तेज प्रताप राजद (Tej Pratap yadav ke tewar) में पूरी तरह अलग-थलग पड़ चुके हैं।

राजद (RJD) में किसी के पास इतनी हिम्मत नहीं 

राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी (RJD senior leader Shivanand Tiwari) ने पिछले दिनों में यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि तेज प्रताप (Tej Pratap yadav party se nishkashit) को राजद से निष्कासित किया जा चुका है। उनका कहना था कि तेजप्रताप अब पार्टी के चुनाव निशान का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते। वैसे पार्टी की ओर से अभी तक तेज प्रताप के निष्कासन के संबंध में कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस बीच तेज प्रताप ने सोमवार को चुनौतीपूर्ण अंदाज में कहा कि उन्हें राजद से कोई नहीं निकाल सकता। उन्होंने दावा किया कि इतनी हिम्मत है किसी में भी नहीं है।

भाई से मतभेद से किया इनकार 

जनशक्ति यात्रा (Janshakti yatra) के दौरान मीडिया से बातचीत में तेज प्रताप (Tej Pratap yadav or Tejashwi yadav) का कहना था कि मेरा अपने भाई तेजस्वी यादव से किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है। इस संबंध में झूठी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने खुद को जेपी का अनुयायी बताते हुए कहा कि देश इस समय बुरे दौर से गुजर रहा है। इसलिए जे पी के दिखाए रास्ते पर चलना जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में अराजकता का माहौल बन चुका है । इसी कारण हम अपनी यात्रा के जरिए सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं। देश में व्याप्त भ्रष्टाचार,स्वास्थ्य सुविधाओं में गिरावट और अशिक्षा के खिलाफ मैंने क्रांति की शुरुआत करने का फैसला किया है। इसमें मुझे सभी वर्गों का सहयोग मिल रहा है।

राबड़ी (Rabri Devi) से मुलाकात नहीं कर रहे तेज प्रताप  (Tej Pratap yadav)

जनशक्ति यात्रा (Janshakti yatra)की शुरुआत से पहले तेज प्रताप के अपनी मां राबड़ी देवी से मिलने की बात कही जा रही थी। मगर तेज प्रताप (Tej Pratap ne nahi ki rabri devi se mulakat) ने राबड़ी से मुलाकात नहीं की। वह राबड़ी देवी के सरकारी आवास की तरफ से जरूर निकले । मगर उन्होंने मुलाकात से परहेज किया। राबड़ी देवी ने रविवार को तेज प्रताप के आवास पर पहुंचकर मुलाकात की कोशिश की थी । मगर रविवार को भी दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी थी। माना जा रहा है कि तेज प्रताप (Tej Pratap yadav and Rabri Devi) राबड़ी से मुलाकात करने से कट रहे हैं। उन्होंने जनशक्ति यात्रा की शुरुआत से पहले अपनी मां का आशीर्वाद भी नहीं लिया। लालू ने दोनों बेटों के बीच सुलह कराने की जिम्मेदारी सौंपकर ही राबड़ी को पटना भेजा है मगर वे अपने मिशन में अभी तक कामयाब नहीं हो सकी हैं।

आमंत्रण पर भी नहीं पहुंचे तेजस्वी (Tejashwi Yadav)

तेज प्रताप ने जनशक्ति यात्रा में शामिल होने के लिए अपने भाई तेजस्वी को भी आमंत्रण दिया था । मगर तेजस्वी यात्रा में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे। हालांकि उन्होंने यात्रा की शुरुआत से पहले अपने भाई को शुभकामनाएं जरूर दीं। उनका कहना था कि यात्राएं निकलती रहनी चाहिए । इसके लिए बधाई और शुभकामनाएं। हालांकि वह तेज प्रताप (Tej Pratap ne nahi ki rabri devi se mulakat) के मुद्दे पर खुलकर बातचीत करने से बचते दिखे। तेजस्वी ने भले ही यात्रा के लिए अपने बड़े भाई को शुभकामनाएं दीं ।मगर हाल के दिनों में दोनों भाइयों के बीच वार-पलटवार का दौर चलता रहा है। तेज प्रताप लगातार इशारों में तेजस्वी पर हमला करते रहे हैं , जबकि तेजस्वी अपनी सियासी चालों से तेज प्रताप को कमजोर बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। दोनों भाइयों के बीच चल रही खींचतान से राजद में खलबली मची हुई है । मगर कोई भी नेता खुलकर इस मुद्दे पर बोलने को तैयार नहीं है। माना जा रहा है कि इस संबंध में लालू यादव के फैसले का इंतजार किया जा रहा है। लालू का सिग्नल मिलने के बाद तेज प्रताप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि लालू भी बातचीत के जरिए इस विवाद को सुलझाने के पक्षधर दिख रहे हैं।

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