Bihar News: बिहार में जति आधारित जनगणना शुरू, दो चरणों में होगा सर्वे

Bihar News: पटना के पाटलिपुत्र के वार्ड संख्या 27 में स्थित बैंक रोड से डीएम चंद्रशेखर सिंह ने इसकी शुरूआत कर दी है। बिहार में जाति आधारित जनगणना करवाने की जिम्मेदारी जनरल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग को दी गई है।

Written By :  Anant kumar shukla
Update:2023-01-07 16:03 IST

Caste based census begins in Bihar to be held in two phases (Social Media)

Bihar News: बिहार में आज शनिवार से जति आधारित जनगणना शुरू हो गयी है। पटना के पाटलिपुत्र के वार्ड संख्या 27 स्थित बैंक रोड से डीएम चंद्रशेखर सिंह ने इसकी शुरूआत कर दी। बिहार में जाति आधारित जनगणना करवाने की जिम्मेदारी जनरल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग को दी गई है।

गणना को पूरा करने के लिए शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मनरेगा और आजीविका मिशन के कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही है। यह कार्य दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 21 जनवरी तक मकानों की गिनती की जाएगी। जबकि दूसरा चरण अप्रैल माह से शुरू होगा और 30 मई तक चलेगा। इस चरण में जाति आधारित लोगों की जनगणना की जाएगी।

राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे इस सर्वे में करीब 12.7 करोड़ जनसंख्या, 2.58 करोड़ घरों को कवर किया जाएगा। ये जनगणना 31 मई को पूरा होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह जनगणना 38 ज़िलों में कराया जाएगा। जिसमें 534 ब्लॉक्स और 261 शहरी स्थानीय निकाय शामिल हैं।

कब से कबतक होगी जातिगत जनगणना

बिहार में जातिगत जनगणना आज 7 जनवरी से शुरू हो गयी है। ये दो चरणों में सम्पन्न होगी। पहला चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी, 2023 तक चलेगा। दूसरा चरण 1 अप्रैल से से 30 मई, 2023 तक चलेगा।

ऐसे होगी गणना

बिहार में आज से शुरू जति आधारित जनगणना दो चरणों में संपन्न होगा। पहले चरण में घरों की गिनती की जाएगी। पहले चरण की शुरुआत पटना के वीआईपी इलाकों से होगी। पहले विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के घरों की गणना की जाएगी। इस चरण में घरों के अलावा घर के मुखिया और परिवार के सदस्यों के नाम दर्ज किए जाएंगे। दूसरे चरण में जातियों गणना की जाएगी। इस चरण मे लोगों की जाति, उपजाति और धर्म के आधार पर डाटा तैयार किया जाएगा।

इस विभाग को सौंपा गया जिम्मा

राज्य सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का जिम्मा जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को दी गई है। इस गणना में पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के आंकड़े जुटाए जाएंगे। जिला स्तर पर जनगणा की जिम्मेदारी डीएम को दी गई है। उन्हे नोडल अफसर बनाया गया है। जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के कर्मचारी, डीएम और ग्रामीण स्तर पर अलग-अलग विभागों के अधिनस्थ ऑफिसों के कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा जीविका कर्मचारियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद ली जाएगी।

500 करोंड़ का खर्चा

राज्य द्वारा काराए जा रहे जातिगत जनगणना के सर्वे पर 500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। हालांकि ये खर्च कम जादा हो सकता है। ये फंड कंटेनजेंसी फंड से खर्च किया जाएगा।

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