तेजस्वी के तेज से चमक उठे बिहार में कम्युनिस्ट, बंपर सीटों का इजाफा

बिहार में बदलाव की बयार चलेगी या सुशासन बाबू की बहार बनी रहेगी इसका फैसला तो मंगलवार की शाम तक हो जाएगा लेकिन विधानसभा चुनाव में तेजस्वी का साथ प्रदेश की कम्युनिस्ट पार्टियों के शुभ मंगल वरदान साबित हुआ है।

Update: 2020-11-10 09:41 GMT
तेजस्वी के तेज से चमक उठे बिहार में कम्युनिस्ट, बंपर सीटों का इजाफा (Photo by social media)

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी का साथ प्रदेश की राजनीति में कम्युनिस्ट पार्टियों के लिए तो वरदान से कम नहीं है। पांच साल पहले विधानसभा के दरवाजे तक पहुंचने में नाकाम रहे वाम दलों की इस बार बांछें खिली हुई हैं। डेढ़ दर्जन सीटों पर वामदलों की स्थिति मजबूत बनी हुई है जबकि पिछले चुनाव में केवल सीपीआईएमएल को ही तीन सीटों पर जीत मिल पाई थी।

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बिहार में बदलाव की बयार चलेगी या सुशासन बाबू की बहार बनी रहेगी

बिहार में बदलाव की बयार चलेगी या सुशासन बाबू की बहार बनी रहेगी इसका फैसला तो मंगलवार की शाम तक हो जाएगा लेकिन विधानसभा चुनाव में तेजस्वी का साथ प्रदेश की कम्युनिस्ट पार्टियों के शुभ मंगल वरदान साबित हुआ है। कम्युनिस्ट पार्टियों की किस्मत का ताला खुलता नजर आ रहा है। चुनाव परिणाम के रुझान बता रहे हैं कि तेजस्वी यादव समर्थक मतों का साथ मिलने से इस बार कम्युनिस्ट दलों की भी झोली जीत से भर गई है। कम्युनिस्ट दलों को तेजस्वी ने महागठबंधन समझौते के तहत कुल 29 सीट ही दी थी। दस सीट तो सीधे तेजस्वी ने अपने खाते से चुनाव लड़ने के लिए दी थी। 29 सीटों में कम्युनिस्ट पाटियां कम से कम 18 सीट पर जीत दर्ज कराती दिख रही हैं।

सीपीआईएमएल को ही 12 सीट पर बढ़त मिल चुकी है

अकेले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीआईएमएल) को ही 12 सीट पर बढ़त मिल चुकी है जबकि पांच साल पहले हुए चुनाव में सीपीआईएमएल को कुल तीन सीटों पर ही जीत मिली थी। पिछले चुनाव में सभी वाम दलों में अकेले सीपीआईएमएल ने ही विधानसभा का मुंह देखा था। बाकी दलों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में ही खेत रहे थे। इस बार तेजस्वी का साथ मिलने के बाद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई)तीन सीट पर और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सवादी (सीपीआईएम)भी तीन सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं।

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सीपीआई 4 और सीपीआईएम केवल 6 सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं

उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि सीपीआई 4 और सीपीआईएम केवल 6 सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह 19 सीट पर चुनाव लडऩे वाली सीपीआईएमएल अब तक 12 सीट पर आगे चल रही है। तीनों कम्युनिस्ट दलों के चुनाव में आगे चलने की वजह से वामपंथ समर्थकों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। पटना में इन दलों के कार्यालय में भी चहल-पहल देखने को मिल रही है। राजद के कार्यालय में मौजूद नेता भी कह रहे हैं कि तेजस्वी ने इस बार जिसे भी छू दिया है वह राजनीतिक दल सोना बन गया है।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

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