गिरफ्तारी के बाद बिहार में हीरो बने पप्पू यादव, बढ़ती लोकप्रियता से राजद में भी घबराहट

पप्पू यादव गिरफ्तारी के बाद बिहार में हीरो बनते दिखाई दे रहे हैं। उनकी बढ़ती लोकप्रियता से RJD में भी घबराहट दिख रही है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update:2021-05-14 21:28 IST

पप्पू यादव (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

पटना: कोरोना (Corona Virus) संकटकाल में आम लोगों की मदद करके चर्चा का विषय बने पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) गिरफ्तारी के बाद पूरे बिहार में हीरो बनते दिखाई पड़ रहे हैं। आपदा काल में पप्पू यादव के अलावा कोई दूसरा नेता लोगों की मदद के लिए इस तरह सक्रिय नजर नहीं आया। यही कारण है कि पप्पू यादव राज्य के प्रमुख सियासी दल राजद के नेता तेजस्वी यादव पर भी भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।

उनकी बढ़ती लोकप्रियता से राजद में भी घबराहट दिख रही है और राजद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पप्पू यादव की गिरफ्तारी को नीतीश सरकार (Nitish Government) की मिलीभगत का नतीजा बताया है। राजद ने पप्पू यादव की गिरफ्तारी को एक नौटंकी बताते हुए कहा कि सहानुभूति बटोरने के लिए यह कदम उठाया गया है। राजद नेता तेजप्रताप (Tej Pratap Yadav) की ओर से पप्पू यादव के समर्थन में एक ट्वीट किया गया है मगर कुछ समय बाद ही इस ट्वीट को हटा दिया गया।

कहीं सोची समझी रणनीति तो नहीं

जन अधिकार पार्टी (Jan Adhikar Party) के अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) की गिरफ्तारी के बाद बिहार के सियासी हलकों में यह चर्चा भी तैर रही है कि कहीं राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) का सियासी कद छोटा करने के लिए तो पप्पू यादव की गिरफ्तारी नहीं की गई। बिहार में सूखे की घटना हो या पटना में बाढ़ है या कोरोना वायरस (Corona Virus) की मौजूदा महामारी, पप्पू यादव हमेशा आम लोगों के साथ खड़े हुए दिखे हैं। यही कारण है कि वे हमेशा मीडिया की सुर्खियों में छाए रहते हैं।

दूसरी ओर संकट की इस घड़ी में भी राजद नेता तेजस्वी यादव और पार्टी का कोई दूसरा बड़ा नेता लोगों के साथ खड़ा नजर नहीं आया। राजद नेता केवल सोशल मीडिया के जरिए नीतीश सरकार पर हमला करने में जुटे हुए हैं। अलबत्ता कुछ क्षेत्रों में राजद विधायकों ने खाना और दवाई पहुंचाने का काम जरूर शुरू किया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं नीतीश कुमार

सियासी जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) सियासत के कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं। पप्पू जिस तरह आम लोगों की मदद और एंबुलेंस का घोटाला का खुलासा करके मीडिया में छाए हुए थे, ऐसी स्थिति में कोई भी सुलझा हुआ नेता उनकी गिरफ्तारी का जोखिम नहीं उठा सकता। इसके बावजूद बिहार पुलिस ने 32 साल पुराने मामले में पप्पू यादव की गिरफ्तारी करके उन्हें जेल भिजवा दिया है

हालांकि पप्पू की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर नीतीश सरकार (Nitish Kumar) के खिलाफ गुस्से का जमकर इजहार भी किया जा रहा है। कुछ जानकारों का मानना है कि इन परिस्थितियों में पप्पू की गिरफ्तारी के पीछे कोई बड़ी सियासी सोच भी हो सकती है।

पप्पू यादव को मिल रहा व्यापक समर्थन

पिछले साल बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में राजद ने मुस्लिम-यादव समीकरण की बदौलत अपनी ताकत दिखाई थी मगर गिरफ्तारी के बाद पप्पू यादवों के बीच बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं और तमाम यादव नेता बढ़-चढ़कर उन्हें समर्थन दे रहे हैं।

गिरफ्तारी के बाद पटना से मधेपुरा ले जाए जाते समय समर्थकों ने कई स्थानों पर 30 गाड़ियों के काफिले को रोककर हंगामा किया और पप्पू की गिरफ्तारी पर जमकर विरोध जताया। जानकारों का कहना है कि पप्पू यादव को बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में जिस तरह व्यापक समर्थन मिल रहा है, उससे साफ है कि वे यादवों के बड़े नेता बनकर उभरे हैं।

राजद नेता तेजस्वी यादव (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

तेजस्वी यादव से कहा था मदद करने को

पटना में अपनी गिरफ्तारी के बाद पप्पू यादव ने साफ तौर पर कहा था कि मुझे तो जेल भेजा जा रहा है मगर अब राजद नेता तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं को जनता के बीच निकलना चाहिए और लोगों की मदद करनी चाहिए। नीतीश कुमार के खिलाफ छोटे-छोटे मुद्दों पर भी पत्रकार वार्ता करने वाले तेजस्वी यादव फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कदम का विरोध जताने के लिए बाहर नहीं निकले और उन्होंने राजद के दूसरे नेताओं को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए भेज दिया।

राजद ने गिरफ्तारी को मिलीभगत बताया

राजद प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी और विधायक चंद्रशेखर ने पप्पू यादव पर सरकार की गोद में खेलने का आरोप लगाया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पप्पू यादव और नीतीश कुमार नूराकुश्ती लड़ रहे हैं।

पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि पप्पू यादव खुद गिरफ्तार हुए हैं ताकि इसके जरिए लोगों की सहानुभूति बटोरने में कामयाबी मिल सके। राजद नेताओं ने गिरफ्तारी में सरकार और पप्पू यादव की मिलीभगत बताया और कहा कि पूर्व सांसद का चरित्र किसी से छिपा हुआ नहीं है।

पूर्व सांसद को हीरो बनाने की कोशिश

राजद नेताओं ने आरोप लगाया कि 2020 के विधानसभा चुनाव में भी पप्पू यादव के खिलाफ केस छिपाने का सबूत पेश किया गया था, लेकिन उसे उस समय नहीं माना गया। अब उसी केस में पप्पू यादव की गिरफ्तारी की गई है और सरकार के साथ सेटिंग करके उन्हें हीरो बनाने की कोशिश की जा रही है।

यादवों के बीच पप्पू की लोकप्रियता बढ़ी

बिहार में यादवों को बड़ी सियासी ताकत माना जाता है। राज्य में यादवों की आबादी करीब 17 फीसदी है और यादवों के बीच पप्पू यादव के प्रति जबर्दस्त सहानुभूति देखी जा रही है। सियासी जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में पप्पू यादव राजद के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि यदि यादव वोट बैंक का कुछ प्रतिशत भी पप्पू यादव के साथ गया तो निश्चित रूप से यह राजद के लिए बड़ी मुसीबत साबित होगा।

शहाबुद्दीन प्रकरण से मुस्लिम भी नाराज

सीवान के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की मौत के बाद मुस्लिमों में भी राजद के प्रति नाराजगी दिख रही है। शहाबुद्दीन के समर्थक उनके शव को सीवान ले जाना चाहते थे मगर वे इसमें कामयाब नहीं हो सके। 

शहाबुद्दीन के करीबियों ने इसे लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव पर जबर्दस्त हमला भी बोला था। इस प्रकरण के बाद कुछ मुस्लिम नेता राजद से इस्तीफा भी दे चुके हैं। ऐसे में पप्पू यादव प्रकरण के बाद यदि राजद मुस्लिम-यादव गठजोड़ को एकजुट रखने में कामयाब नहीं हुआ तो निश्चित रूप से उसे एक करारा झटका लगना तय माना जा रहा है।

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