Bihar News: आदित्य ठाकरे पहुंचे पटना, तेजस्वी से मिले, बोले - महंगाई और बेरोजगारी पर साथ लड़ना है
Bihar news: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने तेजस्वी यादव को महाराष्ट्र की खास शॉल गिफ्ट की। साथ ही शिवाजी महाराज की मूर्ति भी भेंट की।
Bihar news: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और युवा नेता आदित्य ठाकरे बिहार दौरे पर पहुंच चुके हैं। दोपहर 4:00 आदित्य ठाकरे पटना एयरपोर्ट पहुंचे। उनके साथ शिवसेना के सचिव अनिल देसाई और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं। सबसे पहले आदित्य ठाकरे, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के घर पहुंचे। राबड़ी आवास पर तेजस्वी ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
आदित्य ठाकरे ने तेजस्वी यादव को महाराष्ट्र की खास शॉल की गिफ्ट
सबसे पहले आदित्य ठाकरे ने तेजस्वी यादव को महाराष्ट्र की खास शॉल गिफ्ट की। साथ ही शिवाजी महाराज की मूर्ति भी भेंट की। इसके बाद तेजस्वी यादव ने भी मिथिला पेंटिंग वाला शॉल गिफ्ट किया। इसके बाद तेजस्वी यादव ने उनके साथ आए सभी मेहमानों को शॉल भेंट किया। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर लिखी गई दो किताबें भी आदित्य ठाकरे को भेंट कीं।
महंगाई और बेरोजगारी पर साथ मिलकर लड़ाई लड़नी है: आदित्य ठाकरे
एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी पर साथ मिलकर लड़ाई लड़नी है। वहीं शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव की मुलाकात काफी अहम है। यह मुलाकात आगे की राजनीति की दिशा और दशा तय करेगी। अब देश को आगे बढ़ाना है। हमें पुरानी बातों को भुलाना होगा और देश के विकास के बारे में सोचना होगा। तेजस्वी और आदित्य की सोच और काम करने का तरीका दोनों आधुनिक होगा। बताया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे समेत सभी शिवसेना नेता आज ही पटना से रवाना हो जाएंगे।
मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में घमासान मचा
वहीं, इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में घमासान मच गया है एक तरफ राजद का कहना है कि दोनों नेताओं की मुलाकात भाजपा सरकार खतरे की घंटी है। 2024 में पूरे देश की जनता एक साथ मिलकर भाजपा सरकार को जवाब देगी। वहीं भाजपा का कहना है कि इस मुलाकात से कोई फायदा नहीं होने वाला है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी नेताओं से मिल चुके हैं लेकिन अब तक कोई फायदा नहीं हुआ।
हालांकि, तेजस्वी अपने पिता के विपरीत जाकर सियासत कर रहे हैं। उनके पिता ने एक समय में शिवसेना को सिरे से नकार दिया था और करा विरोध भी किया था। आज तेजस्वी शिवसेना के साथ हैं इस बात को बिहार की जनता देख रही है और वह 2024 में जरूर जवाब देगी।