SC ने उम्मीदवारों की जानकारी सार्वजनिक न करने को लेकर फैसला रखा रिजर्व
बिहार चुनाव में उम्मीदवारों से जुड़े उम्मीदवारों की जानकारी सार्वजनिक न करने के मामले में SC ने फैसला रिजर्व रखा...
बिहार चुनाव में उम्मीदवारों से जुड़े क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी सार्वजनिक न करने से जुड़े एक मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश रिजर्व रखा है।
राजनीति में बदलाव लाने के लिए चर्चा की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से हरीश साल्वे ने कहा कि देश की राजनीति में व्यापक बदलाव लाने के लिए बड़े स्तर पर चर्चा की जरूरत है। सभी राजनीतिक दलों की कोशिश सिर्फ चुनाव जीतने पर रहती है। पहले राजनीतिक दलों को संपत्ति घोषित करने में दिक्कत होती थी।
'व्यापक मुद्दे को देखना चाहिए'
कोर्ट ने आगे कहा कि विधायिका की ओर से इस तरह की चीजों को रोकने के लिए कोई भी फैसला नहीं लेने की उम्मीद है। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर वह (उम्मीदवार) जेल से बाहर आकर चुनाव लड़ता है, तो वह चुनाव जीतेगा क्योंकि वह किसी को भी मार सकता है। ऐसे में हम सभी को व्यापक मुद्दे को देखना चाहिए।
CPI(M) और NCP के उम्मीदवारों ने क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी नहीं दी
एमिकस क्यूरी केवी. विश्वनाथन ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच को जानकारी दी कि CPI(M) और NCP के उम्मीदवारों ने क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी नहीं दी। ऐसे में इन राजनीतिक दलों पर एक्शन लिया जाना चाहिए। साथ ही अन्य राजनीतिक दलों की भी जांच की जानी चाहिए। चुनाव आयोग की ओर से हरीश साल्वे ने कहा कि अगर कोर्ट किसी राजनीतिक दल पर जुर्माना लगाता है, तो वह एक रुपये जैसा सांकेतिक नहीं होना चाहिए।
कई पार्टियों ने मांगी माफी
मामले में कांग्रेस, NCP, BSP और CPI (M) की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सामने माफी मांगी गई है, जिसमें उन्होंने अपने उम्मीदवारों की जानकारी सार्वजनिक ना करने पर खेद व्यक्त किया है। NCP ने बताया कि उन्होंने अपने प्रदेश यूनिट के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया है, जबकि बसपा का कहना है कि वह उम्मीदवारों के खिलाफ एक्शन ले रही है।
उम्मीदवारों की जानकारी साझा नहीं की
बता दें कि, याचिकाकर्ता द्वारा अपील की गई थी कि कई राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों की जानकारी साझा नहीं की, ऐसे में उनपर एक्शन लिया जाना चाहिए।