Bihar Politics: नीतीश को पीएम और मुझे सीएम बनने की हड़बड़ी नहीं, बिहार विधानसभा में तेजस्वी का बड़ा बयान
Bihar Politics: उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने विधानसभा में पथ निर्माण विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा कि न नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनने और न मुझे मुख्यमंत्री बनने की कोई जल्दबाजी है।
Bihar Politics: लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की बढ़ी सक्रियता ने इन दिनों बिहार की सियासत को गरमाया हुआ है। नौकरी के बदले जमीन घोटाले में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। सीबीआई उनसे इस मामले में 25 मार्च को पूछताछ भी करने वाली है। इस बीच लालू के लाल ने बिहार विधानसभा में एक बड़ा बयान दिया है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने विधानसभा में पथ निर्माण विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा कि न नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनने और न मुझे मुख्यमंत्री बनने की कोई जल्दबाजी है। तेजस्वी जब ये बोल रहे थे तब बिहार सीएम उन्हीं के बगल में बैठे हुए थे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार राज्य में अच्छा काम कर रही है।
नीतीश के अधीन काम करके खुश हूं
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्र तेजस्वी यादव विधानसभा में सीबीआई और ईडी की रेड को लेकर बीजेपी पर जमकर बरसे। उन्होंने बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पिछली बार उन्होंने मिट्टी घोटाले के बारे में अफवाह फैलाया था। बाद में गठबंधन टूट गया था। एकबार फिर ये उसी जुगत में लगे हुए हैं। महागठबंधन बनने से परेशान ये लोग तरह-तरह के अफवाह फैला रहे हैं, मगर उसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला।
हमलोग पूरी तरह से एकजुट हैं और नीतीशजी को इस फैसले के लिए धन्यवाद देते हैं। पूरे देश इनको धन्यवाद दे रहा है। इसके बाद तेजस्वी यादव ने बड़ी महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर देखते हुए कहा कि न इनको प्रधानमंत्री बनना है और न हमको मुख्यमंत्री। हम जहां हैं, वहां खुश हैं। मैं नीतीश कुमार के अधीन काम करके खुश हूं। न ही नीतीश कुमार पीएम बनने की रेस में हैं और न ही मुझे सीएम बनने की जल्दी है।
तेजस्वी का यह बयान क्यों है महत्वपूर्ण ?
दरअसल, बिहार में जब से महागठबंधन ने आकार लिया है तब से इस बात की चर्चा आम है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली के लिए कैंपेन की शुरूआत करेंगे और डिप्टी तेजस्वी पटना में पूरा टेकओवर करेंगे। राजद के उत्साही नेताओं द्वारा समय-समय पर तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी होती रहती है। कई नेता तो नीतीश से जल्द से जल्द कुर्सी खाली करने तक की मांग कर चुके हैं। राजद नेताओं के दवाब को देखते हुए बिहार सीएम को ये ऐलान तक करना पड़ा कि अगला चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। हालांकि, अब उनकी पार्टी जदयू उस बयान से पीछे हटती नजर आ रही है।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों में जिस तरह केंद्रीय एजेंसियों की ताबड़तोड़ लालू परिवार के खिलाफ कार्रवाई हुई है। उससे महागठबंधन में नीतीश कुमार की स्थिति मजबूत हुई है। जमानत पर चल रहे तेजस्वी पर जेल जाने का खतरा मंडराने लगा है। केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के नेताओं के द्वारा संतुलित बयान देने को लेकर राजद के खेमे में बेचैनी और बढ़ गई है।
2017 वाला वाकया फिर से न दोहराया जाए, इसलिए तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद की लालसा को फिलहाल विराम दे रहे हैं और नीतीश के प्रति अपनी आस्था को मजबूती से प्रकट कर रहे हैं। वहीं, नीतीश कुमार भी विपक्षी नेताओं की ओर से उतना भाव नहीं मिलने के बाद जान चुके हैं कि केसीआर और ममता बनर्जी जैसे ताकतवर क्षत्रपों के मुकाबले दिल्ली पर उनकी दावेदारी काफी कमजोर है। ऐसे में तेजस्वी का बयान कम से कम उनकी बिहार की गद्दी को सुरक्षित जरूर रखेगा।