Adani-Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट ने फिर टाली सुनवाई, अब इस दिन होगी अगली सुनवाई; अडानी के शेयरों में गिरावट

Adani-Hindenburg Case:पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में अडानी-हिंडनबर्ग विवाद में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें सेबी पर सुप्रीम कोर्ट से महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाने और अदानी फर्मों द्वारा कथित स्टॉक हेरफेर पर डीआरआई के पत्र को छिपाने का आरोप लगाया गया था।

Report :  Viren Singh
Update:2023-10-13 12:08 IST

Adani-Hindenburg Case (सोशल मीडिया) 

Adani-Hindenburg Case: बाजार विशेषज्ञों और अडानी ग्रुप के निवेशकों के साथ समूह के चेयरमैन गौतम अडानी समेत अधिकांश लोगों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की ओर हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट सेबी द्वारा दायर की गई अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच रिपोर्ट पर सुनवाई करने जा रहा था, उसको अब टाल दिया है। शीर्ष अदालत  अब अडानी हिंडनबर्ग मामले की अगली सुनवाई की तारीख 20 अक्टूबर तय की है। हालांकि आज होने वाली सुनवाई का असर अडानी ग्रुप के कंपनियों के कारोबार पर दिखाई दिया। शेयर बाजार में ग्रुप के अधिकांश कंपनियों के शेयरों ने गोता लगाया।  हफ्ते के आखिरी दिन के कारोबार में अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड, अडानी पावर सहित अडानी समूह अन्य स्टॉक गिरावट पर करोबार कर रहे हैं। 

जानिए किस शेयर में कितनी गिरावट

बीएसई के मुताबिक, शुक्रवार को अडानी एंटरप्राइजेज 3%, अडानी पावर, अडानी टोटल गैस और अडानी विल्मर में 1% से अधिक की गिरावट पर कारोबार कर रहा है। जबकि अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस और अडानी ग्रीन एनर्जी में 0.7% -1% की गिरावट दर्ज हुई है। आपको बता दें कि देश के शीर्ष अदालत आज अडानी-हिंडनबर्ग मामले की सुनवाई को टलते हुए अगली सुनवाई की तारीख 20 अक्टूबर रखी है। वह बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा दायर ताजा स्थिति रिपोर्ट पर सुनवाई करनी है। 

SC में पिछले महीने में दायर हुई याचिका

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में अडानी-हिंडनबर्ग विवाद में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें सेबी पर सुप्रीम कोर्ट से महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाने और अदानी फर्मों द्वारा कथित स्टॉक हेरफेर पर राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के पत्र को छिपाने का आरोप लगाया गया था। वहीं, इस साल अगस्त में सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि उसने अडानी समूह के खिलाफ दो को छोड़कर सभी आरोपों की जांच पूरी कर ली है और समूह में निवेश करने वाली विदेशी संस्थाओं के वास्तविक मालिकों के बारे में अभी भी पांच टैक्स हेवेन से जानकारी का इंतजार कर रहा है।

विशेषज्ञ समिति पर उठे सवाल

इस बीच पिछले महीने भारत के सर्वोच्च न्यायालय को एक नई याचिका प्राप्त हुई थी, जिसमें अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच करने वाली मौजूदा विशेषज्ञ समिति की ईमानदारी पर सवाल उठाया गया था। इस याचिका के माध्मय से मांग की गई कि शीर्ष अदालत हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित मामले में बेदाग ईमानदारी और हितों का कोई टकराव न होने वाले व्यक्तियों को शामिल करके एक नया पैनल बनाए, ताकि अडानी- हिंडनबर्ग मामले की सही जांच पूरी हो सके।

जानिए क्या है अडानी और हिंडनबर्ग का पूरा मामला

इस साल 23 या 24 जनवरी में अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोपों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट के माध्मय से हिंडनबर्ग ने कहा था कि अडानी समूह लेखांकन धोखाधड़ी, स्टॉक मूल्य में हेरफेर और टैक्स हेवन के अनुचित उपयोग में शामिल है। इन आरोपों के बाद से शेयर बाजार में ग्रुप के शेयरों एक दम से धड़ाम हो गए। अडानी ग्रुप का बाजार मूल्य अपने सबसे निचले स्तर पर लगभग 150 बिलियन डॉलर कम हो गया, जिसका असर गौतम अडानी के नेटवर्थ पर भी पड़ा। इससे उनकी वैश्विक अमीरी रैंकिंग में गिरावट आई। वह तीसरे स्थान के खिसकर टॉप-30 से बाहर हो गए। हालांकि अब स्थितियों सुधरी हैं और उनके कारोबार में वृद्धि हो रही है। इससे उनका नेटवर्थ भी बढ़ा है। अडानी 34वें पायदान से छलांग लागकर 22वें स्थान पर आ गए हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 54 अरब डॉलर पहुंच गया है। भारत वह पिछले साल अमीरों की सूची में पहले स्थान पर थे, लेकिन इस बार वह दूसरे स्थान पर हैं।

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