Amla ki Kheti: एक बार की खेती में 60 से 70 साल तक सालाना 4 से 5 लाख रुपये की कमाई, सरकार भी कर रही मदद

Amla ki Kheti Kiase Kare: बिहार सरकार राज्य में बागवानी खेती को बढ़ावा देने के लिए आंवला की खेती पर सब्सिडी की सुविधा प्रदान कर रही है। सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत आंवला की खेती के लिए किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है।

Update:2023-07-22 14:32 IST
Amla ki Kheti (सोशल मीडिया)

Amla ki Kheti Kiase Kare:: भारत में ऐसी कई फसलें हैं, जिन्हें खाने के साथ आयुर्वेदिक औषधि में उपयोग किया जाता है। इस वजह से इन फसलों मांग लोगों के बीच काफी रहती है और बाजार में भाव भी अच्छा मिलता है। ऐसी ही फसल एक आंवला की फसल है, जिसका उपयोग लोग खाने के साथ साथ आयुर्वेदिक औषधि में होता है। आंवला का कई प्रकार उपयोग किया जाता है। लोग बाल झड़ने के लिए आंवला खाते हैं। बाजार में आंवला का आचार बिकता है, जो खाने में काफी स्वादिष्ट लगात है। इस प्रकार के कई लाभकारी गुण होने के चलते आंवला को व्यावसायिक खेती दर्ज मिला हुआ है। इसके अलावा सरकार भी इसकी खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। कई किसान इसकी खेती कर लागत से गुना पैसा पैदा कर रहे हैं। ऐसे अगर आप भी किसान हैं और अधिक लाभ करना चाहते हैं तो आंवला की खेती सबसे बेस्ड विकल्प है।

बिहार सरकार दे रही सब्सिडी

दरअसल, बिहार सरकार राज्य में बागवानी खेती को बढ़ावा देने के लिए आंवला की खेती पर सब्सिडी की सुविधा प्रदान कर रही है। सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत आंवला की खेती के लिए किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। सरकार ने इसकी खेती की लागत प्रति हेक्टेयर 60 हजार रुपये तय की है। इस हिसाब से वह किसानों को 30 हजार रुपये सब्सिडी दे रही है। केवल बिहार के किसान को आंवला की खेती के लिए 30 हजार रुपये ही आपने पास से खर्च करने होंगे और इससे वह लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं।

कैसे करें आंवला की खेती?

किसान भाई ध्यान दें कि आवंला की खेती के सबसे अच्छा समय गर्मी का सीजन मना गया है। समशीतोष्ण जलवायु सबसे उपयुक्त समय मना गया है। इसकी एक बार खेती से जीवन भर की कमाई की जा सकती है। एक बार तैयार होने के बाद इसका पेड़ 60 से 70 साल तक चलता है। हालांकि इस दौरान समय समय पर इसके पेड़ की उचित देखभाल करने की जरूरत होती है। खेत में आंवला का पौधा लगाने के बाद उसकी सिचांई की जरूरत होती है। जब तक पेड़ तैयार न हो जाए तो इसकी सिंचाई की ध्यान देने की जरूरत होती है, जबकि एक बार पेड़ फल देने लगे तो इसकी सिंचाई बन कर देनी चाहिए। अगर किसान इसकी देखभाल सही ढंग से किया हो तो वह आराम से एक पेड़ से 100 से 120 आंवला प्राप्त कर सकता है। इसकी पूरी खेती में कुल 6 से 8 निराई गुड़ाई की जरूरत होती है, जिसके बाद आंवला का पौधा खुद तैयार होने लगाता है।

ऐसे करें सब्सिडी के लिए आवेदन

बिहार के किसान आंवला की खेती के राज्य सरकार से इसमें मिलने वाली सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें बिहार सरकार के बागवानी विभाग के पोर्टल https://horticulturebihar.gov.in पर आवेदन करना होगा। इसके अलावा और इसकी जानकारी चाहते हैं तो फिर आप अपने जिले के उद्यान विभाग कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।

आंवले का उपयोग व फायदे

आंवला मे बड़ी मात्र में विटामिन सी मिलता है, जिसका उपयोग लोगों के कई बीमारियों के इलाज में लिया जाता है। इसके अलावा आवंला का उपयोग मुरब्बा, कैंडी, अचार, आयुर्वेदिक उत्पाद जैसे त्रिफला, च्यवनप्राश बनाने में किया जाता है। इस वजह से बाजार में इसकी मांग काफी अधिक होती है और कीमत भी अच्छी मिलती है।

हर साल 4 से 5 लाख का फायदा

किसान आंवला खेती से अच्छी कमाई कर सकता है। इसकी खेती करने के लिए एक एक हेक्टेयर में औसतन लागत 25 से 30 हजार की लागत आती है। रोपाई के बाद आंवला का पौधा 4 से 5 साल में फल देने लगता है। हालांकि पूरी तरह यह पेड़ 8 से 9 साल में तैयार होता है, जिसके बाद यह एक पेड़ हर साल औसतन 1 क्विंटल आंवला फल देता है। बाजार में आंवला 15 से 20 रुपये किलो आराम से बिकता है। इस हिसाब से एक पेड़ से किसान को 1500 से 2000 रुपये की कमाई कर सकता है। एक हेक्टेयर करीब 200 आंवले के पौधे लगते हैं। तो आप साल भर में इससे 3 से 4 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं। इसके अलावा पेड़ों के बीच में खाली 10-10 फुट की जगह में किसी अन्य चीज की पैदावारी कर कमाई कर सकते हैं।

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