Arbi ki Kheti: अरबी पत्तों की लोगों में है जबरदस्त मांग, इसकी खेती किसानों को करती है मालामाल; जानें कैसे करें

Arbi ki Kheti: अरबी के पत्तों में काफी पौष्टिक गुण मौजूद होते हैं,क्योंकि इसमें विटामिन ए,बी,सी, कैल्शियम, पोटेशियम और ऐंटि-ऑक्सिडेंट पाया जाता है। यह सारे तत्व मानव शरीश के लिए काफी फायदेमंद होते हैं और कई बीमारियों से मुक्ति दिलाते हैं। ऐसे में अगर कोई किसान इसकी खेती करता है तो वह काफी मुनाफा कमता है।

Update: 2023-07-24 11:46 GMT
Arbi ki Kheti (सोशल मीडिया)

Arbi ki Kheti: ऐसी कई फसलें हैं, जिसका उपयोग खाने के साथ औषधी दवा बनाने के लिए किया जाता है। बाजार में ऐसी फसलों की खूब मांग होती है और इनके अच्छे दाम मिलते हैं। कई किसान इन प्रकार की फसलों की खेत कर अच्छा लाभ कमा करे हैं। आज एक ऐसी फसल की बात करेंगे, जिसकी बाजार में काफी मांग होती है और इसके सेवन से लोगों को कई प्रकार की बीमारियों से छूटकारा मिलता है। यह फसल है अरबी के पत्तों की। अरबी के पत्तों की लोग सब्जी के साथ पकौड़े बड़ी चाव के साथ खाते हैं। यह पत्तें स्वादिष्ट के साथ साथ पौष्टिक भी होते हैं। इन गुणों की होने की वजह से अगर कई किसान अरबी के पत्तों की खेती करता है तो वह अच्छा लाभ कमा सकता है,क्योंकि मार्केट में यह बहुत बिकते हैं। तो आप आपको यह बताएंगे कि अरबी की खेती से किसान को कितना प्रॉफिट हो सकता है और इसमें क्या पौष्टिक तत्व मिलते हैं।

मिलते हैं यह पौष्टिक गुण

अरबी के पत्तों में काफी पौष्टिक गुण मौजूद होते हैं,क्योंकि इसमें विटामिन ए,बी,सी, कैल्शियम, पोटेशियम और ऐंटि-ऑक्सिडेंट पाया जाता है। यह सारे तत्व मानव शरीश के लिए काफी फायदेमंद होते हैं और कई बीमारियों से मुक्ति दिलाते हैं। जैसे ब्लड प्रेशर कंट्रोल, आखों की रोशनी में तेजी,मांसपेशियां मजबूत और जोड़ो में बना दर्द को खत्म करता है। इसके अलावा कई और फायदे होते हैं। यह शरीर के वजन को नहीं बढ़ने देता है। अगर सीजन में अरबी के पत्तों का सेवन करते हैं तो आप कई बीमारियों के छूटकारा पा सकते हैं।

कैसे करें इसकी खेती

अरबी के पत्तों को उत्तर प्रदेश के कई जिलों लोग इसे घुइयां, अरवी, घूय्या व अरुई के नाम से जानते हैं। इसकी खेती किसान दो मौसम में कर सकते हैं। पहला खरीफ और दूसरा रबी के मौसम में। खरीफ के मौसम की बात करें तो किसान अरबी के पत्तों की बुवाई जुलाई माह कर सकता है। यह फसल जनवरी में तैयार होती है, जबकि रबी के मौसम में किसान इसकी बुवाई अक्टूबर माह में करता है, जिसके बाद यह फसल अप्रैल से लेकर मई में तैयार होती है।

किसान भाई ध्यान दें कि इसके पौधे बरसात और गर्मी में काफी तेजी के विकसित होते हैं। इसकी खेती के लिए किसानों को दो से तीन बार खेती की गहरी जुताई करना चाहिए। खेत में पौधा बोने से 15 से 20 दिन पहले गोबर की खाद को खेत में मिला दें। खेतों में 45 सेमी. की दूरी-दूरी पर मेड़ बनाएं। दोनों मेड़ की दूरी 30 सेमी होनी चाहिए। गर्मी के सीजन में खेत में नमी जरूर बनाए रखें। इसलिए के 7 से 8 दिन के बीच में सिंचाई करते रहे हैं। बारिश के समय ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती है, लेकिन 10 से 15 दिन तक पानी नहीं गिरे तो खेत की सिंचाई जरूर कर दें। यह फसल 130 से 140 दिन में तैयार हो जाती है।

इसकी खेती से कमाई

अगर कोई किसान अच्छे से अरबी की पत्तों की खेत करता है तो वह आराम से एक हेक्टेयर में 150 से 180 क्विंटल का उत्पादन पा सकता है। बाजार में इसका भाव आराम से 8 रुपये लेकर 10 रुपये किलो होता है, लेकिन यह कभी कभी 20 से 22 रुपये किलो तक पहुंच जाता है। अगर बाजार में अरबी के फसल का अच्छा भाव रहे तो किसान आराम से एक सीजन में एक एकड़ में 1.5 से 2 लाख रुपये की कमाई कर सकता है।

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