chandrayaan-3: भारत के अंतरिक्ष मिशन पर हो खर्च पैसे की BBC ने की थी कभी आलोचना, अब इस तरह आनंद महिंद्रा ने दिया जवाब
Chandrayaan-3 Update: अरबपति कारोबारी आनंद महिंद्रा ने उस पुराने वीडियो को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा कि "वास्तव में?? सच्चाई यह है कि, बड़े पैमाने पर हमारी गरीबी दशकों के औपनिवेशिक शासन का परिणाम थी, जिसने पूरे उपमहाद्वीप की संपत्ति को व्यवस्थित रूप से लूटा।
Chandrayaan-3 Update: भारत ने चंद्राम के उस छोर पर पर चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराकर इतिहास रच दिया है, जिस छोर पर आज तक दुनिया का कोई भी विकसित देश नहीं पहुंच पाया है। यानी चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र (साउथ पोल)। दुनिया के समक्ष अपनी प्रतिभा का लोह मनवाते हुए इसरो ने 23 अगस्त, 2023 को तय समय शाम 6.04 बजे चंद्रायान- 3 को चंद्रमा के साउथ पर पोल पर सफल लैंडिंग कराई, जैसे ही इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ अपनी कुर्सी से उछलकर सफलता का खुशी जाहिर की, तब दुनिया भर में फैले भारतीय इंटरनेट और टीवी स्क्रीन पर नजर गढ़ाए देखे रहे चंद्रायान-3 की लैंडिंग का लाइव टेलीकॉस्ट से समझ चुके थे कि हम सफल हो गए हैं। उसके बाद समूचे भारत भारत माता की जयघोष के नारे लगने लगे। हर तरह बधाइयों का संदेश भेजा रहा था। लोग अपने वैज्ञानिकों के कथक परिश्रम की सराहना करते हुए उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दे रहे थे। चंद्रयान- 3 की सफलता पर पूरे विश्व में भारत की जयघोष हुई। दुनिया के दिग्गज नेताओं ने इसरो और उसके वैज्ञानिकों को बधाई संदेश दिये।
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चंद्रयान- मिशन की सफलता के बाद सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यह वायरल वीडियो बीसीसी का है, जिसमें बीसीसी का एंकर भारत के अंतरिक्ष मिशन पर खर्च किये जा रहे पैसा पर सवाल उठा रहा है और वह कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि जिस देश में गरीबी हो, क्या उस देश को अंतरिक्ष कार्यक्रम पर इतना पैसा खर्च करने की ज़रूरत है?
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद वायरल हुआ पुराना वीडियो
बीबीसी का यह वीडियो काफी पुराना है। इस वीडियो पर बीबीसी का एंकर एक पैनालिस्ट से सवाल करता है कि क्या भारत, जिसमें बुनियादी ढांचे की कमी है और अत्यधिक गरीबी है, को अंतरिक्ष कार्यक्रम पर इतनी धनराशि खर्च करनी चाहिए? अब इसी पूरी वीडियो पर आनंद महिंद्रा ने तगड़ा पलटवार किया है, जैसे कि अक्सर वे अपने सोशल मीडिया हैंडल ट्विटर पर करते हुए दिखाई देते हैं।
Really?? The truth is that, in large part, our poverty was a result of decades of colonial rule which systematically plundered the wealth of an entire subcontinent. Yet the most valuable possession we were robbed of was not the Kohinoor Diamond but our pride & belief in our own… https://t.co/KQP40cklQZ
— anand mahindra (@anandmahindra) August 24, 2023
महिंद्रा बोले, हमारी गरीबी औपनिवेशिक शासन का थी परिणाम
संपत्ति नहीं लूटा हमारा गौरव
उन्होंने आगे कहा, "फिर भी हमसे जो सबसे मूल्यवान संपत्ति लूटी गई, वह कोहिनूर हीरा नहीं बल्कि हमारा गौरव और अपनी क्षमताओं पर विश्वास था, क्योंकि उपनिवेशीकरण का लक्ष्य इसका सबसे घातक प्रभाव अपने पीड़ितों को उनकी हीनता के बारे में समझाना है। जो इसीलिए शौचालय और अंतरिक्ष अन्वेषण दोनों में निवेश करना कोई विरोधाभास नहीं है।
अंतरिक्ष कार्यक्रम पर ये बोले आनंद्र महिंद्रा
इसके अलावा, उन्होंने उल्लेख किया कि अंतरिक्ष कार्यक्रम जैसी पहल गौरव और आत्मविश्वास को बहाल करने और विज्ञान के माध्यम से प्रगति में विश्वास पैदा करने में मदद करती हैं। उन्होंने कहा कि यह खुद को गरीबी से बाहर निकालने की आकांक्षा देता है। सबसे बड़ी गरीबी आकांक्षा की गरीबी है।
जानें कौन कौन देश पहुंचे चांद पर
आपको बता दें कि भारत के चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 के बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के बाद भारत भी उन चार देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने चांद पर कदम रखा है। इसमें अमेरिका, सोवितय संघ (रूस) और चीन और भारत शामिल हो गया है। हालांकि भारत चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बना गया है, जहां पर आज तक कोई नहीं पहुंच पाया है। रूप लूना मिशन के माध्मय से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने की कोशिश जरूर की थी, लेकिन वह इसमें फेल हो गया।