कोरोना से शेयर बाजार में कोहराम, अब RBI ऐसे रोकेगा बड़ी गिरावट
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में खौफ का महौल है। यह खतरनाक वायरस अब देश के सामने भी बड़ी चुनौती बनता दिखाई दे रहा है। कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इससे संक्रमित मरीजों की संख्या अब 154 हो गई है। इस वायरस का असर दुनिया के शेयर बाजार पर भी पड़ा है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में खौफ का महौल है। यह खतरनाक वायरस अब देश के सामने भी बड़ी चुनौती बनता दिखाई दे रहा है। कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इससे संक्रमित मरीजों की संख्या अब 154 हो गई है। इस वायरस का असर दुनिया के शेयर बाजार पर भी पड़ा है।
कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार अभी तक 30 फीसद से ज्यादा गिर चुका है, निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब चुकी है और अभी भी बाजार में गिरावट जारी है। बाजार पर कोरोना का डर हावी हो चुका है। भारतीय बाजार बुधवार को 3 साल के निचले स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स 1709.58 अंक टूटकर 28,869.51 के स्तर पर बंद हुआ, तो वहीं निफ्टी 425.55 अंक टूटकर 8,541 के स्तर पर पहुंच गया।
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सेंसेक्स 10 मार्च 2017 के बाद 29,000 के नीचे फिसल गया। यही नहीं, अभी भी गिरावट थम नहीं रही है। इसी हफ्ते आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भरोसा दिया था कि केंद्रीय बैंक की नजर हालात पर है।
इसी कड़ी में अब शेयर बाजार को संभालने के लिए आरबीआई ने पहला कदम उठा दिया है, अब आरबीआई 20 मार्च को 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड के तौर पर ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMO)खरीदेगा।
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गौरतलब है कि कोरोना वायरस की वजह से फाइनेंशियल सिस्टम की रफ्तार थम गई है, अब आईबीआई ने 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड के तौर पर ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMO) खरीदेगा। यानी आरबीआई बैंकों में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए बॉन्ड खरीदकर उन्हें फंड मुहैया कराएगा।
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आरबीआई ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से कुछ फाइनेंशियल मार्केट सेगमेंट की वित्तीय हालत खराब हो गई है। ऐसे में लिक्विडिटी बढ़ाकर स्टेबलिटी देने की कोशिश होगी।
बता दें कि शेयर बाजार और खासकर बैंकिंग सेक्टर आरबीआई से रेट कट की उम्मीद कर रहा है, शक्तिकांत दास ने पिछले दिनों संकेत भी दिया कि केंद्रीय बैंक जल्द ही रेट कट को लेकर फैसला ले सकता है।