फिर टूटे सारे रिकॉर्ड: बिटकॉइन ने मचा दिया धमाल, कीमतों ने मारी जोर की उछाल
इस बार फिर से क्रिप्टोकरेंसी ने सारे रिकॉर्ड्स को पार कर दिया है। पिछले दिन शनिवार को डिजिटल करेंसी ने 26,900 डॉलर का नया ऑलटाइम हाई रिकॉर्ड बनाया है। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी में बहुत तेजी से एक बिटकॉइन के दाम 19.90 लाख रुपए हो गए हैं।
नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी ने इस बार फिर से सारे रिकॉर्ड्स को पार कर दिया है। पिछले दिन शनिवार को डिजिटल करेंसी ने 26,900 डॉलर का नया ऑलटाइम हाई रिकॉर्ड बनाया है। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी में बहुत तेजी से एक बिटकॉइन के दाम 19.90 लाख रुपए हो गए हैं। जिसके चलते पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही तत्काल मुनाफे के लिए बड़े निवेशक इसका चयन भी कर रहे हैं। जिसकी वजह से इसके दामों में तेजी से उछाल आ रहा है। आपको बता दें नवंबर के महीने में बिटकॉइन के दाम 18,000 हजार डॉलर के स्तर को पार चुका था।
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50 से 60 लाख बिटकॉइन यूजर्स
ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Binance पर कारोबार के बीच बिटकॉइन 26,900 के हाई पर पहुंच गई। पिछले 24 घंटे में इसमें लगभग 8 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। आपको बता दें मात्र एक साल में इस करेंसी में 271 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है।
सामने आए रिकॉर्ड के आंकड़ों के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि भारत में इस समय करीब 50 से 60 लाख बिटकॉइन यूजर्स हैं और आने वाले समय में इसके दामों में और उछाल देखने को मिल सकती है।
साथ ही इस बारे में मार्केट के विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 तक बिटकॉइन के दाम 1 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। CoinDCX के सीईओ सुमित गुप्ता ने बताया कि मांग में तेजी रहने से 2021 में बिटकॉइन के दामों में और तेजी देखने को मिल सकती है। वहीं मांग में तेजी रहने से 2021 में बिटकॉइन के दाम और बढ़ेंगें।
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क्रिप्टोकरेंसी ये होती है...
जानकारी देते हुए आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। साथ ही इस करेंसी में कूटलेखन तकनीक का प्रयोग होता है। और इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है।
और एक यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है। वहीं क्रिप्टोकरेंसी का परिचालन केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होता है, जो इसकी सबसे बड़ी कमी है।
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