Keshub Mahindra Dies: महिंद्रा समूह के पूर्व अध्यक्ष केशब महिंद्रा का निधन, छोड़ गए पीछे बिलियन डॉलर की संपत्ति
Keshub Mahindra Dies: केशब महिंद्रा का जन्म 9 अक्टूबर 1923 को शिमला में हुआ था। उन्होंने अमेरिका के पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से स्नातक की पढ़ाई की थी।
Keshub Mahindra Dies: एक गीत है
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आज इसके गीत के बोल देश के जाने माने उद्योगपति केशब महिंद्रा के निधन पर चरितार्थ कर रहे हैं। हजारों कराड़ों की संपत्ति और धन-दौलत इस दुनिया में छोड़कर खाली हाथ अनंत यात्रा पर चले गए हैं। देश के सबसे पुराने अरबपति और महिंद्रा एंड महिंद्रा के पूर्व अध्यक्ष केशब महिंद्रा का बुधवार को निधन हो गया। वे 99 वर्ष के थे। केशब महिंद्रा के निधन की सूचना आते ही समूचे देश के अर्थ जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। हर कोई अपने शब्दों में केशब के व्यक्तित्व का बखान कर रहा है और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है।
उद्योग जगत ने खोया सबसे बड़ा व्यक्तित्व
इनस्पेस के अध्यक्ष पवन के गोयनका ने केशब महिंद्रा के निधन उन्हें याद करते हुए कहा कि उद्योग जगत ने आज एक सबसे बड़े व्यक्तित्व को खो दिया है। केशव महिंद्रा का कोई मुकाबला नहीं था। सबसे अच्छे व्यक्ति को जानने का मुझे सौभाग्य मिला। मैं हमेशा उनके साथ बैठकों के लिए उत्सुक रहता था। उन्हें व्यापार, अर्थशास्त्र और सामाजिक मामलों के जोड़ का गहन ज्ञान था। ऐसी महान हस्ती को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। ओम शांति…।
सिंघनिया ने कहा- जिया शानदार जीवन
रेमंड लिमिटेड (The Raymond) के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर, गौतम सिंघानिया ने कहा कि महिंद्रा एक ऐसे व्यक्ति थे जो किसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को नेविगेट कर सकते थे। केशब ने करीब पांच दशकों तक महिंद्रा समूह के विकास का मार्गदर्शन किया और एक शानदार जीवन जिया। उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि वह कई चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को पार कर सकते थे.। उन्हें निधन पर महिंद्रा समूह के परिवार, कर्मचारियों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।
पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से
किया था स्नातक
केशब महिंद्रा ने 1963 से 2012 तक मुंबई स्थित समूह के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। कंपनी के शुरुआती वर्षों में जब उसने यूटिलिटी वाहनों की बिक्री और निर्माण शुरू कराने की जिम्मा सौंपा, उन्हें इस सेगमेंट में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से स्नातक की डिग्री हासिल की थी।
शिमला में हुआ था जन्म
केशब महिंद्रा का जन्म 9 अक्टूबर 1923 को शिमला में हुआ था। उन्होंने अमेरिका के पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वे 1947 में महिंद्रा कंपनी ने शामिल हुए, जो कि उनके पिता जे सी महिंद्रा द्वारा साल 1945 में सह-स्थापित किया था। केशब महिंद्रा ने साल 1963 में कंपनी के अध्यक्ष बने। इस दौरान उन्होंने कंपनी को भारत में विली जीप के असेंबलर से एक विविध समूह में बदल दिया।
1.2 बिलियल डॉलर की थी
संपत्ति
भारत के सबसे पुराने अरबपति महिंद्रा ने हाल ही में फोर्ब्स की दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों की सूची में 1.2 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ अपना स्थान पुनः प्राप्त किया था। महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के 99 वर्षीय चेयरमैन एमेरिटस 169 अन्य भारतीय अरबपतियों में शामिल थे, जिन्होंने 2023 में प्रतिष्ठित सूची बनाई थी। केशब पहले सूची में अपना स्थान खो चुके थे, लेकिन फिर से वापस आ गए थे।
इन महत्तवपूर्ण पदों रहे थे
केशब महिंद्रा एसोचैम की एपेक्स एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य और एम्प्लॉयर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट एमेरिटस भी थे। दिग्गज उद्योगपति ने टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स, आईसीआईसीआई, आईएफसी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और इंडियन होटल्स जैसी कंपनियों के बोर्ड और काउंसिल में भी काम किया है।
वह हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HUDCO) के संस्थापक, हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन के वाइस-चेयरमैन, महिंद्रा यूजीन स्टील के चेयरमैन, बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग के निदेशक और बॉम्बे बर्माह ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के भी संस्थापक थे।