जी-20 देशों का बड़ा फैसला: निशाने पर हैं ये दिग्गज डिजिटल कंपनियां, जानिए क्यों?

शनिवार को गूगल, फेसबुक और अमेजन जैसी दिग्गज डिजिटल कंपनियों से कर वसूलने को लेकर जी-20 देशों के अधिकारी एकजुट नजर आए। अधिकारियों ने कहा, दुनिया की शीर्ष इकोनॉमी को इन कंपनियों से कर वसूलने की चुनौतियों से निपटने के लिए एकता दिखानी होगी।

Update:2020-02-23 10:55 IST

नई दिल्ली शनिवार को गूगल, फेसबुक और अमेजन जैसी दिग्गज डिजिटल कंपनियों से कर वसूलने को लेकर जी-20 देशों के अधिकारी एकजुट नजर आए। अधिकारियों ने कहा, दुनिया की शीर्ष इकोनॉमी को इन कंपनियों से कर वसूलने की चुनौतियों से निपटने के लिए एकता दिखानी होगी।

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ग्लोबल रूल

डिजिटल कंपनियों से कर वसूलने के लिए आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) वैश्विक नियम तैयार कर रहा है। नियम ऐसे होंगे कि कंपनियां वहीं भुगतान करें जहां वे बिजनेस कर रही हैं, न कि सिर्फ उस देश को जहां वे पंजीकृत हैं। ओईसीडी का कहना है कि इससे प्रति वर्ष कुल 100 अरब डॉलर का राष्ट्रीय कर राजस्व बढ़ सकता है।

कंपनियों की कर चोरी

ग्लोबल इकोनॉमी के ताजा हालात पर दो दिन की चर्चा के लिए एकित्रत हुए जी-20 देशों के वित्त मंत्री और इनके केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों ने इस मुद्दे पर लगभग समान राय रखी। कई अधिकारियों ने कहा, यह नियम हर देश की सरकार को बड़ी कमाई करने वाली ऐसी कंपनियों से अपना कानूनी हिस्सा लेने का अधिकार देगा। तकनीकी बदलाव के दौर में वित्तीय बाजार और कारोबार को भी नवीन नीतियों की जरूरत है। नियमों में सुधार कर बड़ी कंपनियों की कर चोरी पर लगाम कसनी चाहिए।

 

अमेरिका जो इन बड़ी डिजिटल कंपनियों का घर है, वहां नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले इन नियमों को लागू करने की कोशिश की जा रही है। जर्मनी के वित्त मंत्री ओलाफ स्कॉल्ज ने बैठक से इतर एक टैक्स सेमिनार में कहा, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों का इंतजार नहीं किया जा सकता।

अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन मुचिन को देखते हुए स्कॉल्ज ने कहा, इसके लिए कुछ देशों में नेतृत्व की जरूरत है। ओईसीडी के प्रमुख एंजल गुर्रिया ने कहा, इस मुद्दे पर विकल्प को देखते हुए आगे बढ़ना ही एकमात्र रास्ता है। बता दें कि मुचिन ने पिछले साल बैठक में कहा था कि इस मुद्दे पर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही विकल्प तैयार करने को आगे बढ़ना चाहिए।

 

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35 लाख करोड़ की सालाना कर चोरी

रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी डिजिटल कंपनियां वैश्विक स्तर पर 35 लाख करोड़ रुपये की सालाना कर चोरी करते हैं। जबकि भारत में फेसबुक के करीब 30 करोड़ उपभोक्ता हैं। वहीं भारत डिजिटल शॉपिंग का बड़ा गढ़ बनता जा रहा है, जिससे अमेजन जैसी कंपनियां बड़ा मुनाफा कमा रही हैं। ऐसे में नियमों के लागू होने से भारत को कर के रूप में बड़ा राजस्व प्राप्त हो सकता है।

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