Farmer Success Story: हल्दी की खेती से एक पढ़े-लिखे युवा ने बदली अपनी किस्मत, पैसा तो कमाया अगल से पहचान भी बनाई

Farmer Success Story: यह कहानी है पंजाब के बरनाला जिले के कट्टू गांव में रहने वाले अतिंदर पाल सिंह की। सरबजीत सिंह ने पंजाब के कृषि विश्वविद्यालय से फसल विज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल की है। सिंह चाहते तो और फील्ड में कैरियर बना सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और वह खेती किसानी से जुड़े।

Update: 2023-08-03 02:48 GMT
Farmer Success Story (सोशल मीडिया)

Farmer Success Story: देश में अधिकतर पढ़े लिखे युवाओं को लगता है कि खेती किसानी अनपढ़ों का काम है। जिसने एक अच्छी डिग्री हासिल की है, वह खेती किसानी में अपना समय क्यों बर्बाद करेगा? एक दौर था, जब अनपढ़ ही खेती किसानी गांव में किया करते थे। अगर उस घर में कोई पढ़ा लिखा व्यक्ति होता था, तो वह बाहर कमाने चला जाया करता था। लेकिन अब दौर बदल चुका है। कृषि क्षेत्र में हुए नए नए खोजों से देश में अब खेती किसानी का आयाम बदल चुका है, जिसके माध्मय से किसान खुद अपना ठीक से परिवार नहीं पाल पाता था। वही, कृषि क्षेत्र किसान की आय बढ़ाने के साथ साथ कई लोगों को रोजगार का माध्मय बना पड़ा है। कृषि क्षेत्र में हुए नए अविष्कार से अब देश के पढ़े लिखे युवा ठीक ठीका नौकरी को छोड़कर खेती किसानी में अपना भविष्य बना रहे हैं। साथ ही, इनमें से कई लोग सफलता की नई मिशाल पेश कर रहे हैं।

कहानी पंजाब के बरनाला जिले युवा किसान की

इस कड़ी में आज एक ऐसी ही युवा किसान की कहानी बताऊंगा, जिसके पास अच्छी डिग्री होने के बाद भी खेती किसानी को अपना पेशा चुना, चाहता तो वह अन्य जगह से लाखों रुपये की कमाई कर सकता था,लेकिन उसने कृषि ही अपना पेशा चुना। आज यह युवा किसान खेती के लाखों रुपये की कमाई तो कर ही रहा, ऊपर से इसकी वह खेती कर रहा, उसमें उसने क्षेत्र में अलग पहचान बनाई है। यह कहानी है पंजाब के बरनाला जिले के कट्टू गांव में रहने वाले अतिंदर पाल सिंह की। सरबजीत सिंह ने पंजाब के कृषि विश्वविद्यालय से फसल विज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल की है। सिंह चाहते तो और फील्ड में कैरियर बना सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और वह खेती किसानी से जुड़े। आज वह अपने कृषि अध्ययन का उपयोग खेती किसानी में कर रहे हैं। वह देसी तरीके से फसलों की पैदावार करते हैं। इतना ही नहीं, खेत में लगने वाले कीटों को खत्म करने के लिए भी देसी तरीका अपनाया है।

दो एकड़ से शुरू की थी इसकी खेती

अतिंदर पाल सिंह ने महज दो एकड़ से हल्दी की खेती में कदम रखा था। आज वह इसके 9 एकड़ में कर रहे हैं, बल्कि इसकी एक प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाकर रखी है। हल्की की खेती के माध्यम से पाल एक एकड़ में 1,25,000 से 1,50,000 रुपये की बचत कर रहे हैं। गर्म के समय पाल अपने खेत में मूंगफली की खेती करते हैं। इस खेती से वह एक एकड़ में 25 से 30 हजार रुपये की बचत कर लेते हैं। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि अतिंदर पाल हल्की की विदेश में निर्यात होती है। पाल की हल्की मांग कनाड़ा में काफी है।

देश के युवाओं को दिया यह संदेश

अतिंदरपाल ने उन लोगों को सलाह दी है, जो खेती किसानी से मुंह मोड़ रहे हैं। पाल ने कहा कि देश के युवाओं को कृषि और इससे जुड़े व्यवसाय को करना चाहिए। कोशिश करें जब भी खेती करें, उसका वैज्ञानिक ढंग हो। इससे होगा क्या उनकी आय बढ़ेगी और भविष्य वह कई लोगों को रोजगार भी दे सकेंगे। खुद अतिंदपाल 20 से 25 लोगों को रोजगा मुहैया करवा रहे हैं।

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