New TCS Rules: घुमक्कड़ों को राहत, अब इस दिन से लागू होगा नया TCS नियम, जानें क्या है यह
New TCS Rules: RBI ने फरवरी 2004 में लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) की शुरुआत की थी। इसका मकसद यह था कि देश में रहने वाला व्यक्ति विदेश में निवेश या खर्च जैसे विशिष्ट उद्देश्यों के लिए पैसा आसानी से भेज सके। इस योजना के तहत एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति $250,000 तक भेज सकता है।
New TCS Rules:अगर आप भारतीय हैं और किसी विदेश की यात्रा को प्लान कर रहे हैं तो सबसे पहले यह काम करें कि यह खबर पढ़ लें, कहीं ऐसा न हो कि आपको अपनी इस यात्रा को कैंसिल करना पड़ जाए। दरअसल, आने वाली अक्टूबर से विदेश यात्रा करना महंगा होने जा रहा है। भारत सरकार टैक्स कलेक्शन एट सोर्स यानी टीसीएस में बढ़ोतरी कर दी है। सरकार टीसीएस को बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। 1 अक्टूबर, 2023 से अब भारतीयों को विदेश में किये गए खर्चों पर TCS 20 फीसदी लेगा। हालांकि मामलों में टीसीएस से राहत मिलेगी। टीसीएस की इस बढ़ोतरी से आने वाले दिनों सरकारी खजाने में कर संग्रह से प्राप्त होने वाले राशि में 300 फीसदी का इजाफा होगा। इससे पहले टीसीएस की बढ़ी हुई नया नियम 1 जुलाई, 2023 लागू होने जा रहा था, लेकिन वित्त मंत्रालय ने फिलहाल कुछ महीनों के लिए इसे टाल दिया है और अब यह अक्टूबर 2023 से लागू होगा।
अब विदेशों में इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड्स से लेन-देन नहीं लेगा
टीसीएस
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की बढ़ी हुई दरें जो 1 जुलाई 2023 से प्रभावी होनी थीं, वह अब 1 अक्टूबर 2023 से लागू होंगी। मंत्रालय ने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लेन-देन, जबकि विदेश में होने पर एलआरएस के रूप में नहीं गिना जाएगा और इसलिए टीसीएस के अधीन नहीं होगा। हालांकि पहले यह निर्णय लिया गया था कि विदेश में सभी क्रेडिट कार्ड पर हुए खर्चों पर 20 फीसदी का टीसीएस लगाया जाएगा।
? Important changes w.r.t. Liberalised Remittance Scheme #LRS and Tax Collected at Source #TCS
? No change in rate of #TCS for all purposes under #LRS and for overseas travel tour packages, regardless of mode of payment, for amounts up to ₹7 lakh per individual per annum
?… pic.twitter.com/PCQlwavHZT— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 28, 2023
2004 में हुई थी शुरुआत
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फरवरी 2004 में लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) की शुरुआत की थी। इसका मकसद यह था कि देश में रहने वाला व्यक्ति विदेश में निवेश या खर्च जैसे विशिष्ट उद्देश्यों के लिए पैसा आसानी से भेज सके। इस योजना के तहत एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति $250,000 तक भेज सकता है। यह राशि यात्रा, व्यावसायिक यात्राएं, रोजगार के लिए विदेश जाना, चिकित्सा उद्देश्य, शिक्षा, उपहार या दान, प्रवास, करीबी रिश्तेदारों के रखरखाव और किसी अन्य चालू खाता लेनदेन (सीएटी) जैसे खर्चों के लिए विदेश में भेजी जा सकती है। वर्तमान में टीसीएस एलआरएस के तहत आने वाले सभी विदेशी प्रेषण लेन-देन पर लागू है। हालांकि सरकार अब टीसीएस की दरों में बदलाव किया है और वह विदेश में हो रहे खर्चों पर नजर रख रही है।
2023 बजट में हुई थी घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल बजट में एलआरएस के तहत भुगतान और विदेशी टूर प्रोग्राम पैकेज पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की प्रणाली में कुछ बदलावों की घोषणा की गई थी। मार्च में यह भी घोषणा की गई थी कि क्रेडिट कार्ड से भुगतान को एलआरएस के तहत लाया जाएगा। हालांकि बुधवार को वित्त मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके विदेशी खर्च को एलआरएस के तहत शामिल नहीं किया जाएगा और इसलिए इस पर टीसीएस नहीं लगेगा।
इनको रखा गया टीसीएस के बाहर
विदेश में चिकित्सा और शैक्षिक उद्देश्यों को छोड़कर अन्य सभी विदेशी खर्चों पर एलआरएस के माध्यम से किए गए सभी विदेशी जावक प्रेषण (बैंक खाता हस्तांतरण, विदेशी मुद्रा, विदेशी मुद्रा कार्ड लोड करना) पर 20 फीसदी टीसीएल लगेगा, जोकि नई दर 1 अक्टूबर 2023 से लागू होगी।
विदेश में शिक्षा इतने पर नहीं देना होगा टीसीएस
आपको बता दें कि एलआरएस के तहत शैक्षिक खर्चों के लिए खर्च किए गए 7 लाख रुपये से कम के विदेशी प्रेषण पर कोई टीसीएस नहीं होगा। यदि विदेशी शिक्षा के लिए खर्च किए गए 7 लाख रुपये से अधिक का प्रेषण आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80ई के तहत एक अनुमोदित वित्तीय संस्थान से प्राप्त ऋण के माध्यम से किया जाता है तो इस पर 0.5 प्रतिशत टीसीएस लगेगा। शैक्षिक उद्देश्यों के लिए खर्च किए गए 7 लाख रुपये से अधिक के प्रेषण पर जो ऋण के माध्यम से प्राप्त नहीं किया गया है, उस पर 5 प्रतिशत का टीसीएस लगेगा।