Finance Ministry: सरकारी कर्मचारियों के लिए आई खुशखबरी...पेंशन सिस्टम की समीक्षा पर हुआ समिति के सदस्यों का गठन

Finance Ministry: इस समिति में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव, व्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन बतौर सदस्य शामिल हैं।

Update:2023-04-07 16:45 IST
Finance Ministry (सोशल मीडिया)

Finance Ministry: बीते दिनों केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के पेंशन के मुद्दों पर एक समिति गठित का ऐलान किया था। जिसके बाद इस बात को बल मिला था कि क्या केंद्र सरकार वापसओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू करने की मंशा है? फिलहाल सरकार ने यह सीमित नई पेंशन प्रणाली की समीक्षा करने के लिए घोषित की थी। अब इस पर केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है, जो कि सरकारी कर्मचारियों के राहत का विषय है। केंद्र सरकार के अधीन वित्त मंत्रालय ने (Ministry of Finance) सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन सिस्टम की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन करते हुए इसके सदस्यों का ऐलान कर किया है। वित्त मंत्रालय के वित्त सचिव टी वी सोमनाथन (TV Somanathan) इस समिति के अध्यक्ष हैं।

समिति में ये होंगे सदस्य

वित्त मंत्रालय ने पेंशन सिस्टम की समीक्षा के लिए समिति में अध्यक्ष के अलावा तीन सदस्यों का शामिल किया है। मंत्रालय के मुताबिक, समिति में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव, व्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन बतौर सदस्य शामिल हैं।

समिति देगी यह सुझाव

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते महीने लोकसभा में कहा था कि सरकारी कर्मचारियों के पेंशन के मुद्दे पर एक समिति गठित की गई है। इस समिति की जिम्मेदारी वित्त सचिव टीवी सोमनाथ को गई दी है। समिति केंद्रीय वित्त मंत्री को यह बताएगी कि लागू हुई नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के ढांचे में कोई परिवर्तन की जरूरत है या नहीं। इसके अलावा राजकोषीय निहितार्थों और समग्र बजटीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए एनपीएस में शामिल सरकारी कर्मी के पेंशल लाभों में सुधार की दृष्टि से इसमें संशोंधित का भी वित्त मंत्रालय को सुझाव देगी।

ये हैं समिति के अध्यक्ष

वित्त मंत्री ने सदन में कहा था कि वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में पैनल एक दृष्टिकोण विकसित करेगा जो आम नागरिकों की रक्षा के लिए राजकोषीय विवेक को बनाए रखते हुए कर्मचारियों की जरूरतों को संबोधित करता है।

जानें अब लागू हो हुई थी एनपीएस

आपको बता दें कि रिटायर्ड कर्मचियों की बढ़ती पेंशन का सामना करते हुए केंद्र सरकार ने जनवरी, 2004 को पुरानी पेंशन स्कीम खत्म कर नई पेंशन स्कीम लागू कर दी थी। सरकार ने कहा था कि अब से सभी नई भर्तियों एनपीएस के तहत की होंगी। एनपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी पेंशन के लिए अपने वेतन का 10% योगदान देते हैं और कुछ हिस्सा सरकार योगदान करती है। एनपीएस निवेश कर पेंशन योजना है। यह फिक्सड पेंशन की गारंटी नहीं प्रदान करती है, लेकिन दीर्घावधि में अधिक प्रीमियम मुहैया करवाती है। वहीं, पुरानी पेंशन योजना एक फिक्सड पेंशन मुहैया करवाती है और यह पेंशन की राशि अंतिम लिए गए वेतन का 50 फीसदी हिस्सा होती है।

ओपीएस पर नीति निर्माताओं का यह तर्क

हालांकि पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली पर पूर्व योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया जैसे अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं ने तर्क दिया है कि ओपीएस में वापसी का सरकारी वित्त पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।

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